करतारपुर कॉरीडोर हाईवे को ‘ग्रीन सिग्नल’

punjabkesari.in Sunday, Apr 21, 2019 - 08:09 AM (IST)

चंडीगढ़ (अश्वनी): करतारपुर कॉरीडोर से जुड़ने वाले हाईवे को पर्यावरण मंत्रालय ने ‘ग्रीन सिग्नल’ दे दिया है। प्रस्तावित हाईवे गांव चंदू नंगल के नजदीक से होकर गुजरने वाले नैशनल हाईवे-354 से शुरू होगा, जो आगे डेरा बाबा नानक शहर के नजदीक से गुजरते हुए पाकिस्तान बॉर्डर तक जाएगा। इसके लिए नैशनल हाईवे अथॉरिटी ने पर्यावरण मंत्रालय से 1.78 हैक्टेयर वन भूमि डायवर्ट करने की मांग की थी, जिसे मंजूरी प्रदान कर दी गई है।

PunjabKesari

इस हाईवे के निर्माण पर करीब 120 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। नैशनल हाईवे अथॉरिटी के अधिकारियों की मानें तो अमृतसर और गुरदासपुर को जोडऩे वाले नैशनल हाईवे-354 से लिंक करने वाले करतारपुर कॉरीडोर हाईवे की भारत-पाकिस्तान बॉर्डर तक कुल लम्बाई 3.59 किलोमीटर के आसपास होगी।

PunjabKesari

यह हाईवे डेरा बाबा नानक स्थित गुरुद्वारा श्री दरबार साहिब से भी जुड़ा होगा ताकि गुरुद्वारा साहिब में आने वाली संगत को हाईवे के जरिए कॉरीडोर तक पहुंचने में आसानी हो सके।

PunjabKesari

रावी नदी पर पुल या सड़क निर्माण पर चल रही बातचीत 
प्रोजैक्ट से जुड़े विशेषज्ञों की मानें तो भारत की तरफ से जीरो लाइन तक सड़क निर्माण का कार्य जल्द मुकम्मल किया जाएगा। हालांकि पाकिस्तान बॉर्डर के पार रावी नदी पर सड़क निर्माण या पुल निर्माण को लेकर अभी पूरी तरह तस्वीर साफ नहीं हो पाई है। इस संबंध में भारत-पाकिस्तान सरकार के उच्चाधिकारियों के स्तर पर तकनीकी स्तर की बैठकों का दौर जारी है। हाल ही में सम्पन्न हुई बैठक में भारत सरकार ने पाकिस्तानी उच्चाधिकारियों को प्रस्तावित हाईवे का विस्तारपूर्वक ब्यौरा दे दिया था। इसी कड़ी में रावी नदी पर प्रस्तावित करतारपुर गलियारे को लेकर अभी बातचीत का दौर जारी है। नैशनल हाईवे अथॉरिटी के स्तर पर फिलहाल रावी नदी पर प्रस्तावित निर्माण का कोई ठोस ब्यौरा उपलब्ध नहीं है।

सैद्धांतिक मंजूरी में लगाई गई हैं कुछ शर्तें 
पर्यावरण मंत्रालय ने इस योजना को सैद्धांतिक मंजूरी प्रदान करते हुए कुछ शर्तें लगाई हैं। इसमें कहा गया है कि प्रयोक्ता एजैंसी पेड़ों की कटाई के एवज में क्षतिपूर्ति व पौधारोपण की राशि जमा करवाएगी। एजैंसी को वन भूमि की नैट प्रैजैंट वैल्यू जमा करवानी होगी। इसी कड़ी में अंतिम स्वीकृति मिलने पर प्रस्ताव के मुताबिक कम से कम पेड़ काटे जाएंगे। प्रस्ताव के अनुसार काटे जाने वाले पेड़ों की संख्या 461 से अधिक नहीं होगी। वन भूमि का उपयोग किसी अन्य उद्देश्य के लिए नहीं किया जाएगा।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

swetha

Recommended News

Related News