AAP की सरकार बनने पर धर्मसोत और राणीके को भेजेंगे जेल: चीमा

punjabkesari.in Tuesday, Nov 03, 2020 - 06:39 PM (IST)

जालंधरः पंजाब में आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक एवं नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा ने मंगलवार को आरोप लगाया कि दलित विद्यार्थियों के लिए केन्द्र सरकार की पोस्ट मैट्रिक छात्रवृति योजना में करोड़ों रुपए के घोटाले में मंत्री साधु सिंह धर्मसोत के अतिरिक्त मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह का भी हाथ है। चीमा ने आज यहां प्रेसवार्ता में कहा कि कैप्टन राज्य में नई छात्रवृति योजना की घोषणा कर केन्द्र की पोस्ट मैट्रिक योजना में हुई अरबों रुपए की लूट पर पर्दा नहीं डाल सकते। उन्होंने मांग की है कि मंत्री धर्मसोत को बर्खास्त कर घोटले में शामिल पूरे गिरोह को गिरफ्तार किए जाए। अगर मुख्यमंत्री ऐसा करने से बचते रहे तो 2022 में ‘आप' की सरकार बनते ही साधु सिंह धर्मसोत को गिरफ्तार कर इस घोटाले में शामिल सभी लोगों को कटघरे में खड़ा किया जाएगा। 

चीमा ने आरोप लगाया कि कैप्टन सरकार पूर्व की बादल सरकार के नक्शे कदम पर चलते हुए दलित परिवारों के लाखों होनहार बच्चों का भविष्य तबाह कर दिया है। उन्होंने कहा कि इन दोनों सरकारों (कैप्टन-बादल) की दलित विरोधी मानसिकता और बेहद भ्रष्ट कार्यप्रणाली ने पोस्ट मैट्रिक छात्रवृति योजना को ही घोटाले की भेंट चढ़ा दिया, परंतु अब चुनाव से पहले दलित समाज की आंखों में धूल झोंकने के उदेश्य से डॉ. बी.आर. अम्बेडकर पोस्ट मैट्रिक स्कालरशिप योजना की घोषणा की गई है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि जिस जल्दीबाजी से कैप्टन सरकार ने साधु सिंह धर्मसोत को 64 करोड़ के छात्रवृति घोटाले में ‘क्लीन चिट्ट' दी है, उससे साफ है कि गरीबों-दलितों के लाखों होनहार बच्चों के पैसे पर डाका मारे जाने में कैप्टन का सीधा हाथ है। इसलिए कैप्टन हाईकोर्ट की निगरानी में मामले की सीबीआई जांच से भाग रहे हैं। 

उन्होंने मांग की है कि कैप्टन सरकार योजना के हजम किए पैसे को तुरंत दलित छात्रों को वापस करे। चीमा ने कहा कि राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल, जोकि अब मंत्री धर्मसोत को गिरफ्तार करने की बातें कर रहे हैं, अपनी सरकार के समय पर तत्कालीन मंत्री गुलजार सिंह राणीके को मोहरा बनाकर न केवल दलित विद्यार्थियों की छात्रवृति बल्कि गरीबों, दलितों और जरूरतमंदों की बच्चियों की शगुन स्कीम भी हजम करते रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि बादलों के राज में छात्रवृति स्कीम में लगभग 1200 करोड़ रुपए का घोटाला हुआ था।

Mohit