बठिंडा में बारिश का कहर, बाढ़ जैसे हालात (देखें तस्वीरें)

punjabkesari.in Wednesday, Jul 17, 2019 - 05:14 PM (IST)

बठिंडाः पंजाब के बड़े शहरों से एक बठिंडा शहर के निचले इलाके पिछले 48 घंटों के दौरान करीब 350 मिलीमीटर बारिश होने से डूबे हुए हैं तथा इन इलाकों में नावें तैनात की गई हैं । मौसम केन्द्र के अनुसार अगले 24 घंटों में पश्चिमोत्तर में कहीं कहीं भारी बारिश होने की संभावना है तथा शेष भाग में अनेक स्थानों पर हल्की से औसत बारिश होने के आसार हैं । 

पिछले 24 घंटों में क्षेत्र में कहीं कहीं भारी बारिश तथा शेष भाग में हल्की बारिश हुई । हिमाचल प्रदेश में से नदियों का जल स्तर बढ़ने के कारण पंजाब तथा हरियाणा के कुछ नदी नाले उफान पर पहुंच गए है। घग्गर नदी खतरे के निशान से उपर बह रही है जिससे पटियाला जिले के कई गांवों में पानी भर गया । सनौर , राजपुरा तथा घनौर में नदी का पानी भर गया जिससे फसल डूब गई है । पानी में डूबे इलाकों के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है । स्कूलों को बंद कर दिया गया है । सामरिक द्दष्टि से महत्वपूर्ण बठिंडा शहर के स्कूल बंद कर दिए गए हैं ।

सचिवालय से लेकर पुलिस महानिरीक्षक ,जजों ,वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ,तहसीलदार की कोठियों के आगे नावें चल रही हैं । प्रशासन का सारा कामकाज ठप्प पड़ा है । लोग बदतर हालात के लिए केन्द्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ,पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत बादल सहित राज्य सरकार को कोस रहे हैं । पानी में डूबे सिविल लाइन ,सिरकी बाजार ,पासर राम नगर ,पावर हाउस इलाके के प्रभावित लोगों का कहना है कि पिछले 15 सालों से अकाली सांसद एवं केन्द्रीय मंत्री हरसिमरत बादल के आश्वासन ने उनकी ये हालत की है । पहले 10 साल अकाली भाजपा सरकार रही तथा अब कांग्रेस सरकार ने झूठे वादे करके उन्हें तबाह किया है ।

प्रभावित लोगों का कहना है कि वित्त मंत्री मनप्रीत बादल ने चुनाव से पहले वादा किया था कि वो प्राथमिकता के आधार पर शहर की जल निकासी व्यवस्था को दुरूस्त कराएंगे लेकिन उनके वादे ने उन्हें बर्बाद कर दिया । उनके घरों में सारा सामान खराब हो गया । बादल ने शहर के हालात को देखते हुए 10 लाख रूपए जारी किए हैं लेकिन लोगों का कहना है कि कांग्रेसी कार्यकर्ता तथा नेता केवल ड्रामेबाजी कर रहे हैं । वे मौके पर जेबीसी लेकर तो पहुंचते हैं लेकिन कुछ करने के बजाय वोट की चिंता में गरीबों को ही ब्रेड बांटकर खानापूर्ति कर रहे हैं । पिछले 5 दशकों से इस समस्या से सभी सरकारें तथा नेता पूरी तरह वाकिफ होने के बावजूद इस समस्या का निदान कोई नहीं कर सका । 

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