सब्जियों को जहर बना रहे हैं जहरीले रसायन

punjabkesari.in Monday, Jan 21, 2019 - 11:11 AM (IST)

गुरदासपुर(हरमनप्रीत): पिछले कुछ वर्षों में कीटनाशक जहरों के इस्तेमाल में हुई बेतहाशा बढ़ौतरी से न सिर्फ अनाज की पैदावार में जहरीले तत्व आ रहे हैं, बल्कि सब्जियां भी जहर के प्रभाव से मुक्त नहीं रहीं। एक अनुमान के अनुसार यह माना जाता है कि देश में कृषि में  इस्तेमाल किए जाने वाले कीटनाशकों का करीब 14 फीसदी सिर्फ सब्जियों पर ही प्रयोग किया जाता है, जबकि रासायनिक खाद को शामिल कर इसकी मात्रा और बढ़ जाती है, जिससे सब्जियां जहरीली हो रही हैं। इस समस्या के समाधान में घरेलू बगीची अहम भूमिका निभा सकती है। इसमें परिवार की आवश्यकतानुसार कुछ घंटों की मेहनत से सब्जियां तैयार की जा सकती हैं।

एक परिवार की जरूरत पूरी कर सकती है 6 वर्ग मीटर की बगीची

पंजाब कृषि विश्वविद्यालय लुधियाना के सब्जी विज्ञान विभाग के माहिर डा. एस.के. जिंदल ने बताया कि 6&6 मीटर के जमीन के टुकड़े पर साल में 27 तरह की सब्जियां पैदा की जा सकती हैं। साल में इस छोटे से टुकड़े में से ही करीब 300 किलो सब्जी प्राप्त की जा सकती है। उन्होंने बताया कि इतने कम रकबे में से तैयार की सब्जी से ही 2 वयस्कों और 2 बच्चों की विटामिन, धातुओं और अन्य जरूरी तत्वों की पूर्ति हो जाती है।

जगह और बीज का चयन

बगीची बनाते समय इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि बगीची वाली जगह पर छाया न रहे, क्योंकि कीड़े-मकौड़े ऐसी जगह पर अधिक बढ़ते हैं और सब्जियों को धूप न लगने से सब्जियां भी कुप्रभावित होती हैं। सब्जियों को निरोगी रखने के लिए रोग रहित बीज का इस्तेमाल करने के अलावा बीमारियों व कीड़ों का सामना करने में सक्षम किस्मों का चयन करें।

बीमारियों, कीड़ों और नदीनों की रोकथाम

शुरु में नदीन नाशकों का छिड़काव किए बिना खुदाई से नदीनों का खात्मा किया जा सकता है। बाद में सब्जियों का विस्तार होने पर नदीनों की वृद्धि अपने आप ही रुक जाती है। कीड़ों के हमले के दौरान अगर कीड़े पत्ते या फल खाने लगें तो कीड़ों को किसी कीटनाशक का इस्तेमाल करने की बजाए हाथों से ही खत्म करने का प्रयास करें।

लगभग 600 रुपए होता है खर्च 

बगीची के लिए गर्मी और सर्दी के मौसम की सब्जियों की किट करीब 200 रुपए में मिल जाती है। किट में न मिलने वाली मिर्च, शिमला मिर्च, प्याज, बैंगन, टमाटर और ब्रोकोली आदि को बाजार से करीब 60 रुपए में खरीदा जा सकता है। घरेलू बगीची के लिए 2 क्विंटल गली-सड़ी रूड़ी, 10 किलो डी.ए.पी. और 5 किलो यूरिया खाद का इस्तेमाल होता है। इन खादों की कीमत करीब 400 रुपए बनती है।

13 फसली लडियों वाला मॉडल

यूनिवर्सिटी के सब्जी वैज्ञानिक डा. एस.के. जिंदल ने बताया कि 6 वर्ग मीटर आकार के रकबे के लिए तैयार किए मॉडल में 13 फसली लडिय़ों वाले सिस्टम के तहत पूरा साल सब्जियां प्राप्त की जा सकती हैं। इस सिस्टम के अनुसार 6 वर्ग मीटर के जमीनी टुकड़े को 5 बराबर ब्लाकों में बांटा जाता है, जिसके तहत प्रत्येक ब्लाक में सिर्फ 0.25 मीटर की पानी की खाल छोड़ी जाती है।

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