बच्चे के मर्डर केस का चालान पेश करने के लिए हैड कांस्टेबल ने मांगे पैसे

punjabkesari.in Sunday, Jul 22, 2018 - 01:49 AM (IST)

जालंधर(वरुण शर्मा):आम तोडऩे को लेकर हुए विवाद में सात साल के बच्चे मनोज के  मर्डर केस में मकसुदां थाने के हैड कांस्टेबल मनजीत सिंह की पैसे मांगते की ऑडियो वायरल हुई है। मनजीत सिंह ने बच्चे के पिता कमलेश कं नंबर पर फोन करके कोर्ट में चालान पेश करने के लिए पैसे मांगे मनजीत का कह रहा है कि चालान पेश करने के लिए पांच हजार रुपए का खर्चा आता है लेकिन उनसे जितने होते है वह उसे दे जाएं। मई 2018 में मकसुदा स्थित ग्रीन फील्ड में रहने वाला कमलेश का महोममद अली नाम के व्यक्ति से विवाद हुआ था। बहस के बीच ही दौरान महोममद अली ने कमलेश के यहां से आम के पेड़ से आम तोड लिया। कमलेश ने उसका विरोध किया तो गुस्से में आकर अली ने मनोज का सिर पकड़ कर दिवार पर मारना शुरू कर दिया व खुन से लथपथ करके उसे वहीं फैंककर भाग गया।

 तीसरी कक्षा मेें पढऩे वाले मनोज को निजी अस्पताल दाखिल करवाया गया लेकिन डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया था। थाना मकसुदां की पुलिस ने महोममद अली खिलाफ एफआईआर नंबर 90 तारीक 28 मई 2018 धारा 302 दजर्’ करके उसे गिरफतार करके जेल भेज दिया था। गिरफतारी के बाद जब चालान पेश करने की बात सामने आई तो हैड कांस्टेबल मनजीत सिंह ने कमलेश के नंबर पर फोन करके चालान पेश करने के लिए  पैसे मांगे। पहले तो वह फोन पर बात कर रहे व्यक्ति को मनोज का पिता मानता रहा लेकिन बाद में पता लगा कि वह बच्चे का रिश्तेदार है। बेबस रिश्तेदार ने यह बात कही कि आरोपी की जमानत नहीं होनी चाहिए, पैसे का वह बंदोबस कर लेंगे। मनजीत सिंह से बात करने पर उन्होंने कहा कि पैसे लगते हैं लेकिन अन्य अधिकारियों से बात करने पर पता लगा कि चालान पेश करने के लिए कोई पैसा नहीं लगता। 

           फोन पर हुई बातचीत 

  • मनजीत सिंह- कमलेश किदां..कमलेश बोलदा..मकसूदां थाने से बोल रहे हैं।
  • जीत- नई जी में जीत बोल रेहा। 
  • मनजीत सिंह- जीत यार चालान पेश करना, पैसे लगदे आ थोड़े बोत। 
  • जीत- पैसे..किन्ने लग जाने। 
  • मनजीत सिंह- ओंदा ता 5 हजार लगदा, नक्शा वी बनाना।पैसे बोत लगदे आ कत्ल का केस है ना। थोडे बोत दे दे।
  • जीत-ओ (आरोपी महोममद अली) जेल च ही है न।
  • मनजीत सिंह- हां ओह जेल च ही है। चालान पेश नई होएया तो जमानत मिल जानी ओहणू। 
  • मनजीत सिंह-चालान पास करवान लई सरकारी वकीलां  नूं पैसे देने पेंदे, नई ता घुमांदे रेंहनगे। कदो आना तू।
  • जीत- करदा फोन। की नाम तवाडा
  • मनजीत सिंह- मेरा मनजीत सिंह। 
  • जीत- ओके।

    थोड़े जहे तां पैसे लगदे ही है-मनजीत सिंह
  •  इस बारे जब हैड कांस्टेबल मनजीत सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि कुछ खर्चा जरूर आता है। वही मांगा था। इस परिवार की काफी मदद की है। मैने कहा था कि जितने भी पैसे होते हैं दे दें। उनसे जब चालान पेश करने के लिए कोई भी पैसा न लगने की बात कही तो उनका कहना था कि पाजी टाईम माड़ा चल रेहा, की कर सकते हुण। 


 

Des raj