बादलों की तरह कैप्टन सरकार भी दलित विद्यार्थियों का भविष्य तबाह करने पर तुली : हरपाल चीमा

punjabkesari.in Saturday, Apr 06, 2019 - 01:08 PM (IST)

चंडीगढ़ (रमनजीत): आम आदमी पार्टी पंजाब ने पंजाब और केंद्र सरकार पर लाखों दलित विद्यार्थियों का भविष्य तबाह करने का गंभीर आरोप लगाया है। आप नेता हरपाल चीमा ने कहा कि सरकारी लापरवाही की वजह से दलित वर्ग से संबंधित पंजाब यूनिवर्सिटी के स्टूडैंट्स को पंजाब सरकार द्वारा अदायगी नहीं किए जाने के कारण परेशानी झेलनी पड़ रही है।

‘आप’ विधायक व नेता विपक्ष हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि पिछली बादल सरकार की तरह कै. अमरेंद्र सिंह सरकार ने भी दलित विद्यार्थियों की प्री-मैट्रिक और पोस्ट मैट्रिक वजीफा स्कीम के अरबों रुपए खुर्द-बुर्द कर दिए हैं। जिस कारण निजी और सरकारी शैक्षिक संस्थानों की तरफ से दलित विद्यार्थियों की डिग्रियां रोक ली गई हैं। पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ द्वारा लिया गया फैसला इसकी ताजा मिसाल है। चीमा ने कहा कि पंजाब यूनिवर्सिटी का पंजाब सरकार की तरफ से 10 करोड़ से ज्यादा बकाया खड़ा है क्योंकि राज्य सरकार पंजाब यूनिवर्सिटी और इससे संबंधित पंजाब के कालेजों में पढ़ते हजारों विद्यार्थियों को मिलते पोस्ट मैट्रिक वजीफे के पैसे समय पर देने में असफल रही। पंजाब यूनिवर्सिटी का यह बकाया वर्ष 2015 से लेकर 2018 तक 4 सालों का है। जिससे स्पष्ट है कि पिछली अकाली-भाजपा सरकार और मौजूदा कैप्टन सरकार को दलित विद्यार्थियों के भविष्य के साथ कोई सरोकार नहीं है।

चीमा ने कहा कि एस.सी./एस.टी. प्री-मैट्रिक और पोस्ट मैट्रिक वजीफा योजना का पंजाब सरकार की तरफ सिर्फ पंजाब यूनिवर्सिटी का ही 10 करोड़ नहीं, बल्कि पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला के 32 करोड़ रुपए समेत दूसरी सरकारी और निजी यूनिवर्सिटियों, कालेजों और अन्य शैक्षिक संस्थाओं के 1200 करोड़ रुपए के बकाए खड़े हैं।चीमा ने कहा कि पंजाब सरकार की तरफ से बकाया राशि जमा न करवाने तक पंजाब यूनिवर्सिटी ने 10 हजार के करीब दलित विद्यार्थियों की डिग्रियां रोक ली हैं। कल को यही कदम बाकी यूनिवर्सिटियां और कालेज उठा सकते हैं। चीमा ने कहा केंद्र मानव संस्थान मंत्री को पंजाब यूनिवर्सिटी के फैसले में दखल देने की मांग करते कहा कि पंजाब यूनिवर्सिटी की तरफ से दलित विद्यार्थियों की रोकी गई डिग्रियां तुरंत जारी करवाई जाएं।

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