PM मोदी अपनी जुबान पर खरे न उतरे तो छोड़ दूंगी कुर्सी: हरसिमरत बादल

punjabkesari.in Tuesday, May 15, 2018 - 09:41 AM (IST)

जालंधर (रमनदीप सोढी): श्री दरबार साहिब अमृतसर में लंगर पर लगाए जी.एस.टी. के मामले को लेकर केंद्रीय फूड प्रोसैसिंग मंत्री हरसिमरत कौर बादल केंद्रीय मंत्रिमंडल में से इस्तीफा देने की तैयारी में हैं। पंजाब केसरी टी.वी. के साथ विशेष बातचीत दौरान हरसिमरत ने कहा कि उन्होंने इस मसले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की है परन्तु यदि उन्होंने उनकी बात न मानी तो वह अपनी केंद्रीय मंत्री की कुर्सी छोड़ देंगी। हरसिमरत ने इस दौरान अपने देवर मनप्रीत बादल पर जम कर भड़ास निकाली और बङ्क्षठडा में बनाए जाने वाले एम्ज अस्पताल को लेकर पंजाब सरकार पर सहयोग न करने का आरोप भी लगाया। पेश हैं हरसिमरत कौर बादल के साथ की गई विशेष बातचीत के अंश-

प्रश्न : बठिंडा में बनाए जाने वाले एम्ज को लेकर पंजाब सरकार पर सहयोग न देने के लगाए गए आरोप का आधार क्या है?
उत्तर: केंद्र सरकार ने हजार करोड़ का प्रोजैक्ट पंजाब को दिया है जिससे पंजाब की जनता को बहुत फायदा होगा परन्तु बड़े दुख की बात है कि राज्य सरकार हमें बहुत-सी एन.ओ.सी. दिलाने में मदद नहीं कर रही। उदाहरण के तौर पर जंगलात विभाग की मंजूरी और बिजली की तारें निकलवाने जैसी समस्याएं ज्यों की त्यों बनी हुई हैं। जिन पर कैप्टन सरकार बिल्कुल भी गंभीर नहीं है।

प्रश्न : आप आज के तकनीकी युग में पत्र लिखने की बजाय सीधा कैप्टन साहब को क्यों नहीं मिलतीं?
उत्तर : हंसते हुए, जनाब कैप्टन साहब को तो उनके मंत्री भी नहीं मिल सकते आप मेरी बात कर रहे हो। हां, अगर मेरी चिट्ठी पर कोई असर न हुआ तो मैं मिल कर भी उनको सहयोग की अपील करूंगी और अगर आप कहो कि मैं मुख्यमंत्री के निवास पर उनकी सहेलियों के बीच उन्हें मिलने जाऊं तो यह मेरे लिए मुश्किल है, उनके कार्यालय में जरूर मिल सकती हूं। अगर फिर भी मेरी बात न सुनी तो मैं धरने लगाने से गुरेज नहीं करूंगी।

प्रश्न : राज्य सरकार ने लंगर पर जी.एस.टी. की अपनी हिस्सेदारी हटा ली है परन्तु आपकी हिस्सेदार केंद्र सरकार देरी क्यों कर रही है?
उत्तर : इसके बारे में कांग्रेस के पढ़े-लिखे वित्त मंत्री को पता होना चाहिए कि जिस दिन से जी.एस.टी. लागू हुआ है उस दिन से जी.एस.टी. कौंसिल बनी है जिसमें हर राज्य का वित्त मंत्री मैंबर है, जिनमें से एक मैंबर केंद्र का वित्त मंत्री है। जी.एस.टी. के सभी फैसले कौंसिल ने करने हैं न कि केंद्र सरकार ने। जी.एस.टी. कौंसिल का हमारा तो कोई मैंबर है नहीं इसलिए मनप्रीत बादल को सवाल है कि वह इस बाबत क्या कर रहे हैं? मनप्रीत बाकी राज्यों के वित्त मंत्रियों को साथ लेकर कौंसिल में यह सवाल क्यों नहीं उठाते? मनप्रीत बादल सच्चे हैं तो वह एक भी चिट्ठी दिखाएं जिसमें उन्होंने कौंसिल को जी.एस.टी. हटाने के लिए अपील की हो। रही बात राज्य सरकार की तरफ  से लंगर पर से जी.एस.टी. की अपनी हिस्सेदारी हटाने की तो इन्होंने भी सिर्फ श्री हरिमंदिर साहब के लंगर से ही जी.एस.टी. हटाया है जबकि बाकी के तख्तों पर इनका फैसला लागू नहीं किया गया।

प्रश्न : आप केंद्र में बैठे हो, इस मामले पर दबाव क्यों नहीं बना रहीं?
उत्तर : इस बारे मैं प्रधानमंत्री जी के साथ बात कर चुकी हूं और उन्होंने मुझे पूरा आश्वासन दिया है कि जल्द ही लंगर पर से जी.एस.टी. हटा दिया जाएगा। इसके अलावा मैंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री दवेन्द्र फडऩवीस के साथ भी बात की है, उन्होंने भी इस मसले पर मेरा सहयोग देते हुए प्रधानमंत्री जी को चिट्ठी लिखी है। मुझे पूरा भरोसा है कि जल्द ही मोदी साहब इसको हटा देंगे। 

प्रश्न : यदि भाजपा लंगर से जी.एस.टी. नहीं हटाती तो क्या इस्तीफा देंगी? 
उत्तर : बिल्कुल, अगर लंगर से जी.एस.टी. न हटा तो मैं कभी भी ऐसी सरकार का हिस्सा नहीं रहूंगी और तुरंत ही अपने पद से इस्तीफा दे दूंगी। यह मेरा वायदा है। मेरे लिए पद कोई मायने नहीं रखते परन्तु मेरे पद पर रहते हुए मुझ पर यह इल्जाम लगने कि हम लंगर से जी.एस.टी. नहीं हटा सके तो ऐसी सौ सरकारों को मैं लाहनत डालूंगी परन्तु मुझे पूरा भरोसा है कि मोदी जी जुबान के पक्के हैं और वह हमारी मांग जरूर पूरी करेंगे। प्रधानमंत्री के पास अकेले पंजाब के मसले नहीं हैं, उनको पूरे देश की चिंता है।

प्रश्न : आप सिर्फ अपनी कुर्सी छोड़ेंगी या गठबंधन भी तोड़ सकती हैं?
उत्तर : गठबंधन तोडऩा न तोडऩा यह पार्टी का फैसला है परन्तु केंद्र सरकार में रहना न रहना यह मेरे ऊपर निर्भर करता है जिस पर मैंने अपना स्टैंड आपको बता दिया है।

प्रश्न : यह भी चर्चा है कि हरसिमरत बादल इस बार बठिंडा छोड़ कर फिरोजपुर से चुनाव लड़ सकती हैं?
उत्तर : यह भी मेरे विरोधियों की तरफ  से ही फैलाई गई चर्चा है। मैं तो 4 पाॢटयों के सांझे उम्मीदवार मनप्रीत बादल से नहीं डरी तो अब मुझे किस बात का डर है। मैं आज भी बठिंडा के लोगों के साथ खड़ी हूं। सो यह सब अफवाहों के अलावा और कुछ नहीं है।

प्रश्न : कहा जा रहा है कि भगवंत मान इस बार बठिंडा से चुनाव लड़ सकते हैं, चुनौती मानती हैं?
उत्तर : यह ‘किकलियां’ डालने वाला मुझे क्या चुनौती देगा। जो खुद ही आजकल दिखाई नहीं देता। रही बात उसके बङ्क्षठडा आने की तो वह एक बार कह कर देखे मैं खुद उसके खिलाफ  संगरूर से चुनाव लडऩे के लिए तैयार हूं। बाकी देखना होगा कि वह आगामी चुनाव कौन-सी पार्टी और कहां से लड़ता है क्योंकि पता लगा है कि वह कांग्रेस में शामिल होने के लिए मिन्नतें कर रहा है। अब देखना होगा कि राहुल को शराबी पसंद हैं या कबाबी।

प्रश्न : भाजपा के 5 सीटों पर चुनाव लडऩे की चर्चा में कितना दम है?
उत्तर : नहीं, यह सिर्फ अफवाह है, जिस तरह गठबंधन पहले चुनीव लड़ता रहा है उसी तरह ही इस बार लड़ेगा।

प्रश्न : क्या नोटबन्दी और जी.एस.टी. के बाद जनता की निराशा का प्रभाव 2019 के चुनाव पर पड़ सकता है?
उत्तर : जी नहीं, मैं इस बात के साथ सहमत नहीं हूं क्योंकि अगर जनता निराश होती तो हमें यू.पी., हिमाचल में बहुमत न मिलता। मेरे मुताबिक देश के लोग नरेंद्र मोदी की सरकार से संतुष्ट हैं। एक तरफ  जनता के पास राहुल गांधी जैसा अनजान नेता है और दूसरी तरफ  देश का योग्य नेतृत्व करने वाले तजुर्बेकार नेता नरेंद्र मोदी हैं। मुझे उम्मीद है कि जनता एक काबिल व्यक्ति को ही समर्थन देगी।

प्रश्न : शाहकोट के चुनाव पर बहुत चर्चा हो रही है। एस.एच.ओ. बाजवा विवाद बारे आपका क्या कहना है?
उत्तर : कांग्रेस राज में सरेआम गुंडागर्दी हो रही है। रेत माफिया के सरगना लाडी शेरोवालिया का कैप्टन बचाव कर रहे हैं जबकि थानेदार के खिलाफ  बेवजह कार्रवाई की जा रही है। मुझे तो कैप्टन अमरेंद्र पर हैरानी है कि एक एस.एच.ओ. के मसले पर राज्य के मुख्यमंत्री को सफाई देनी पड़ रही है जिससे उनकी घबराहट जगजाहिर है। कैप्टन थानेदार की वीडियो पर तो कार्रवाई कर रहे हैं परन्तु जिस वीडियो में उनका उम्मीदवार सरेआम पैसों की मांग कर रहा है उसे चुनाव लड़वा रहे हैं। कैप्टन चोर को गिरफ्तार करने की बजाय कोतवाल को अंदर कर रहे हैं। अगर बाजवा को हकीकत में कोई बीमारी है तो फिर 2 महीने पहले उसे प्रशंसा पत्र देकर क्यों नवाजा गया? मुझे तो डर है कि बाजवा को नशा छुड़ाने के बहाने सरकार कोई और कार्रवाई तो नहीं कर रही क्योंकि मुझे पता चला है कि बाजवा के पास लाडी शेरोवालिया के खिलाफ  काफी सबूत हैं।


प्रश्न : पिछले दिनों विधानसभा में मनप्रीत बादल ने इल्जाम लगाया कि मजीठिया परिवार की तरफ  से आपको विवाह में दी जाने वाली गाड़ी किस्तों पर ली गई थी, क्या यह सत्य है?
उत्तर : मनप्रीत जी मेरे मायके पर सवाल उठाते हैं तो मैं बताना चाहती हूं कि जो मजीठिया परिवार जहाजों का मालिक हो उनके लिए कारें देना कोई बड़ी बात नहीं है। मैं मनप्रीत को याद करवाना चाहती हूं कि मेरे पिता ने तो मेरी डोली भी जहाज पर चंडीगढ़ भेजी थी जिसमें शायद वह खुद भी सवार थे। सो जो आदमी शहीदों की कसम खा कर झूठ बोल सकता है उसके लिए मेरे परिवार पर आरोप लगाना कोई मुश्किल बात नहीं।

प्रश्न : जाखड़ ने कैप्टन को सलाह दी है कि इतिहास की किताब के सिलेबस में मॉडर्न हिस्ट्री भी शामिल हो जिसमें बहबल कलां और बरगाड़ी अध्याय का भी जिक्र किया जाए।
उत्तर : बहुत शर्म की बात है कि सिखों की दुश्मन जमात कांग्रेस ने पंजाब का कीमती इतिहास गायब करके कांग्रेस का इतिहास शामिल कर दिया है। एक तरफ प्रकाश सिंह बादल ने पंजाब के इतिहास को कायम रखने के लिए अपनी जिंदगी लगा दी और दूसरी तरफ कांग्रेस इसको खत्म करने पर लगी हुई है। रही बात जाखड़ के सुझाव की तो वह पहले 1984 के कांग्रेस के हत्याकांड को शामिल करें।

प्रश्न : बतौर फूड प्रोसैसिंग मंत्री आपकी 4 सालों में कोई 4 बड़ी उपलब्धियां कौन-सी हैं?
उत्तर : मैं 3 मैगा फूड पार्क ले कर आई हूं जिसकी शुरूआत बहुत मुश्किल के साथ फाजिल्का से की गई क्योंकि पंजाब सरकार मेरा सहयोग नहीं कर रही थी। उसके बाद लुधियाना और कपूरथला में फूड पार्क बनाया गया। इसके अलावा 10 नई कोल्ड चेन बनाई गईं। बड़ी प्राप्ति एम्ज जैसा अस्पताल है जिसका लाभ पंजाब के अलावा पड़ोसी राज्यों को भी होगा। बठिंडा में आई.आई.एफ.पी.टी. प्रशिक्षण सैंटर खोला गया है। इसके अलावा मैंने बासमती के बड़े कारोबारियों को भी पंजाब के किसानों के साथ मिलवाया है। आज भी मुझे राज्य सरकार सहयोग दे तो मैं 20 और नई इंडस्टरियां पंजाब में ला सकती हूं। 

प्रश्न : मनप्रीत का आरोप है कि सुरिन्द्र कौर बादल के भोग पर लंगर भी एस.जी.पी.सी. ने लगाया था?
उत्तर : अगर मनप्रीत सच्चा है तो सबूत पेश करे, चुप क्यों है? वह सिर्फ गंदी और गिरी हुई राजनीति कर सकता है। जिस व्यक्ति को हम जमीन से उठा कर आसमान तक लेकर गए आज वह उन्हीं की थाली में छेद कर रहा है। मनप्रीत अपने उस ताया के पेट में लात मार रहा है जिन्होंने उसे अपने सगे बेटे से भी आगे रखा। आज मनप्रीत उसी ताया के परिवार की इज्जत उछाल रहा है जो कि नमक हरामी करने वाली बात है। मनप्रीत को बादल शब्द भी हमारे परिवार ने ही दिया है, वर्ना राजनीति में उसे जानता कौन था। मनप्रीत शुरू से कांग्रेस  की ‘बी’ टीम में रहा है और तब से ही सुखबीर के साथ ईश्र्या करता है। वित्त मंत्री में काबिलियत तो कोई है नहीं पर चापलूसी करने की कला जरूर है जिसके कारण वह आज कांग्रेस का वित्त मंत्री है। 

ज्यादा पढ़े-लिखे मनप्रीत नहीं जानते केंद्रीय स्कीमें?
शेयरो-शायरी करने वाले मनप्रीत बादल को शायद इस बात का एहसास नहीं है कि बहुत-सी मंजूरियां उनकी ही सरकार ने दिलानी हैं। मेरे मुताबिक मनप्रीत ज्यादा पढ़ गए हैं। इसी कारण पार्टिया ज्यादा बदल रहे हैं और लोगों के साथ झूठे वायदे कर रहे हैं। मेरे मुताबिक ऐसा फेल मंत्री राज्य को आज तक नहीं मिला होगा। मैं मनप्रीत को बताना चाहती हूं कि यह प्रोजैक्ट उनके घर-घर नौकरी के वायदे को भी पूरा करेगा।

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