गुरमीत राम रहीम दोषी करार, गवाह बलवंत सिंह बोले सत्य की हुई जीत

punjabkesari.in Wednesday, Oct 13, 2021 - 02:40 PM (IST)

चंडीगढ़ (रमनजीत): कत्ल और दुष्कर्म जैसे आरोपो में दोषी ठहराए गए डेरा सिरसा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की सजा पर अभी फैसला नहीं हो पाया है। फिर भी रणजीत सिंह कत्ल केस में दोषी ठहराए जाने पर मामलो के मुख्य गवाहों में से एक बलवंत सिंह को काफी संतुष्टि हासिल हुई है। बलवंत सिंह ने कहा कि लंबे समय से उनकी जान पर खतरा बना रहा पर सच्चाई का रास्ता अंत में इंसाफ तक पहुंच ही गया। बलवंत सिंह ने कहा कि एक गुमनाम चिट्ठी ही डेरा प्रमुख के लिए बम साबित हुई और उसकी करतूतों का भांड़ा फुट गया। उन्होंने कहा कि रणजीत सिंह उसका पड़ोसी था। उनका गांव खानपुर कोलियां है। उनका आपस में काफी मेलजोल था। बलवंत सिंह ने कहा कि गुमनाम चिट्ठी, जब लोगों में फैल गई तो डेरा सिरसा वालों की तरफ से उसे को धमकाया गया क्योंकि डेरा वालों को शक था कि चिट्ठी  उसने खुद लिखी है या फिर किसी से लिखवाई है। उसे धमकाने और डराने के लिए आरोपी उसके घर रिवाल्वर ले कर आए थे।

बलवंत सिंह ने कहा कि पहले रणजीत सिंह के पिता ने और व्यक्तियों खिलाफ कत्ल केस दर्ज करवाया था पर जब छत्रपति कत्ल केस में एक आरोपी मौके पर पकड़ा गया तो उसने खुलासा किया कि रणजीत सिंह का कत्ल भी डेरे वालों ने ही किया था। उसके बाद ही बलवंत सिंह ने सभी मामले पर गवाही दी थी। बलवंत सिंह ने कहा कि पहले उसने क्राइम ब्रांच में फिर सी.बी.आई. के पास और उसके बाद सी.बी.आई. अदालत में रणजीत सिंह कत्ल मामलो में गवाही दी थी। डेरे वालों को यह शक था कि गुमनाम चिट्ठी उस ने लिखी या फिर लिखवायी है। क्योंकि चिट्ठी के बाद डेरे की बहुत ज्यादा बदनामी हो गई थी और डेरा प्रमुख की वास्तविकता सामने आ गई थी। वह चिट्ठी चाहे रणजीत सिंह के कत्ल का कारण बनी पर लोगों को सच्चाई सामने लाने में उस चिट्ठी की बहुत अहम भूमिका है। डेरा प्रमुख को दोषी ठहराए जाने के फैसले के साथ उसके मन को तसल्ली है कि आखिर इंसाफ की जीत हुई है। बलवंत सिंह ने कहा कि 19 साल उस पर मौत मंडराती रही पर उसने सत्य का साथ देना सही समझा।

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Content Writer

Sunita sarangal