विभाग मुख्यमंत्री के पास; प्रभावशाली नेता की शह पर हो रही जी.एस.टी. की चोरी

punjabkesari.in Wednesday, Dec 19, 2018 - 08:31 AM (IST)

लुधियाना(धीमान): पंजाब में जी.एस.टी. की चोरी रोकने में जी.एस.टी. विभाग पूरी तरह नाकाम हो चुका है। इसके पीछे अफसरों की पासरों के साथ मिलीभगत तो है ही, अब कैप्टन सरकार के मंत्री भी इस काम में जुट गए हैं। विभागीय सूत्रों से पता चला है कि एक प्रभावशाली नेता की शह पर अमृतसर से एक नया पासर उठ खड़ा हुआ है, जिसने मात्र छह माह में ही अरबों रुपए के स्क्रैप और तैयार लोहे के माल के ट्रक पंजाब से दूसरे राज्यों में और दूसरे राज्यों से पंजाब में बिना बिल के गंतव्य तक पहुंचाने शुरू कर दिए हैं। इसे देखने और पूछने की हिम्मत तक करने वाला कोई नहीं है। मजेदार बात यह है कि इन ट्रकों का आंकड़ा भी विभाग के पास रिकार्ड में कहीं दर्ज नहीं है।  अमृतसर के इस पासर के आका उक्त नेता ने विभाग के उच्चाधिकारियों से लेकर नीचे तक के मोबाइल विंग के अधिकारियों को साफ  कह रखा है कि इसके ट्रकों को न रोका जाए। 

शंभु बार्डर पर बैठने वाले पटियाला मोबाइल विंग के एक एक्साइज एंड टैक्सेशन अधिकारी को तो यहां तक कहा गया है कि अगर उक्त पासर के ट्रकों को आने-जाने में कोई परेशानी हुई तो उसे ऐसी जगह ट्रांसफर कर दिया जाएगा, जहां से वह रोजाना घर आने में भी परहेज करेगा। इस पासर के ट्रक जब पंजाब में प्रवेश करते हैं तो बार्डर पर बैठे अधिकारी भी मुंह दूसरी तरफ  कर लेते हैं।  बता दें कि कैप्टन सरकार का उक्त नेता अक्सर विवादों में रहता है।  हाल ही में इस पर कारोबारियों को पैसों के लिए तंग करने के आरोप भी लग चुके हैं। बताया जाता है कि रोजाना अंदाजन करीब 40 से 50 ट्रक पंजाब में आते व यहां से जाते हैं। 

पासर के कारिंदे दिन-रात पहरा देकर ट्रकों की बदलते हैं नंबर प्लेटें
अमृतसर के पासर के गिरोह में शामिल कारिंदे दिन-रात ट्रकों पर पहरा देते हैं और जब ट्रक बार्डर पर पहुंचते हैं तो जाली एंट्री करवाने के लिए जाली नंबर प्लेट लगा देते हैं। जब एंट्री की रसीद निकल आती है तो उसे लेकर दूसरे राज्यों में जाने वाले ट्रकों को रास्ते में दिक्कत नहीं आती। यही नहीं बार्डर पर बैठे कम्प्यूटर आप्रेटरों के साथ ऐसी सांठ-गांठ है कि जब ट्रक बार्डर से पास हो जाते हैं तो वो जाली एंट्री डिलीट कर दी जाती है। यह एंट्री सिर्फ  रसीद के लिए डाली जाती है। यह भी पता चला है कि पंजाब से बाहर या पंजाब में किसी दूसरे शहर में स्क्रैप के ट्रक जब भेजे जाते हैं तो उस समय वजन करवाने से पहले ट्रकों की नंबर प्लेट बदली जाती है। यानी वजन की पर्ची उसी जाली नंबर प्लेट के हिसाब से ही तैयार होती है। 

क्या कहना है  एफ.सी.टी.ए. फाइनैंशियल कमिश्नर पंजाब का

मेरी जानकारी में यह मामला हाल ही में आया है। इसकी छानबीन के लिए एक टीम तैयार कर दी गई है, जो भी दोषी होगा उसे छोड़ा नहीं जाएगा। भले ही वह हमारे विभाग का कोई अधिकारी ही क्यों न हो। जहां तक नेता के नाम का सवाल है, उस पर अभी कुछ नहीं कहा जा सकता, जांच जारी है।’’ -एम.पी. सिंह, एफ.सी.टी.ए. फाइनैंशियल कमिश्नर पंजाब।
 

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