सावधान! कहीं आपकी बेटियां इन शातिर मानव तस्करों के जाल में तो नहीं फंस गई

punjabkesari.in Monday, Sep 30, 2024 - 12:22 PM (IST)

फगवाड़ा: आपकी बेटी व बहु को अरब देशों में बहुत अच्छी नौकरी मिल रही है। आपकी पत्नी को अच्छी नौकरी के साथ बहुत ही अच्छा वेतन अरब मुल्कों में मिल सकता है। यह चंद ऐसे वाक्य हैं जो अक्सर मासूम लड़कियों को अरब देशों में नौकरी दिलाने का झांसा दें पंजाब सहित पूरे देश में सक्रिय शातिर मानव तस्कर बोल मासूमों को अपने चंगुल में फांस रहे हैं।

यह माफिया कितना खतरनाक और शातिर है इसका पता सिर्फ उसको लगता है जो इनके जाल में फंस जाता है। मानव तस्करी खासकर मासूम लड़कियों और महिलाओं की तस्करी में सक्रिय यह शातिर तस्कर मासूमों की कमजोरियों का फायदा उठाते हैं और उन्हें खाड़ी के देशों में बेच देते हैं।

पंजाब के दोआबा इलाके सहित पूरे राज्य और देश में ऐसे कई मामलों को खुलासा हुआ है जहां मानव तस्करी के काले घिनौने गौरखधंधे में शामिल जालसाजों द्वारा महिलाओं और जवान लड़कियों को अपने मकड़जाल में फांसने के बाद इनको अरब देशों में अपने संपंर्क सूत्रों के मार्फत मोटी रकमें लेकर बिक्री किया है और यह क्रम निरंतर गोपनीय ढंग अंजाम दिया जा रहा है। कई मौको पर तो पंजाब पुलिस के बड़े अधिकारियों द्वारा इस काले नैटवर्क का पर्दाफाश कर ऐसे शातिर मानव तस्करों की पहचान कर इनके खिलाफ पुलिस केस भी दर्ज किए गए है और इनकी गिरफ्तारियां भी हुई है।

हाल ही में आप के राज्यसभा सांसद संत बलबीर सिंह सीचेवाल के प्रशंसनीय प्रयासों से 9 लड़कियों की इराक,ओमान और कतर से वतन वापसी करवाई गई है जिनकों शातिर जालसाज मानव तस्कर गैंग के बताए जाते एजैंटो ने वहां पर बेच दिया था। यह लड़कियां जिला जालंधर, जिला फिरोजपुर, जिला कपूरथला और मोगा की रहने वाली बताई जाती है। अभी तक संत बलबीर सिंह सीचेवाल 100 से ज्यादा ऐसी लड़कियों की अरब देशों से वतन (घर) वापसी करवा चुके हैं और यह नेक कार्य उनके द्वारा लगातार जारी है।

जानकारी अनुसार ओमान से वापिस पंजाब लौटी लड़कियों ने अहम खुलासा किया है कि वहां पर अभी भी करीब 20 से 25 लड़कियां फंसी हुई है। उन्होनें बताया कि किस भांति उनके साथ वहां पर अरब देशों में पशुओं की भांति दफ्तरों के कमरों मे कैद कर और बाहर से ताला लगा रखा जाता है।

मजबूरी और गरीबी का शातिर जालसाज एजेंट उठा रहे पूरा फायदा

समाज में गरीबी, शिक्षा की कमी और सीमित रोजगार के अवसर तस्करी के लिए अनुकूल वातावरण बनाते हैं। गरीब पृष्ठभूमि की लड़कियों और महिलाओं को अक्सर खाड़ी देशों में बेहतर जीवन और नौकरी की संभावनाओं के वायदे से लुभाया जाता है और यह आसानी से इनका शिकार हो जाती है।

तस्करों द्वारा नियोजित तरीके और रणनीति

तस्कर पीड़ितों की भर्ती के लिए विभिन्न साधनों का उपयोग करते हैं, जैसे कि झूठे नौकरी विज्ञापन, धोखाधड़ी वाले ट्रैवल एजेंट और नकली विवाह प्रस्ताव। वे लड़कियों और महिलाओं के सपनों और आकांक्षाओं का शिकार करते हैं, उन्हें यह विश्वास दिलाने के लिए धोखा देते हैं कि उन्हें विदेशों खासकर खाड़ी देशों में आकर्षक अवसर मिलेंगे जो उनके और उनके परिवारों की दशा और दिशा दोनों चंद दिनों में ही बदल देगी।

बेहद मजबूत तस्करी नेटवर्क

मानव तस्करों के जटिल नेटवर्क पूरे भारत और खाड़ी देशों में काम करते हैं, जिसमें भर्तीकर्ता, ट्रांसपोर्टर, बिचौलिए और नियोक्ता सभी शामिल होते हैं। यह नेटवर्क पीड़ितों की एक स्थिर आपूर्ति सुनिश्चित करते हैं और उनके परिवहन और शोषण की सुविधा प्रदान करते हैं।

दस्तावेजों की बड़ी जालसाजी

तस्कर अक्सर सीमाओं के पार पीड़ितों की अवैध आवाजाही को सुविधाजनक बनाने के लिए पासपोर्ट और वीजा जैसे पहचान दस्तावेजों में बड़े स्तर पर हेरफेर करते हैं। नकली दस्तावेजों का उपयोग अधिकारियों के लिए इस तरह की तस्करी का पता लगाने और रोकने के लिए चुनौतीपूर्ण बनाता है।

जाल में फंसने वाली महिलाओं और लड़कियों को विदेशों में न चाहते हुए भी गुलाम बनकर झेलने पड़ते है अमानवीय कृत्य

जबरन श्रम

कई तस्करी की गई लड़कियों और महिलाओं को घरेलू घरों, निर्माण स्थलों या अन्य उद्योगों में जबरन श्रम के अधीन किया जाता है। वे लंबे समय तक काम करने, शारीरिक और यौन शोषण, और निंदनीय परिस्थितियों में रहने को सहन करती हैं और यदि वह साहस जुटाकर इसका विरोध करती है तो इनके साथ गुलामों से भी बदतर अमानवीय व्यवहार किया जाता है। इनको कमरों में बंद कर कई दिनों तक भूखा रखा जाता है जब तक यह वह हर बात स्वीकार न कर लें जो इनको कही जाए। इनके पासपोर्ट जब्त कर लिए जाते है। नौकरी के पैसे नहीं दिए जाते हैं और वह सब अत्याचार होता है जो कल्पना की परिकथा से भी परे हो।

यौन शोषण

बड़ी संख्या में पीड़िताएं यौन व्यापार में धकेल दी जाती हैं। इनको वेश्यावृत्ति करने हेतु मजबूर किया जाता है। इसे लेकर तरह -तरह के हथकंडे अपनाएं जाते है। इनको ब्लैकमेल किया जाता है। वेश्यालयों के मालिकों और ग्राहकों द्वारा यौन शोषण किया जाता है। यह पीड़िताएं गंभीर शारीरिक और मनोवैज्ञानिक आघात से ग्रसित हो जाती हैं और उनका जीवन अक्सर सामाजिक अलगाव से प्रभावित होता है।

ऋण बंधन का खेल

तस्कर महत्वपूर्ण ऋण लगाकर पीड़ितों का फायदा उठाते हैं, जो अक्सर परिवहन और धोखाधड़ी भर्ती शुल्क के लिए खर्च किए जाते हैं। पीड़िता ऋण बंधन के चक्र में फंस जाती हैं, जिससे उनकी शोषक स्थितियों से बचना बेहद मुश्किल हो जाता है।

मानव तस्करी का मुकाबला करने में चुनौतियां

तस्करों के लिए अपर्याप्त कानून और उदार दंड मानव तस्करी का प्रभावी ढंग से मुकाबला करने के प्रयासों को कमजोर करते हैं। अपराधियों को रोकने और पीड़ितों को न्याय प्रदान करने के लिए कानूनों को मजबूत करना और लागू करना अति महत्वपूर्ण है।

भ्रष्टाचार, सहभागिता और बड़ा रसूख 

मानव तस्करी नेटवर्क अक्सर भ्रष्ट अधिकारियों के समर्थन से काम करते हैं, जिससे इन नेटवर्कों को नष्ट करना चुनौतीपूर्ण हो जाता है। भ्रष्टाचार को संबोधित करना और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के भीतर जवाबदेही सुनिश्चित करना आवश्यक है। कई संभावित पीड़ितों में तस्करी के खतरों और उपलब्ध समर्थन तंत्र के बारे में जागरूकता की कमी है। बचे हुए लोगों के लिए पर्याप्त संसाधनों और आश्रयों के प्रावधान के साथ-साथ सार्वजनिक जागरूकता अभियानों में वृद्धि, तस्करी का मुकाबला करने में महत्वपूर्ण घटक हैं।

भारत से विदेशों खासकर खाड़ी देशों में निर्दोष लड़कियों और महिलाओं की तस्करी वर्तमान में गंभीर चिंता का विषय बनी हुई है। सामाजिक आर्थिक कमजोरियां, लैंगिक असमानताएं, और विदेशों में एक बेहतर जीवन का आकर्षण मानव तस्करी के काले कारोबार में शामिल शातिर लोगों को मासूमों को अपना शिकार बनाने में योगदान देता है।

सबसे अहम पहलू यह है कि हम सभी सर्तक और सजग बने और ऐसे लोगों से बचे जो निरंतर हमारी मासूम बेटियों और बहनों को मानव तस्करी के जाल में फंसाने में शामिल है अन्यथा यदि हम जागरूक नहीं हुए तो इसके गंभीर परिणाम आने तय है।

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News Editor

Urmila

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