बहू की डिलीवरी दौरान अस्पताल में जो कुछ हुआ, सास ने रो-रोकर सुनाई दास्तां

punjabkesari.in Monday, Aug 24, 2020 - 10:58 AM (IST)

नाभा(जैन): गांव अगेता के एक गरीब परिवार पर सेहत विभाग की लापरवाही से दुखों का पहाड़ टूटा है। वास्तव में बलविन्दर कौर नाम की गर्भवती महिला का इलाज सुनीता नाम की डाक्टर के पास चल रहा था। डिलीवरी से पहले गर्भवती महिला को डाक्टर ने कोरोना टैस्ट करवाने के लिए कहा। परिवार ने महिला का टैस्ट करवाया तो रिपोर्ट पॉजीटिव बताई गई। 

इसके बाद सेहत विभाग की टीम ने घर आकर गर्भवती महिला को एंबुलेंस के द्वारा पटियाला के रजिन्दरा अस्पताल तबदील कर दिया परन्तु यहां 2 दिनों के बाद उक्त महिला की रिपोर्ट नेगेटिव आ गई, इसके बावजूद भी सेहत विभाग ने इस परिवार के 7 सदस्यों को घर में ही एकांतवास कर दिया, जबकि सभी मैंबर मजदूरी करने वाले हैं। गर्भवती महिला की सास जसवीर कौर ने रोते हुए बताया कि उनकी बहू को डिलीवरी दौरान रजिन्दरा अस्पताल में काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। उसने बताया कि करीब 12 सालों बाद उनकी बहू के लड़की हुई है परन्तु पॉजीटिव और नेगेटिव के चक्कर में हमारे परिवार को उलझाया गया। सिर्फ इतना ही नहीं, डाक्टरों ने डिलीवरी के बाद उनकी बहू को माता कौशल्या अस्पताल तबदील करके तीसरी मंजिल के वार्ड में भेज दिया। 

उसने बताया कि अस्पताल में बुरे प्रबंध थे और किसी गरीब की सुनवाई नहीं हो रही। गांव के किसान नेता हरविन्दर सिंह ने बताया कि इस गर्भवती महिला को पॉजीटिव मरीजों के साथ रखा गया, जो कि बहुत ही गलत था। उन्होंने सेहत मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू से मांग की कि इस बड़ी लापरवाही के लिए तुरंत जांच के निर्देश दिए जाएं जिससे आगे से ऐसी मुसीबत किसी और परिवार पर न आए।
 

Vaneet