बोगस बिलिंग को रोकने के लिए GST काउंसिल उठा सकती है अहम कदम

punjabkesari.in Thursday, Sep 16, 2021 - 02:34 PM (IST)

लुधियाना(गौतम): बोगस बिलिंग के जरिए व फर्जी रिफंड से सरकार को हर महीने कई हजार करोड़ रुपए का होने वाला घाटा रोकने के लिए जीएसटी काउंसिल की शुक्रवार को होने वाली मीटिंग के दौरान कई अहम कदम उठाए जा सकते हैं। उल्लेखनीय है कि कोरोना काल के कारण जीएसटी काउंसिल की करीब दो साल के बाद लखनऊ में मीटिंग होने जा रही है। खास तौर पर स्क्रैप के जरिए होने वाली टैक्स चोरी को रोकने के लिए केन्द्र सरकार इसकी डयूटी को 18 से 5 प्रतिशत कर सकती है। क्योंकि माना जाता है कि स्क्रैप के कारोबार से ही फर्जीवाड़े की शुरूआत होती है। जबकि दूसरे किस्मों के स्क्रैप पर पहले ही इसकी दर कम की जा चुकी है। इसके अलावा कुछ अन्य वस्तुओं पर भी टैक्स स्लैब में बदलाव कर फर्जी रिफंड पर भी रोक लगाने की तैयारी की जा रही है। लोहा स्क्रैप पर टैक्स कम करने के लिए कई राज्यों के वित्तमंत्रियों व व्यापारिक एसोसिएशनों ने भी काउंसिल को सिफारिश की है और केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखे हैं। इसके अलावा फर्नेस उद्योग व इस्पता कारोबार से जुड़ी एसोसिएशनें भी इसके लिए सरकार को कई बार मिल चुकी है।   

सरकार का बढ़ सकता है कि करीब 5 हजार करोड़ रुपए रेवेन्यू 
इस बात का अनुमान है कि अगर सिफारिश के अनुसार स्क्रैप पर टैक्स कम किया जाता है तो केन्द्र सरकार के राजस्व में करीब 5 हजार करोड़ से अधिक का इजाफा हो सकता है। पिछले काफी समय से फर्नेस उद्योग से जुड़े कारोबारी कुछ स्क्रैप डीलरों के फर्जीवाड़े के कारण समस्या का सामना कर रहे हैं क्योंकि फर्जीवाड़े के दौरान पकड़े जाने पर विभाग कारोबारियों से ही टैक्स वसूल करता है। माना जाता है कि बोगस बिलिंग करने वाले लोग किराए के छोटे-छोटे दफतरों में बैठ कर फर्जी बिलिंग करते है और लोहा इंडस्ट्री से जुड़े कारोबारियों को फर्जी बिलिंग पर माल सप्लाई करने के बाद खुद गायब हो जाते हैं। इस इंडस्ट्री से जुड़े कारोबारी स्क्रैप का काम करने वालों के फर्जीवाड़े के कारण इनपुट टैक्स क्रेडिट रोके जाने की समस्या का सामना करते है। जब संबंधित विभाग के अधिकारियों को इस फर्जीवाड़े का पता चलता है तो इसकी शुरूआत करने वाला गायब हो चुका होता है। 

फर्जीवाड़े को लेकर कई पहुंचे सलाखों के पीछे 
सैंट्रल जीएसटी के अलावा अलग-अलग राज्यों के जीएसटी विभाग की तरफ से पिछले समय में कई हजार करोड़ रुपए की बोगस बिलिंग करने वाली फर्जी फर्मो का पर्दाफाश किया गया है, जिसकी जांच के दोरान फर्जी बिलिंग करने वाले कई लोगों को सलाखों के पीछे भी भेजा गया है। हालांकि विभाग की तरफ से फर्जीवाड़े पर अकुंश लगाने के लिए सॉफ्ट वेयर तैयार किए गए हैं, जिससे फर्जी बिलिंग और रिफंड लेने वालों पर विभाग की पैनी नजर रहती है। अगर सरकार यह कदम उठाती है तो इससे कर टैक्स चोरी रूक जाएगी ओर सरकार का रेवेन्यू भी बढ़ेगा, फर्नेस उद्योग से जुड़े कारोबारियों को राहत मिलेगी। इसके अलावा फर्जी रिफंड पर अकुंश लगाने के लिए कौंसिल की तरफ से कृत्रिम फाइबर और यार्न पर भी जीएसटी की दर 18 से 12 प्रतिशत करने सिफारिश की जा सकती है। इसके अलावा बिजली को भी इस दायरे में लाया जा सकता है। जबकि 1000 रुपए से कम के जूतों, रेडिमेड ग्रामेंटस और फ्रैबिकस को 5 से 12 प्रतिशत के दायरे में लाया जा सकता है। 

फर्नेस एसोसिएशन के प्रधान महेश गोयल का कहना है कि सरकार के इस कदम से रेवन्यू तो बढ़ेगा ही दूसरा कारोबारी बिना किसी टैंशन के कारोबार कर सकेगें। कम टैक्स होने के कारण कोई भी जोखिम उठाने का तैयार नहीं होगा। जगह-जगह से स्क्रैप इक्ट्ठा करने के बाद इंडस्ट्री को फर्जी बिलों पर माल सप्लाई करने वालों पर अकुंश लगेगा। एडवोकट एम.एल गर्ग का कहना है कि कौंसिल के इस कदम से इंडस्ट्री को नई दिशा मिलेगी, अगर दूसरी वस्तुओं के टैक्स सलैब में भी बदलाव किया जाता है तो इससे फर्जी रिफंड लेने वालों पर काबू पाया जा सकेगा। जहां कारोबारियों का जोखिम कम होगी, वहीं विभाग की कार्यप्रणाली में भी सुधार होगा।

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Content Writer

Sunita sarangal

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