स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर समाज सेवियों का शिष्टमंडल स्वास्थ्य मंत्री को मिला

punjabkesari.in Friday, Oct 12, 2018 - 04:07 PM (IST)

जलालाबाद(सेतिया): भले गत अकाली भाजपा सरकार समय विधायक सुखबीर सिंह बादल की अध्यक्षता में करोड़ों रुपए की लागत से जलालाबाद में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए अस्पताल की बिल्डिंग तो बना दी गई लेकिन स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया करवाने के लिए डाक्टरों की कमी ने आम लोगों में बड़े सवाल पैदा कर दिए है। 

गत दिवस इन सेवाओं को लेकर ही कांग्रेस बुद्धिजीवि सेल के प्रांतीय चेयरमैन अनीश सिडाना व समाज सेवियों की अध्यक्षता में एक शिष्टमंडल चंडीगढ़ में स्वास्थय मंत्री पंजाब ब्रह्म महिंद्रा को मिला। इस समय उनके साथ नरिंदर सिंह नन्नू कक्कड़, पत्रकार हरीश सेतिया, पत्रकार संदीप छाबड़ा, राजन धवन, राजा बराड़, दारा बट्टी, अमित दरगन, गुरदयाल सिंह बुघी, बिट्टू सेतिया, मनीश मलूजा, धरमिंदर पटियाला आदि उपस्थित थे। इस अवसर पर शिष्टमंडल द्वारा मांग पत्र दिया गया कि जलालाबाद में करोड़ों रुपए की लागत से बिल्ंिडग बनाई है परंतु डॉक्टरों की कमी कारण आम लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं नहीं मिल रही है।

उधर स्वास्थय मंत्री ब्रह्म महिंद्रा ने शिष्टमंडल की समस्या को पूरे ध्यान से सुनाव अपने निजी सचिव से जलालाबाद में स्वास्थ्य सेवाओं बारे आ रही समस्या बारे जानकारी ली। इसके बाद उन्होंने शिष्टमंडल को आश्वासन दिया कि राज्य अंदर स्वास्थय सेवाएं मुहैया करवाने के लिए पंजाब सरकार पूरी तरह बचनबद्ध है व सरकार के पास 306 नए डॉक्टरों की लिस्ट आ चुकी है व इनमें ही नए डाक्टरों को पक्के तौर पर जलालाबाद के सिविल अस्पताल में लगाया जाएगा। इसके अतिरिक्त उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि बाबा फरीद यूनिवर्सिटी से भी बातचीत की जाएगी व वहां के स्टाफ को भी जलालाबाद में लाया जाएगा। 

उल्लेखनीय है कि उक्त सरकारी अस्पताल में पहले बाबा फरीद यूनिवर्सिटी द्वारा स्टाफ भेजा जाता था व आम लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं ज्यादा न सही परंतु जरूरत अनुसार जरूर मिल रही है।परंतु बाबा फरीद यूनिवर्सिटी द्वारा स्टाफ को वापिस बुला लिए जाने के बाद उक्त अस्पताल डॉक्टरों की कमी के कारण बिल्कुल खाली हो गया है व इमरजेंसी हालातों में लोगों को प्राथमिक सेवाएं मिलने में परेशानी आ रही है। इसके अतिरिक्त विभिन्न बीमारियों के उपचार के लिए भी जलालाबाद के अस्पताल में डॉक्टर नहीं है। अब हालात यह है कि आम लोग सिविल अस्पताल में आने से गुरेज कर रहे है।
 

Vaneet