कम वेतन पर भी कोरोना के खिलाफ जंग में जुटे हैल्थ वर्कर, सरकार ने नहीं दियी बीमा कवर

punjabkesari.in Tuesday, Apr 14, 2020 - 09:08 AM (IST)

चंडीगढ़ः पंजाब में कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में अपनी जान को खतरे में डाल रहे हैल्थ वर्करों में से ज्यादातर केवल 100 से लेकर 500 रुपए प्रति दिन के कम वेतन पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। सरकार द्वारा अनुबंध पर रखे गए स्वास्थ्य कर्मचारियों में से किसी को भी बीमा कवर प्रदान नहीं किया गया है।

बता दें कि मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता (आशा वर्कर ) गांवों में 2 से 3 हजार के मासिक वेतन पर रोगियों की पहचान करने के साथ लोगों को विभिन्न बीमारियों के प्रति जागरूक करने का काम करती है। उन्हें वेतन के इलावा सिर्फ रजिस्टर के रख-रखाव के लिए 1,500 रुपए मिलते हैं।

उन्हें स्वैच्छिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता माना जाता है। इसलिए उन्हें न्यूनतम मजदूरी भी नहीं दी जाती है। राज्य में लगभग 27,000 आशा वर्कर हैं। कोरोना के शुरूआत में, आशा कार्यकर्ताओं को एन.आर.आई. के सभी घरों और गांवों में संदिग्ध मामलों की पहचान कर तुरंत स्वास्थ्य अधिकारियों को इसकी रिपोर्ट देने का काम सौंपा था। आशा कार्यकर्ता जसविंदर कौर ने कहा कि हालांकि यह समय समाज की सेवा का था न कि मांगों को रखने का । पर अगर सरकार उनकी चिंता कर कम से कम उनके लिए एक बीमा कवर का ऐलान करती है, तो यह उन्हें और काम करने के लिए प्रोत्साहित करता।

उनके अलावा, बहुउद्देशीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता भी स्वास्थ्य सेवाओं में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। वह गांवों में लॉकडाउन को लागू करने और रोगियों की स्क्रीनिंग में अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभा रहे हैं। पंजाब में लगभग 2,500 महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता हैं, जिन्हें प्रति माह 12,000 रुपए का भुगतान किया जाता है। इसके अलावा, बड़ी संख्या में संविदा कर्मचारी नर्स, ए.एन.एम., फार्मासिस्ट और लैब तकनीशियन हैं जो अल्प वेतन पर काम करते हैं। आइसोलेशन वार्ड में कई नर्स ड्यूटी पर हैं।


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