माता-पिता की अपील-‘रोबी अगर तूने कोई जुर्म नहीं किया तो आत्म समर्पण कर दे’

punjabkesari.in Wednesday, Dec 05, 2018 - 08:35 AM (IST)

अमृतसर(संजीव): पाकिस्तान में बैठा खालिस्तान लिबरेशन फोर्स का सरगना हरमीत सिंह हैप्पी पीएच.डी. वह नाम है जो पंजाब में होने वाली हर आतंकवादी गतिविधि के साथ जुड़ा हुआ है। एक तरफ पुलिस रिकार्ड में हरमीत सिंह पीएच.डी. के विरुद्ध कई संगीन मामले दर्ज हैं। दूसरी तरफ  उसके माता-पिता ने बेटे को एक संदेश दिया है कि उनका जीवन उसी समय तबाह हो गया था जब वह उन्हें छोड़ कर गया था। पिता अवतार सिंह व माता खुशबीर कौर बेटे हरमीत का नाम आतंकी गतिविधियों में आने के बाद उससे अपील की है कि वह वापस घर आ जाए।  आत्म समर्पण कर अपना पक्ष रखे जिसके बाद वह आम जीवन बसर कर सके। 

मां-बाप को है बेटे से मिलने की आशा

उन्होंने कहा कि उनका बेटा हरमीत कब हैप्पी पीएच.डी. बन गया उन्हें नहीं पता। वे तो उसे रोबी के नाम से ही पुकारते हैं। अपने बेटे से मिलने के लिए आज उनके मन में आशा की किरण है । उनका कहना है कि वह उनके पास लौट कर जरूर आएगा। उनका दिल कभी भी यह मानने को तैयार नहीं है कि उनका मासूम बेटा किसी आतंकवाद गतिविधि में शामिल हो सकता है।  वह किसी की मौत का कारण भी बन सकता है।  

2008 में आखिरी बार देखा था बेटे को

नवम्बर 2008 में उन्होंने रोबी को आखिरी बार उस समय देखा था जब वह घर से पढने के लिए गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी गया था। उसी दिन पुलिस की रेड हुई और उन्हें बताया गया कि हैप्पी ने पाकिस्तान से आई हथियारों की एक खेप बरामद की है, जिससे डेरा सच्चा सौदा के हैड गुरमीत राम रहीम को खत्म करना था। पुलिस के अनुसार हरमीत के 3 साथियों को गिरफ्तार कर लिया गया था जिनमें गुरसागर सिंह, सुखविन्द्र सिंह व कुलदीप सिंह शामिल थे। उनके कब्जे से भारी मात्रा में हथियार, जाली करंसी व हैरोइन बरामद की गई थी। कुछ दिनों बाद यह खबर आई कि हरमीत पाकिस्तान चला गया। उनके होनहार बेटे ने ऐसा रास्ता क्यों अपनाया और उसे कैसे तैयार किया गया यह उनकी समझ से बाहर है। हैप्पी पीएच.डी. का नाम भी उनके लिए एक पहेली है क्योंकि उन्होंने उसे कभी इस नाम से नहीं पुकारा था। उनके बेटे ने फिलोस्फी में मास्टर डिग्री करने के उपरांत पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला से धार्मिक अर्थशास्त्र की भी मास्टर डिग्री की थी जिसके बाद वह गुरु नानक देव विश्वविद्यालय में जूनियर रिसर्च फैलो चुना गया और पीएच.डी. के लिए उसका नाम आ गया था। पीएच.डी. शुरू किए अभी उसे 4 माह हुए थे कि वह उन्हें छोड़ कर चला गया। 

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