वाघा बार्डर से होगी हामिद अंसारी की वतन वापिसी,ऐसे पहुंचे थे पाक(Video)

punjabkesari.in Tuesday, Dec 18, 2018 - 09:33 PM (IST)

अमृतसरःपाकिस्तान की जेल में  3 साल से बंद भारतीय हामिद निहाल अंसारी को मंगलवार को रिहा कर दिया गया। आज उसकी वाघा बार्डर से वतन वापिसी होगी। अंसारी को लेने के लिए उसके परिजन वाघा बार्डर पहुंच चुके है। बेटे की वतन वापिसी पर परिवार बेहद खुश है। उसका कहना है कि बेटे की घर वापिसी उनके लिए ईद मनाने के सामान है।
 
कैसे पाक पहुंचा था अंसारी 

कहते हैं कि प्यार अंधा होता है इसकी एक मिसाल मुंबई के वर्सोवा के रहने वाला हामिद नेहाल अंसारी भी है । हामिद को पाकिस्तान की एक पश्तून लड़की से प्यार हुआ और वह उसे मिलने पाक पहुंच गया जहां उसे 6 साल जेल में बिताने पड़े। भारत में भारत में पत्रकार जतिन देसाई और बेटे पर सब-कुछ कुर्बान करने वाले मां-पिता नहीं होते तो हामिद को न जाने और कितने साल जेल में बिताने पड़ते। मामले की सुनवाई जस्टिस रूहल अमीन और जस्टिस कलंदर अली खान ने की। उन्होंने गुरुवार को हैरानी जताई की सरकार की ओर से रिहाई को लेकर कोई कदम क्यों नहीं उठाया गया। जिसके बाद अटॉर्नी जनरल ने कोर्ट को जानकारी देते हुए कहा कि कैदी की रिहाई से संबंधित दस्तावेज अभी तक तैयार नहीं हैं। 

मां-बाप को देनी पड़ी ये कुर्बानियां

बिना वीजा के पाकिस्तान में घुसने वाला हामिद मां-बाप की कुर्बानियों के बाद पेशावर जेल में 6 साल बिता कर भारत लौट रहा है। अटारी बॉर्डर पर पत्रकार देसाई के अलावा मां, पिता और भाई उसकी अगुवाई करेंगे। हामिद की मां फौजिया एक कॉलेज की उप प्रधानाचार्य हैं। हामिद को बचाने की लड़ाई लड़ने के लिए उन्हें अपना पुश्तैनी घर बेचकर दिल्ली आना पड़ा ताकि करीब हर हफ्ते पाकिस्तानी उच्चायोग जाकर बेटे के केस के लिए याचना कर सकें।  हामिद के पिता नेहाल को बेटे का केस लड़ने के लिए अपनी बैंक की नौकरी छोड़नी पड़ी। वर्सोवा में डेंटल क्लिनिक चलाने वाले हामिद के भाई खालिद ने अपने परिवार से वादा किया कि वह इस लड़ाई में साथ खड़ा है। वर्सोवा मेट्रो स्टेशन के पास जिस कॉलोनी में हामिद का परिवार रहता है, वहां उसके लौटने की खुशी में आज ईद जैसा माहौल है। 

हामिद झूठ बोल कर गया था पाक 

 26 साल का हामिद एक पश्तून लड़की की तलाश में अफगानिस्तान से पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा के कोहट में घुसा। पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर हामिद उससे ऑनलाइन मिला था। घंटों की चैटिंग प्यार में बदली थी और हामिद ने फैसला कर लिया था कि किसी भी तरह पाकिस्तान जाना ही है। उसने अपने परिवार को झूठ कहा था कि उसे काबुल से नौकरी का एक ऑफर मिला है। इसके बाद वह 2012 में नवंबर के पहले हफ्ते में अफगानिस्तान के लिए निकल गया। अपनी ऑनलाइन प्रेमिका की मदद से हामिद ने कोहट में कुछ संपर्क बनाए थे, जिन्होंने उसे एक लॉज तक पहुंचाया। 12 नवंबर को भारतीय जासूस होने के आरोप में हामिद को इसी लॉज से गिरफ्तार किया गया था। 12 दिसंबर 2015 को  पाकिस्तान की एक मिलिट्री अदालत ने हामिद को जासूसी और पाक विरोधी गतिविधियों का दोषी ठहराया तो उसके भारत लौटने की सारी संभावनाएं लगभग खत्म हो गईं थीं लेकिन आखिर अथक प्रयासों के बाद उसकी भारत वापसी हो रही है।  


 

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