श्री हरिमंदिर साहिब में देसी घी पर पड़ रही GST की सबसे ज्यादा मार

punjabkesari.in Wednesday, Apr 11, 2018 - 09:58 AM (IST)

अमृतसर (स.ह., नवदीप): श्री हरिमंदिर साहिब में रोजाना लाखों श्रद्धालुओं के लंगर पर लगी जी.एस.टी. का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। पंजाब सरकार ने जी.एस.टी. माफ करके गेंद अब केन्द्र सरकार के पाले में डाल दी है। केन्द्र सरकार श्री हरिमंदिर साहिब के लंगर पर जी.एस.टी. हटाने को लेकर अभी तक धर्मसंकट में है, वहीं ऊपर से 2019 लोकसभा चुनाव पंजाब में भी होने हैं। मामला अब प्रधानमंत्री मोदी के पास पहुंच गया है।
 

12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत किया जाए GST
अमृतसर की जी.एस.टी. प्रैक्टिशर एसोसिएशन ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर सुझाव दिया है कि अगर केवल देसी घी पर जी.एस.टी. 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दी जाए या फिर पूरी तरह से खत्म कर दी जाए तो श्री हरिमंदिर साहिब के लंगर पर लगने वाली जी.एस.टी. का भार बहुत ही कम हो सकता है। श्री हरिमंदिर साहिब में पहली जुलाई 2017 से 31 जनवरी 2018 तक कुल 20 वस्तुओं पर जी.एस.टी. वसूली गई जो लंगर भवन से जुड़ी हैं। कुल 20 वस्तुओं में केवल देसी घी पर 12 प्रतिशत जी.एस.टी. है। ऐसे में 7 महीने में सबसे ज्यादा जी.एस.टी. देसी घी पर लगी। ‘पंजाब केसरी’ के पास वो कापी हासिल है, जिसमें सिलसिलेवार जी.एस.टी. कितनी-कितनी और किन-किन वस्तुओं पर लगी है। ‘पंजाब केसरी’ संवाददाता ने एस.जी.पी.सी के प्रधान गोबिंद सिंह लोगोंवाल व सचिव डा. रूप सिंह से फोन पर जी.एस.टी. को लेकर बात करनी चाही, लेकिन दोनों ने फोन रिसीव नहीं किया। कार्यालय से पता चला कि बैठक चल रही है।

विवादों से ऐसे बच सकती है मोदी सरकार 
जी.एस.टी. प्रैक्टिशनर एसोसिएशन के प्रधान एड. रंजीत शर्मा, वरिष्ठ अधिवक्ता टी.एस. मदान, इन्द्रपाल सिंह व एड. जी.एस. ग्रोवर का कहना है कि देसी घी पर केन्द्र सरकार जी.एस.टी. 12 प्रतिशत से कम कर 5 प्रतिशत कर दे या फिर हटा दे तो धर्म संकट व विवादों से बच सकती है। देश भर में कई धार्मिक स्थल हैं जहां पर जी.एस.टी. हटाने की मांग उठ सकती है। यही सुझाव प्रधानमंत्री मोदी को चिट्ठी में लिख कर भेजा है। 

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