सांसद बनते ही हरभजन सिंह ने पंजाब से बनाई दूरी, गंभीर मुद्दों पर सक्रिय नहीं होने से जनता नराज

punjabkesari.in Wednesday, Jun 22, 2022 - 07:47 PM (IST)

जालंधर : पूर्व भारतीय क्रिकेटर हरभजन सिंह अपने करियर के दौरान लगातार चर्चाओं और विवादों में रहे हैं। क्रिकेट से संन्यास लेकर राजनीति में कदम रखने वाले हरभजन सिंह भले ही सांसद बन गए हों लेकिन पंजाब के तमाम गंभीर मुद्दों पर सक्रिय नहीं होने से जनता उनसे निराश है।

जब 29 मई को सिद्धू मूसेवाला की हत्या पर पूरा पंजाब शोक में था, तो हरभजन ने आई.पी.एल. गुजरात टीम की जीत के बाद खिलाड़ियों को बधाई और टीम के सदस्य नेहरा से पार्टी मांगी और लिखा कि गरबा के साथ भांगड़ा भी डालेंगे जिससे पंजाब के युवाओं ने उन्हें खूब ट्रोल किया। ऐसे गमगीन माहौल में पार्टी करने के ट्वीट को लेकर उनकी काफी आलोचना भी हुई थी। पंजाब में गैंगस्टरों ने अपनी हरकतों कारण खून-खराबा कर दिया हो या रिहायश से सिर्फ 30 मिनट की दूरी पर अंतर्राष्ट्रीय कबड्डी खिलाड़ी संदीप नंगल अंबीया के कत्ल की वारदात हो  हरभजन सिंह शोक मनाने नहीं गए।

'आप' ने 17 मार्च को भज्जी को अपना राज्यसभा उम्मीदवार घोषित किया था। जब हरभजन को राज्यसभा का सदस्य बनाया गया, तो सांसद बनने के बाद हरभजन ने ट्वीट किया कि वह किसानों की बेटियों की शिक्षा के लिए अपना वेतन देंगे, जिससे पंजाब के युवाओं में यह आशा जगी कि वह पंजाब के लोगों के लिए कुछ कर रहे हैं। उन्होंने ट्वीट किया था कि राज्यसभा सदस्य होने के नाते मैं अपना वेतन किसानों की बेटियों की शिक्षा और सामाजिक कार्यों के लिए देना चाहूंगा। मैं अपने देश के लिए योगदान देना चाहता हूं और मैं जो कर सकता हूं वह करूंगा। इसके बाद भज्जी की खूब तारीफ हुई, लेकिन उसके बाद से वह लोगों तक नहीं पहुंचे। भज्जी ने सिद्धू मूसेवाला की हत्या पर शोक व्यक्त करते हुए ट्वीट किया, लेकिन परिवार के पास शोक मनाने नहीं गए।

इस बीच पंजाब में कई सनसनीखेज घटनाएं हुई हैं जिसमें मोहाली स्थित खुफिया विभाग के दफ्तर पर रॉकेट लांचर से हमला किया गया। संदीप नंगल अंबियां मारे गए और कई और मारे गए, लेकिन हरभजन सिंह ने अपना दुख व्यक्त नहीं किया। चंडीगढ़ के कर्मचारियों को केंद्र सरकार के अधीन लाने की बात हो या पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ की, भज्जी ने ट्वीट तक नहीं किया। यहां तक ​​कि संगरूर लोकसभा उपचुनाव भी काफी दूर है। दिल्ली के सी.एम. अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और सी.एम. भगवंत मान जहां उपचुनाव में 'आप' उम्मीदवार की जीत के लिए जोर-शोर से जोर लगा रहे हैं, वहीं हरभजन सिंह कहीं नजर नहीं आ रहे हैं।

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News Editor

Kamini