कड़ाके की गर्मी के बीच लोग दें खास ध्यान, गर्मी व लू से बचने के लिए जरूर करें ये काम

punjabkesari.in Wednesday, Apr 09, 2025 - 12:47 PM (IST)

नवांशहर (त्रिपाठी,ब्रह्मपुरी): डिप्टी कमिश्नर अंकुरजीत सिंह ने जिला निवासियों से अपील करते हुए कहा कि हमें गर्मियों में लू से बचने के लिए विशेष एहतियात बरतने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जब भी घर से बाहर निकलना हो तो खूब पानी पीएं, सूती, हल्के व आरामदायक कपड़े पहनें तथा सिर को ढक कर रखें।

डी.सी. ने कहा कि पानी, नींबू पानी, लस्सी, ओ.आर.एस. घोल जैसे तरल पदार्थों का अधिक से अधिक सेवन करें। उन्होंने कहा कि लोगों को ज्यादा मिर्च-मसालेदार भोजन और बाजार का खाना खाने से बचना चाहिए तथा कूलर या ए.सी. वाले कमरे में बैठने के तुरंत बाद धूप में नहीं जाना चाहिए। डिप्टी कमिश्नर ने आगे बताया कि गर्म हवाएं न केवल हमारी प्यास बढ़ाती हैं, बल्कि हमारे शरीर, विशेषकर हमारी आंखों और त्वचा को भी पूरी तरह झुलसा देती हैं।

जब बहुत अधिक गर्मी पड़ती है, तो हमारा शरीर पसीने के रूप में गर्मी छोड़ता है और तापमान को नियंत्रण में रखता है। जिससे शरीर में पानी की कमी हो जाती है। उन्होंने कहा कि एक निश्चित सीमा के बाद हमारे शरीर का यह सिस्टम काम करना बंद कर देता है और शरीर बाहर के तापमान जितना गर्म हो जाता है, जिसे हीटस्ट्रोक या लू लगना कहा जाता है।

आमतौर पर लोग इसे हल्के में लेते हैं और मानते हैं कि उन्हें हीट स्ट्रोक नहीं हो सकता, लेकिन एक रिपोर्ट के अनुसार हीट स्ट्रोक एक बहुत ही खतरनाक बीमारी है। डी.सी. ने आगे कहा कि बच्चों व बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं, मोटापे से ग्रस्त लोगों, हृदय रोगियों, शारीरिक रूप से कमजोर लोगों तथा शरीर के रसायनों या रक्त वाहिकाओं को प्रभावित करने वाली कुछ दवाओं का सेवन करने वाले लोगों को हीटस्ट्रोक का खतरा अधिक होता है।

उन्होंने कहा कि हीटस्ट्रोक से शरीर में बेचैनी और घबराहट हो सकती है तथा अधिक देर तक धूप में रहने से बेहोशी, चक्कर आना, बोलने में दिक्कत, चिड़चिड़ापन, अस्पष्ट बोलना, चलते समय लड़खड़ाना और दौरे पड़ सकते हैं। इसलिए, यदि हीटस्ट्रोक के लक्षण दिखाई दें, तो व्यक्ति को छाया में लिटाना चाहिए, उसके कपड़े ढीले कर देने चाहिए, तरल पदार्थ पिलाना चाहिए, शरीर का तापमान कम करने के लिए ठंडे पानी की पट्टियां लगानी चाहिए तथा तुरंत डॉक्टर से जांच करानी चाहिए तथा डॉक्टर की सलाह के अनुसार उपचार देना चाहिए।

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News Editor

Kalash

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