असमंजस में हाईकमान: सिद्धू को दिया जाए कौन-सा पद?

punjabkesari.in Sunday, Jul 04, 2021 - 11:13 AM (IST)

जालंधर: पंजाब में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्द्र सिंह व नवजोत सिंह सिद्धू में खुली लड़ाई से कांग्रेस को काफी नुकसान पहुंचा है। हाईकमान इस बात को लेकर असमंजस में है कि सिद्धू को मनाने के लिए उन्हें दिया जाए तो कौन-सा पद दिया जाए? कैप्टन-सिद्धू के इस झगड़े का फायदा शिरोमणि अकाली दल को पहुंचा है जो एक बार फिर पूरी ताकत से वापस उभर आया है तथा उसने बहुजन समाज पार्टी से गठबंधन भी कर लिया है। 

पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने भी हालात पर दिल्ली में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से विचार-विमर्श किया। उन्होंने हाईकमान को स्पष्ट रूप से कह दिया है कि यदि उनके त्यागपत्र से समस्या का समाधान होता है तो वह पद छोड़ने के लिए तैयार हैं। परंतु उनका त्यागपत्र भी संकट नहीं टाल पाएगा क्योंकि कैप्टन को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में सिद्धू मंजूर नहीं हैं। एक विचार यह भी चल रहा है कि सिद्धू को मंत्री पद के साथ प्रचार कमेटी का अध्यक्ष बना दिया जाए। यह भी सुझाव दिया जा रहा है कि अकाली-बसपा गठबंधन के जवाब में किसी दलित को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद सौंपा जाए।

इस समय कैप्टन भी सिद्धू के पुनर्वास के विरुद्ध नहीं हैं क्योंकि चुनाव उनके ही नेतृत्व में लड़ा जाएगा। इस सबके बीच हाईकमान और कैप्टन ने जोर देकर कहा है कि सिद्धू अपनी जुबान को लगाम लगाएं। उनसे पूछा जा रहा है कि राज्य में बिजली संकट का मुद्दा छेड़ने की क्या जरूरत थी। अकारण ही विपक्ष को एक मुद्दा दे दिया गया है। यदि सिद्धू को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाया जाता है तो सुनील जाखड़ को कांग्रेस कार्यसमिति में एक वरिष्ठ पद दिया जा सकता है। तब सिद्धू के साथ कई उपाध्यक्ष होंगे। यदि सिद्धू को प्रचार कमेटी का अध्यक्ष बनाया जाता है तो उसमें भी 2-3 सह-अध्यक्ष भी होंगे। 

मुख्यमंत्री के विरोधी रहे नेता कांग्रेस नेतृत्व से इस बात को लेकर नाखुश हैं कि उसने उन्हें मुख्यमंत्री के खिलाफ इस्तेमाल किया जबकि फायदा सिद्धू को मिल रहा है। इससे प्रताप सिंह बाजवा जैसे वरिष्ठ नेता कुढ़ रहे हैं। उन्होंने तो राहुल गांधी से भी लंबी बातचीत की थी। कैप्टन को भी उनके ऊंचे घोड़े से उतारकर दिल्ली में 3 सदस्यीय कमेटी के समक्ष पेश होने को मजबूर किया गया। एक बड़े कांग्रेसी नेता इस संबंध में कहते हैं कि हाईकमान ने सिद्धू को बड़ी जिम्मेदारी सौंपने का वायदा तो कर लिया है परंतु अब उसे अपना वायदा पूरा करना कठिन लग रहा है। 

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Content Writer

Sunita sarangal

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