शनि 1 अप्रैल को वक्री होते ही चंदा कोचर की मुश्किलें और बढ़ाएगा!

punjabkesari.in Wednesday, Apr 11, 2018 - 06:54 PM (IST)

जालंधर(धवन): आई.सी.आई.सी.आई. बैंक की प्रबंध निदेशिका चंदा कोचर आजकल विवादों के घेरे में आई हुई हैं परन्तु इसके लिए उनके मौजूदा ग्रह योगों ने अधिक भूमिका निभाई हुई है। वीडियोकॉन इंडस्ट्री को ऋण दिलाने के मामले में चंदा कोचर की भूमिका को लेकर जांच चल रही है। 

ज्योतिषी संजय चौधरी के अनुसार चंदा कोचर का जन्म 17 नवम्बर 1961 को जोधपुर में हुआ था। उन्होंने कहा कि सूर्य कुंडली व नाड़ी ज्योतिष के अनुसार देखा जाए तो पता चलता है कि उनकी कुंडली में बृहस्पति नीच राशि में बैठा हुआ है तथा वह केतु व शनि से पीड़ित है। उन्होंने कहा कि क्रूर ग्रहों के घेरे में बृहस्पति के आने से सरकारी अधिकारियों से टकराव की स्थिति पैदा होती है। चंद्र कुंडली में दूसरे घर का स्वामी बृहस्पति 12वें घर में केतू के साथ बैठा है जोकि बंधन योग को निर्मित कर रहा है। नाड़ी ज्योतिष में इस योग को अधिक अच्छा नहीं माना गया है। मौजूदा समय में शनि गोचर में सूर्य से दूसरे घर में चल रहा है तथा शनि 18 अप्रैल 2018 को वक्री अवस्था में आ जाएंगे व 6 सितम्बर 2018 तक इसी स्थिति में रहेंगे। 

उन्होंने बताया कि शनि के वक्री होते ही चंदा कोचर का जन्म का सूर्य पीड़ित अवस्था में आ जाएगा जिस कारण या तो संबंधित जातक को अदालती मुकद्दमों का सामना करना पड़ता है या फिर उसके करियर में मुश्किलों भरा दौर आ जाता है। जब तक शनि वक्री रहेंगे तब तक चंदा कोचर के सामने मुश्किलों का दौर जारी रहेगा। उल्लेखनीय है कि चंदा कोचर को एक बड़े औद्योगिक समूह को ऋण देने के मामले में सी.बी.आई. ने तलब किया हुआ है। 


 

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