हाईकोर्ट का फैसला: अब 18 साल से कम उम्र की लड़की भी कर सकती है विवाह

punjabkesari.in Thursday, Feb 11, 2021 - 09:37 AM (IST)

चंडीगढ़: पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने कहा कि एक मुस्लिम लड़की जिसकी उम्र 18 साल से कम है लेकिन वह युवावस्था में पहुंच चुकी है तो वह ‘मुस्लिम पर्सनल लॉ’ के तहत किसी से भी शादी कर सकती है। न्यायमूर्ति अल्का सरीन की पीठ ने विभिन्न अदालतों के आदेशों और मुस्लिम पर्सनल लॉ के नामी विद्वान सर दिनशा फरदुनजी मुल्ला द्वारा लिखित ‘मोहम्मडन कानून के सिद्धांतों’ की किताब के अनुच्छेद 195 के आधार पर यह फैसला सुनाया। किताब के अनुच्छेद 195 में ‘मुस्लिम पर्सनल लॉ’ के तहत शादी के लिए योग्यता की व्याख्या की गई है। पीठ ने अनुच्छेद 195 के प्रावधानों का हवाला देते हुए कहा कि साक्ष्य के अभाव में 15 साल उम्र होने पर समझा जाएगा कि लड़की युवावस्था में पहुंच गई है।  

न्यायमूर्ति सरीन ने 25 जनवरी को एक मुस्लिम जोड़े की याचिका पर यह फैसला सुनाया जिन्होंने अपने-अपने परिवारों से संरक्षण मुहैया कराने का अनुरोध किया था। इस मामले में व्यक्ति की उम्र 36 साल थी जबकि लड़की की उम्र केवल 17 साल थी। 

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Sunita sarangal