भंग हो सकती है हरियाणा सरकार?

punjabkesari.in Wednesday, Apr 18, 2018 - 08:34 AM (IST)

जालंधर (राकेश, सोमनाथ): मोदी सरकार लोकसभा के साथ-साथ राज्यों के विधानसभा चुनाव कराने के विकल्पों पर विचार कर रही है। एक साथ चुनाव करवाने के लिए केंद्र सरकार को संविधान में संशोधन करना पड़ेगा, लेकिन सरकार बीच का रास्ता तलाश रही है। ऐसे में सरकार 2 विकल्पों पर विचार कर रही है। पहला-उन राज्यों में राष्ट्रपति शासन लगा दिया जाए जहां आम चुनाव के ठीक बाद विधानसभा चुनाव होने हैं। इस तरह उन राज्यों के चुनाव भी आम चुनाव के साथ करा लिए जाएं।

अगर ऐसा होता है तो हरियाणा सरकार को समय पूर्व भंग किया जा सकता है। वैसे हरियाणा विधानसभा की अवधि अक्तूबर, 2019 में खत्म होगी और लोकसभा चुनाव मई, 2019 तक करवाए जाने की संभावना है। हरियाणा के साथ कुछ दूसरे प्रदेशों की सरकारें भी भंग की जा सकती हैं ताकि वह एक साथ चुनाव की प्रक्रिया का हिस्सा बन सकें। सरकार जिस दूसरे विकल्प पर विचार कर रही है, वह है समय से पहले लोकसभा चुनाव।  सरकार नवंबर-दिसंबर में लोकसभा चुनाव करा सकती है ताकि वह 4 राज्यों के विधानसभा चुनाव के साथ ही सम्पन्न हों। दोनों विकल्पों में सरकार को संविधान में संशोधन की जरूरत नहीं पड़ेगी। संविधान संशोधन में बहुत ज्यादा वक्त लगेगा और सरकार को इसके लिए काफी मशक्कत भी करनी पड़ेगी। 

चुनाव पर होने वाले खर्च के साथ-साथ समय की बचत
लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के एक साथ चुनाव कराने की सभी संभावनाओं पर सरकार के विभिन्न मंत्रालयों और नीति आयोग के बीच विस्तृत चर्चा भी हुई है। सरकार का मानना है कि एक साथ चुनाव कराने से चुनाव पर होने वाले खर्च के साथ समय की भी बचत होगी। सरकार में एक तबके का मानना है कि राष्ट्रपति शासन लागू करना राष्ट्रहित में है। इस योजना के हिमायती लोगों का कहना है कि छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान में राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है। इन राज्यों की विधानसभाओं का मौजूदा कार्यकाल दिसम्बर में खत्म हो रहा है, जबकि सामान्य परिस्थितियों में अप्रैल-मई में लोकसभा चुनाव होने हैं। इसके अलावा मिजोरम को भी लोकसभा चुनाव के साथ ही विधानसभा चुनाव के लिए मनाया जा सकता है। 

11 राज्यों में हो सकते हैं लोकसभा के साथ विधानसभाओं के चुनाव
महाराष्ट्र और हरियाणा की सरकारों को विधानसभा के कार्यकाल को 6 महीने पहले ही खत्म करने के लिए मनाया जा सकता है। दोनों राज्यों में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। इस तरह लोकसभा चुनाव के साथ ही विधानसभा चुनाव वाले राज्यों की संख्या बढ़ाकर 11 की जा सकती है। सिक्किम, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, अरुणाचल प्रदेश और ओडिशा उन राज्यों में शामिल हैं जहां लोकसभा के साथ ही विधानसभा चुनाव होने हैं। अगर समय से पहले लोकसभा चुनाव कराए गए तो सिक्किम, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, अरुणाचल प्रदेश, ओडिशा, हरियाणा और महाराष्ट्र को अपनी विधानसभाओं को 6 से 11 महीने पहले भंग करने के लिए मनाया जा सकता है। 

Anjna