सरकार की सख्ती से बेखौफ तस्कर, 3 माह में दोगुनी हुई हैरोइन की आमद

punjabkesari.in Monday, Mar 19, 2018 - 09:45 AM (IST)

अमृतसर(नीरज): पूर्व गठबंधन सरकार के खिलाफ हैरोइन तस्करी को मुद्दा बनाने वाली कैप्टन सरकार के एक वर्ष के कार्यकाल में खुद मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह दावा कर रहे हैं कि पंजाब में हैरोइन सहित अन्य नशीले पदार्थों की बिक्री पर रोक लग चुकी है।

 

कैप्टन सरकार की तरफ से डेपो योजना भी शुरू की जा रही है, ताकि घर-घर जाकर नशे की लत्त के शिकार लोगों को बचाया जा सके। इसके अलावा नशीले पदार्थों की बिक्री करने वालों को सलाखों के पीछे भेजा जा सके, लेकिन पंजाब बार्डर पर बी.एस.एफ. की तरफ से जब्त की गई हैरोइन के आंकड़ों को देखा जाए तो पता चलता है कि पंजाब सरकार के दावे खोखले लग रहे हैं और सीमावर्ती इलाकों में हैरोइन की तस्करी करने वाले तस्कर पंजाब सरकार की सख्ती से बेखौफ नजर आ रहे हैं।


आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो पता चलता है कि वर्ष 2017 के पहले तिमाही (जनवरी 2017 से लेकर मार्च 2017) के 3 महीनों में बी.एस.एफ. की तरफ से पंजाब बार्डर पर कुल 39 किलो हैरोइन जब्त की गई और वर्ष 2017 में कुल 279 किलो हैरोइन को जब्त किया गया। इसकी तुलना वर्ष 2018 की पहली तिमाही को देखा जाए तो पता चलता है कि इस तिमाही में पंजाब बार्डर पर हैरोइन की आमद दोगुना से भी ज्यादा हो गई है। 


बी.एस.एफ. की तरफ से जब्त की गई हैरोइन के आंकड़ों को देखा जाए तो जनवरी से लेकर मार्च 2018 के महीनों में अब तक 92 किलो हैरोइन जब्त की जा चुकी है, जो साबित करती है कि पंजाब के सीमावर्ती इलाकों में सरगर्म हैरोइन तस्कर पंजाब पुलिस की सख्ती व पंजाब सरकार की तरफ से नशे के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान से बेखौफ हैं, उन पर पंजाब सरकार की तरफ से चलाए जा रहे अभियान का कोई असर नजर नहीं आ रहा है, जो गंभीर ङ्क्षचता का विषय भी है और यह संकेत भी दे रहा है कि पंजाब सरकार नशे के खिलाफ अभियान चलाकर दिखावा मात्र कर रही है।

 

सीमावर्ती इलाकों में दोगुना हुए हैरोइन की पुड़ी के दाम
सीमावर्ती इलाकों में सरगर्म तस्कर रिटेल में भी हैरोइन की बिक्री करने लगे हैं और कैप्टन सरकार की सत्ता में आने के बाद रिटेल में हैरोइन की पुड़ी के दाम दो गुना हो चुके हैं, जिसके पीछे कारण यही बताया जा रहा है कि पंजाब पुलिस ने सख्ती कर दी है। पंजाब पुलिस की सख्ती से हैरोइन की आमद तो कम नहीं हुई लेकिन रिटेल में हैरोइन के दाम दो गुना हो चुके हैं।

जानकारी के अनुसार1500 रुपए में बिकने वाली हैरोइन की पुड़ी इस समय 2500 रुपए से लेकर 3 हजार रुपए में बिक रही है। इस मामले में कुछ पुलिस कर्मचारी भी तस्करों के साथ मिलीभगत किए हुए हैं। सीमावर्ती इलाके में स्थित गांव मोदे का पंजाब पुलिस का सब-इंस्पैक्टर रणजीत सिंह हैरोइन तस्करी के मामले में ही डिसमिस किया जा चुका है, जो अमृतसर स्थित इंटरनैशनल रेल कारगो के जरिए कुल्लियों के माध्यम से पाकिस्तान से हैरोइन मंगवाता था।

 

बार्डर पर स्थित एक पुलिस थाने के करीब बिक रही हैरोइन
हैरोइन तस्करी रोकने में बेशक कुछ पुलिस अधिकारी जी जान से काम कर रहे हैं, लेकिन कुछ इलाकों में स्थिति बिल्कुल उल्ट नजर आ रही है। अमृतसर बार्डर के एक पुलिस थाने के करीब दो गांवों में हैरोइन की बिक्री हो रही है, लेकिन पुलिस इसको रोकने के बजाय शैल्टर दे रही है। जानकारी के अनुसार इस इलाके में तैैनात पंजाब पुलिस का एक मुंशी भी हैरोइन की लत्ता का शिकार था फिलहाल पुलिस को ऐसी काली भेड़ों को ट्रेस करने की सख्त जरुरत है।

 

किसान के वेश में काम करने वाले तस्कर बड़ी चुनौती
भारत-पाकिस्तान बार्डर पर नजर डालें तो पता चलता है कि कुछ हैरोइन तस्कर खड़ी फसल की आड़ में हैरोइन की तस्करी कर रहे हैं तो कुछ हैरोइन तस्कर खड़ी फसल की बजाय खुद फैंसिंग के पार व पास जाकर खेतीबाड़ी का काम करने का दिखावा कर रहे हैं, जो बी.एस.एफ. व अन्य सुरक्षा एजैंसियों के लिए एक बड़ी चुनौती है, क्योंकि किसान वेश में तस्कर को पकडऩा आसान नहीं है। बी.एस.एफ. की तरफ से कई बार किसान वेशी तस्करों को हैरोइन की खेप के साथ रंगे हाथों पकड़ा जा चुुका है, जिसमें दिलबाग सिंह व उसका प्रवासी नौकर का केस, सोनू व उसके नौकर रांझा का केस काफी चर्चा में रहा है। इन दोनों केसों में बी.एस.एफ. ने ट्रैक्टर के अंदरुरी हिस्से में हैरोइन छिपाकर लाते हुए किसान वेशी तस्करों को गिरफ्तार किया था, जो बार्डर पर इमानदारी के साथ काम करने वाले किसानों को भी शर्मसार करते हैं।

डी.आर.आई. की लापरवाही के कारण बरी हो चुके हैं कई नामी तस्कर
 हैरोइन तस्करी रोकने के लिए डी.आर.आई. के कुछ इमानदार अधिकारियों की तरफ से बड़े केस बनाए गए, लेकिन इस वर्ष विभाग के कुछ कर्मचारियों की लापरवाही के कारण कुछ नामी तस्कर अदालतों से बरी हो गए या फिर उनको जमानत मिल गई यहां तक कि हैरोइन तस्करी के मामले में गिरफ्तार किए गए बी.एस.एफ. के एक असिस्टैंट कमांडैंट को भी अदालत ने बरी कर दिया। चन्नन सिंह को भी अदालत की तरफ से बरी कर दिया गया और अमोलक सिंह को जमानत मिल गई। कई वर्षों से डी.आर.आई. की तरफ से हैरोइन तस्करी का कोई केस नहीं बनाया गया है, जो संदेहास्पद है।

 

अमृतसर बार्डर की कुछ संवेदनशील बी.ओ.पी. पर तस्करी की संभावनाएं 

अमृतसर के पाकिस्तान बार्डर से सटे 132 किलोमीटर लंबे इलाके में कुछ ऐसी संवेदनशील बी.ओ.पीज हैं, जहां तस्कर अपनी इरादों को अंजाम देने का प्रयास करते हैं। इन बी.ओ.पीज में बी.एस.एफ. की तरफ से भी पैनी नजर रखी जाती है और नफरी भी ज्यादा तैनात की जाती है। इन बी.ओ.पीज में बैरोपाल, मुहावा, नौशहरा ढल्ला, दाउके, राजाताल, नेशटा, रोड़ांवाला, काहनगड़, रत्नखुर्द, धनौआ, मूलेकोट, उधरधारीवाल, राणियां, कक्कड़, मंज, शाहकोट, रावी दरिया का इलाका शामिल हैं, जहां बी.एस.एफ. के रिकार्ड के मुताबिक काफी तस्करी होती रही है और गेहूं व धान की 
खड़ी फसल की आड़ में पाकिस्तान व भारत में काम करने वाले तस्कर अपनी गतिविधियों को तेज कर देते हैं।

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