पंजाब में प्राकृतिक गैस पर वैट दर में भारी कटौती

punjabkesari.in Tuesday, Sep 10, 2019 - 08:15 PM (IST)

सुल्तानपुर लोधी: पंजाब सरकार ने उद्योगों को इको-फ्रेंडली गैस के प्रति प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण फैसले में कंप्रेस्ड नेचुरल गैस के अलावा गैसीय स्टेट में नैचुरल गैस पर वैट 14.3 से कम कर 3.3 फीसदी करने का मंगलवार को फैसला किया। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय का निर्णय लिया गया। उन्होंने कहा कि इस कदम से राज्य में औद्योगिक प्रदूषण में कमी आएगी। वर्तमान में, प्राकृतिक गैस पर वैट की दर पंजाब में 13 फीसदी और इस पर दस फीसदी अधिभार यानी 14.30 फीसदी है। 

गैस का प्रमुख उपभोक्ता राष्ट्रीय उर्वरक लिमिटेड (एनएफएल) है, जो बठिंडा और नंगल में अपने संयंत्रों में गैस का उपयोग करता है। प्राकृतिक गैस भी बहुत कम मात्रा में चुनिंदा उद्योगों और परिवहन क्षेत्र द्वारा खपत की जाती है। मार्च 2015 से पहले, प्राकृतिक गैस पर वैट की दर 5.5 फीसदी और दस फीसदी अधिभार यानी 6.05 फीसदी था। मार्च 2015 से प्राकृतिक गैस पर वैट की दर 6.05 फीसदी से बढ़ाकर 14.3 फीसदी कर दी गई। वैट दर में वृद्धि के कारण, एनएफएल ने प्राकृतिक गैस की अंतरराज्यीय बिलिंग शुरू की, जिसके कारण प्राकृतिक गैस पर वैट संग्रह कम हो गया। 

2014-15 से 2018-19 के बीच प्राकृतिक गैस पर वैट संग्रह 105.77 करोड़ रुपए से कम हो कर 5.67 करोड़ रुपए हो गया। जो वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान और कम होकर 1.84 करोड़ रुपए रह गया। गौरतलब है कि एनएफएल गुजरात से प्रति माह 300 करोड़ रूपए की प्राकृतिक गैस खरीद रहा है। जिस पर सीएसटी 15 फीसदी की दर से 45 करोड़ प्रति माह उस राज्य को भुगतान किया जा रहा है। प्राकृतिक गैस पर वैट दर कम होने की स्थिति में, प्राकृतिक गैस आपूर्तिकर्ता पंजाब से एनएफएल को प्राकृतिक गैस की बिलिंग शुरू कर सकता है, जिससे प्राकृतिक गैस पर पीवीएटी संग्रह में वृद्धि हो सकती है। मंत्रिमंडल ने एक अन्य निर्णय में 1.35 करोड़ रूपए के बजट अनुदान के साथ मध्यम सिंचाई (योजना) के तहत सुहेलवाला वितरण, जलालाबाद के विस्तार को मंजूरी दी है। 
 

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