कृषि विधेयकों के पास होने के लिए केंद्र व पंजाब सरकार उत्तरदायी : हरसिमरत कौर

punjabkesari.in Monday, Sep 28, 2020 - 09:51 AM (IST)

फाजिल्का(नागपाल, लीलाधर): पहले केंद्र सरकार से त्याग पत्र तथा अब भाजपा के नेतृत्व वाली एन.डी.ए. से समर्थन वापस लेने के निर्णय के बाद रविवार दोपहर पूर्व केंद्र मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने फाजिल्का की अनाज मंडी में प्रभावी वर्करों के साथ बैठक की। सुखबीर सिंह बादल के ओ.एस.डी. व जलालाबाद विधानसभा क्षेत्र के शिअद प्रभारी सतिन्द्रजीत सिंह मंटा व शहरी जिलाध्यक्ष अशोक अनेजा ने बताया कि बड़ी संख्या में किसान एवं पार्टी वर्कर कुछ ही घंटों के नोटिस पर एकत्रित हो गए जिनमें केंद्र सरकार के तीनों कृषि विधेयकों को लेकर भारी रोष था। 

वर्करों व किसानों के समक्ष हरसिमरत कौर ने स्पष्ट करते हुए बताया कि मंत्रिमंडल का सदस्य रहते हुए उन्होंने हर स्तर पर इन बिलों का कई बार विरोध किया, विशेष रूप से कैबिनट बैठकों में। उन्होंने कृषि मंत्री से भेंट कर किसानों के संदेहों व उनके हितों की बात की तथा उनके समक्ष मांगें रखी परन्तु उनकी मांगों व पक्ष को 
अनदेखा किया गया। इस संबंध में उन्हें खाद्य प्रसंस्करण मंत्री के रूप में जो फाइलें प्रस्तुत की गईं उनमें उन्होंने डिसैंडिंग नोट्स लगाए।मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह को आड़े हाथ लेते हुए उन्होंने कहा कि इस बिल के ड्राफ्ट बारे कैप्टन को पता था, क्योंकि केंद्र सरकार ने इन बिलों के बारे में पंजाब सरकार को भरोसे में लिया था तथा नीति आयोग की बैठक में प्रस्तावों को पास किया गया जिसमें वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल उपस्थित थे।

मंच से उन्होंने कांग्रेस का चुनाव घोषणा.पत्र दिखाते हुए कहा कि कांग्रेस ने फसलों की ई-ट्रेडिंग व मंडियों की प्राइवेटाइजेशन का वायदा किया था। अब मुख्यमंत्री सहित सभी कांग्रेसी घडिय़ाली आंसू बहा रहे हैं। इस अवसर पर पूर्व विधायक प्रकाश सिंह भट्टी, जिला ग्रामीण अध्यक्ष गुरपाल सिंह ग्रेवाल, शहरी जिलाध्यक्ष अशोक अनेजा, नरिंद्र पाल सिंह व बड़ी संख्या में अकाली दल के नेता उपस्थित थे।

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