लुधियाना में GST विभाग की रेड, जब्त किए दस्तावेज, लाखों की नकदी भी बरामद

punjabkesari.in Saturday, Feb 13, 2021 - 10:22 PM (IST)

लुधियाना (सेठी): स्टेट जी.एस.टी.विभाग द्वारा महानगर के केसर गंज मंडी स्थित एन.वी.इंटरप्राइजिज के एडिबल आयल व नॉन एडिबल आयल व्यापारी के परिसर पर दबिश दी। यह कार्रवाई टैक्सेशन कमिश्नर पंजाब आई. ए.एस. नीलकंठ एस. अवध व एडिशनल टैक्सेशन कमिश्नर-1 शौकत अहमद परे के आदेशों पर की गई, जबकि डिप्टी कमिश्नर आफ स्टेट टैक्स द्वारा टीम का गठन किया गया। इसमें स्टेट टैक्स अफसर मनु गर्ग, धरमिंदर कुमार, दविंदर सिंह पन्नू व ई. टी. आई. मुनीश कुमार, अश्वनी कुमार, ऋषि वर्मा व पुलिस अधिकारियों द्वारा कार्रवाई की गई। अधिकारियो से मिली जानकारी के अनुसार सर्च और सीजर में पता चला है, कि उक्त फर्म की टर्नओवर (सालाना) करोड़ों रुपए है। 

इस कार्रवाई के दौरान आश्चर्यजनक तथ्य सामने आए, जिसमें अधिकारियों को परिसर में 80 लाख रुपए से अधिक की नकदी प्राप्त हुई। इसके बाद अधिकारियों ने प्रोटोकॉल के अनुसार आयकर विभाग को सूचित किया। इसके बाद इस राशि को आयकर विभाग के अधिकारियों को सौंप दिया गया। आयकर विभाग के अधिकारियों ने राज्य जी.एस.टी.अधिकारियों की उपस्थिति में नकदी की गिनती की। इसके अतिरिक्त कार्रवाई के दौरान व्यापार के लेन-देन से संबंधित कई लूज दस्तावेज और किताबें मिलीं। इसके अलावा कई बिल बुक्स, गुड्स सम्बन्धी रसीद बुक्स, चैक बुक आदि उक्त परिसर में पाया गया, जिसे अधिकारियों द्वारा जब्त कर लिया गया। 

अधिकारियों के अनुसार अनुमान है कि उक्त द्वारा एक ही एड्रेस (पते) पर एक से अधिक कंपनियां का संचालन किया जाता था। इसके अलावा यह भी संदेह है कि खाद्य तेल इस डीलर द्वारा खरीदा जाता है और फर्जी लेनदेन के माध्यम से बिक्री दिखाई गई, जहां वास्तविक माल कहीं और भेजा जाता है और इस कार्य प्रणाली द्वारा कर चोरी की जाती है। इस कार्रवाई की अधिक जानकारी देते हुए डिप्टी एक्साइज एंड टैक्सेशन कमिश्नर लुधियाना तेजवीर सिंह सिद्धू ने कहा कि रिकॉर्ड जब्त कर लिए गया है, जिसकी गहनता से जांच की जाएगी और कुल कर चोरी का पता लगाया जाएगा।

क्या होगा 80 लाख की नकदी का
बरामद 80 लाख नकदी की कार्रवाई हाल फिलहाल इंकम टैक्स डिपार्टमैंट के इंवेस्टीगेशन विंग की देखरेख में की जाएगी। इसमें व्यापारी को नकदी का ब्यौरा देना होगा। यदि ब्यौरा सही पाया जाता है , तो नकदी व्यापारी को वापस दे दी जाएगी, वही दिया गया ब्यौरा अधिकारियों के अनुसार ठीक नहीं लगता तो कैश सरकारी खजाने में जमा करवा दिया जाएगा।       


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Content Writer

Mohit

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