पंजाब भाजपा में आगामी दिनों में भारी फेरबदल के आसार

punjabkesari.in Friday, Mar 19, 2021 - 10:56 AM (IST)

जालंधर(राहुल): किसान आंदोलन के शुरूआती दौर में अपनाई गई प्रदेश भाजपा टीम की ढिलमुल नीति के पश्चात राष्ट्रीय नेतृत्व द्वारा वर्तमान प्रदेश नेतृत्व को कोई ज्यादा महत्व नहीं मिल रहा है। शायद उसी का परिणाम है कि बंगाल के चुनावों में किसी को भी आमंत्रित नहीं किया गया। हालांकि अधिकतर नेता यह कह कर हर बात को टाल जाते हैं कि अभी हम बंगाल जीतने में व्यस्त हैं। आगामी 2 मई को सब ठीक हो जाएगा। वहीं जो हालात लग रहे हैं उससे आगामी दिनों में भारी फेरबदल के आसार बन गए हैं।

हालांकि आगामी 20 से 21 मार्च तक पार्टी मुख्यालय में होने वाली प्रदेश कार्यकारिणी में भारी उठापटक हो सकती है। प्रदेश के वर्तमान शीर्ष नेतृत्व के विरुद्ध अपने ही लोगों का असंतोष लगातार बढऩे के समाचार मिल रहे हैं। आपसी बहसबाजी, देख लेने की धमकियों के पश्चात कई स्थानों पर आपसी मारपीट की घटनाओं को दबाना भी शीर्ष नेतृत्व के नाक का सवाल बनता जा रहा है। इस दौरान प्रदेश प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम, भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व सह संगठन मंत्री सौदान सिंह कार्यकर्ताओं, पदाधिकारियों से पार्टी संगठन, प्रदेश की स्थिति के बारे में अलग-अलग दौर में विस्तृत चर्चा करेंगे।

गठबंधन टूटने के पश्चात आपसी गुटबाजी बढ़ी
अंदरूनी सूत्रों की मानें तो भाजपा-अकाली गठबंधन टूटने के पश्चात भाजपा में आपसी गुटबाजी चरम सीमा तक पहुंच गई है। नई युवा ब्रिगेड को टकसाली कर्मठ कार्यकर्ताओं एवं व्यक्तिविशेष से जुड़ा बताकर संगठन कार्यों से दूर रखना भी संगठन को कमजोर कर रहा है।

4 माह से ठंडे बस्ते में पड़ा प्रदेश महासचिव का मामला भी उठेगा
किसान आंदोलन के पश्चात उभरे असंतोष के पश्चात प्रदेश महासचिव मलविंदर सिंह कंग ने अक्तूबर में अपना त्यागपत्र दे दिया है। देहाती क्षेत्र में उन्हें काफी मजबूत माना जाता था, उनके उत्तराधिकारी के रूप में करीब 4 महीने में किसी की नियुक्ति न हो पाना भी राजनीतिक क्षेत्रों में प्रदेश व राष्ट्रीय नेतृत्व के संबंधों पर चर्चा का विषय बना हुआ है।

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Content Writer

Sunita sarangal