सेना दिवस पर होशियारपुर की बेटी तान्या शेरगिल ने रचा इतिहास

punjabkesari.in Wednesday, Jan 15, 2020 - 09:56 PM (IST)

होशियारपुर(अमरेन्द्र): 72वें सेना दिवस पर पहली बार होशियारपुर की बेटी कैप्टन तान्या शेरगिल पुरुषों की सभी टुकड़ियों का नेतृत्व कर इतिहास रच दिया। यही नहीं भारतीय सेना के कॉर्प्स ऑफ सिग्नल्स की कैप्टन तान्या शेरगिल इस बार 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस परेड की कमान भी संभालने जा रही है। कैप्टन तान्या शेरगिल सेना परिवार की पहली चौथी पीढ़ी है जो भारतीय सेना के सिगन कोर में कैप्टन पद पर इस समय तैनात हैं। उल्लेखनीय है कि इस बार गणतंत्र दिवस पर हमारे मुख्य अतिथि ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो हैं।

पिता, दादा व परदादा भी बढ़ा चुके हैं सेना की शान
गौरतलब है कि इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन में इंजीनियरिंग करने वाली कैप्टन तान्या शेरगिल की जड़े होशियारपुर जिले के पंडोरी अटवाल गांव से हैं लेकिन बाद में पूरा परिवार गढ़दीवाला कस्बे के वार्ड नंबर 3 में शिफ्ट हो गया है। तान्या शेरगिल के पिता सूरत सिंह गिल 101 फिल्ड रैजीमैंट आर्टिलरी) में सेवा करने के बाद सी.आर.पी.एफ. में कमांडैंट पद से साल 2016 में रिटायर हो गए थे। तानिया के दादा हरि सिंह गिल बख्तरबंद (आर्म्ड) में और परदादा ईशर सिंह गिल सिख रैजीमैंट में (इनफैंट्री) के तौर पर सेवा दे चुके हैं।

साल 2017 में सेना में शामिल हुई थी तान्या शेरगिल
गौरतलब है कि चेन्नई स्थित ऑफिसर ट्रेनिंग अकैडमी से मार्च 2017 में तान्या शेरगिल को सेना में शामिल किया गया था। तान्या से पहले कैप्टन भावना कस्तूरी के हाथ में गणतंत्र दिवस पर सभी पुरुषों की टुकडि़यों के परेड का नेतृत्व करने का जिम्मा था। डिफैंस में परेड एडज्यूटैंट का पद महिलाओं के लिए काफी महत्व रखता है। दिसंबर 2018 में जारी आंकड़ों के अनुसार 4 फीसद से भी कम महिलाओं को भारतीय सेना में नियुक्त किया जाता है वह भी केवल सहायकों की भूमिका में। हालांकि पिछले कुछ सालों में परिदृश्य में बदलाव हुआ है।

बेटी को मिली सफलता से माता-पिता व परिजन गदगद
सेना दिवस पर गढ़दीवाला से नई दिल्ली गए कैप्टन तान्या शेरगिल के पिता सूरत सिंह गिल व रिटायर्ड अध्यापिका मां लखविन्द्र कौर गिल ने बताया कि बेटी को मिली सफलता से वह बहुत खुश हैं। हमारी 3 पीढि़यां सेना में सेवा कर चुके हैं। चौथी पीढ़ी के तौर पर बेटी कैप्टन तान्या शेरगिल को आज नई दिल्ली में 72वें सेना दिवस पर परेड का नेतृत्व करते देखना मेेेरे जीवन का सबसे अधिक गौरवशाली क्षणों में शामिल हो गया है। बेटी तान्या को मिली उपलब्धि ने मेरे परिवार का मान बढ़ाने का काम किया है।


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Vaneet

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