पंजाब सरकार से निराश हज कमेटी मैम्बर्स इस्तीफे देने पर मजबूर

punjabkesari.in Thursday, Oct 10, 2019 - 08:47 AM (IST)

जालंधर(अली): पंजाब की कैप्टन सरकार द्वारा अढ़ाई साल में पंजाब स्टेट हज कमेटी को एक बार भी कोई ग्रांट न देने, कार्यालय आबंटित न करने और बैठक न बुलाने को लेकर हज यात्रियों व मैम्बरों में जबरदस्त नाराजगी पाई जा रही है जिसके मद्देनजर कुछ सदस्य आने वाले दिनों में अपने पदों से इस्तीफा दे सकते हैं। इन सदस्यों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि ऐसी हज कमेटी से बेहतर है कि पंजाब के हज यात्रियों के लिए कोई समिति ही न हो। ऐसे हालात में हम लोगों का सदस्य बने रहना हज यात्रियों के प्रति धोखा है और सब कुछ ऐसे ही चलता रहा तो आने वाले दिनों में मैंबर सरकार को अपना इस्तीफा सौंप सकते हैं। 

दिलचस्प बात यह है कि वर्ष 2020 के हज के लिए ऑल इंडिया हज कमेटी द्वारा फार्म भरने की तारीख का ऐलान हो चुका है लेकिन राज्य हज कमेटी द्वारा इस बारे में कोई जानकारी पंजाब के मुसलमानों को अभी तक नहीं दी गई। यह एकमात्र पंजाब की कांग्रेस सरकार है जो हज कमेटी की बॉडी बनाने के बावजूद भी हज यात्रियों के प्रति कोई ध्यान नहीं दे रही है। पंजाब सरकार की ओर से इस दौरान हज यात्रियों के फार्म भरने के लिए न तो कोई कार्यालय बनाया गया, न जिला मुख्यालयों पर फार्म भरवाए जा रहे हैं और न ही आधिकारिक तौर पर हज यात्रियों के लिए कोई प्रशिक्षण का प्रबंध किया जाता है। यह भी पता चला है कि राज्य हज कमेटी द्वारा जो अब तक 3 कार्यक्रम टीकाकरण के कराए गए हैं, का खर्च भी राज्य हज कमेटी ने अपने निजी और चंदा जुटा कर किए हैं।

जानकारी के मुताबिक राज्य हज कमेटी ने कैबिनेट मिनिस्टर रजिया सुल्ताना के साथ वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल से बैठक की थी मगर कोई भी परिणाम सामने नहीं आया। राज्य हज कमेटी के पास अभी तक अपना कोई कार्यालय नहीं है और राज्य हज कमेटी कागजों और सड़क पर चलती-फिरती दिखाई पड़ रही है। इतनी बुरी हालत कांग्रेस सरकार में अब तक नहीं देखी गई। हालांकि पिछली अकाली सरकार ने मालेरकोटला में हज मंजिल नाम पर ईदगाह के पास एक बिल्डिंग में कार्यालय बनाया था, लेकिन अब तक इसका चार्ज मौजूदा हज कमेटी नहीं ले पाई है। इस सारे मामले में अध्यक्ष हज कमेटी केवल मूकदर्शक बने हुए हैं और हज यात्री दर-दर की ठोकरें खाकर निजी संस्थाओं से फार्म भरवाते हैं।

सरकार के रवैये से निराश लेकिन अपनी मांग उठाता रहूंगा : रशीद खिलजी
इस मामले पर अध्यक्ष स्टेट हज कमेटी ने स्वीकार किया कि हज कमेटी के पास न कार्यालय है, न कर्मचारी और न ही अन्य जिलों में देखरेख के लिए धन आबंटित किया है। उन्होंने कहा कि कैबिनेट मंत्री रजिया सुल्ताना ने भरपूर प्रयास किए हैं लेकिन निर्णय मुख्यमंत्री को करना है। इस्तीफा मामले का समाधान नहीं है, सरकार से निराश जरूर हैं लेकिन हम मांग करते रहेंगे। 

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Sunita sarangal