यूक्रेन युद्ध दौरान कैसे हुई वतन वापसी, कुनवर ने सुनाई आप बीती

punjabkesari.in Saturday, Mar 05, 2022 - 02:09 PM (IST)

तपा मंडी (शाम, गर्ग): स्थानीय मंडी के प्रसिद्ध डाक्टर का बेटा कुनवर शर्मा यूक्रेन में डाक्टरी की पढ़ाई करने गया हुआ था जो रूस और यूक्रेन की जंग लगने कारण वहां बंकरों में फंस गए। काफी मशक्कत के बाद आज जब वह अपने जद्दी शहर तपा में पहुंचा जहां उसकी माता डा. संगीता शर्मा, डा.धीरज शर्मा, डा.राज कुमार दादा, बसंत शौरी दादा, राघव शर्मा भाई और डा. लक्की ने उसका मुंह मीठा करवाकर परमात्मा का शुक्राना किया। 

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इस मौके कुनवर शर्मा ने कहा कि यूक्रेन में भारतीय नागरिक डर में हैं। वहां उपस्थित एजेंट डा. कर्ण संधू, हरदीप सिंह, मनी सिंह चहल और डा. सवादीन की प्रशंसा करते उसने कहा कि उनकी तरफ से फंसे विद्यार्थियों के लिए खाने-पीने का प्रबंध किया जा रहा है। उन्होंने प्रण किया है जब तक सभी विद्यार्थी अपने वतन नहीं पहुंचते वह यहां रहकर ही सेवा करेंगे। यूक्रेन की सीमा पर हो रहे गोला-बारूद और टैंकों की आवाज उनके कानों में अब भी गूंज रही है। उन्होंने बताया कि वह अपने बंकरों से 6 किलोमीटर पैदल चलकर मेट्रो स्टेशन तक पहुंचा। अंडरग्राऊड क्रॉस करके जब वह पहुंचे तो वहां भी सायरन की आवाज सुनाई देती थी। 

उसने कहा कि वहां से एक ट्रेन जो 12 घंटे में लवीव पहुंचती थी, वह 24 घंटों में पहुंची। वहां से एक मिनी बस चालक ने उनसे 18 विद्यार्थियों का एक लाख रुपए किराया लेकर चोप बार्डर पर पहुंचाया। वहां से भी वह 3 हजार रुपए प्रति विद्यार्थी रिश्वत देकर पुडापेस्ट और हंगरी बार्डर पर सही सलामत पहुंच गए जिससे हमें कोई दिक्कत पेश नहीं आई। उसने बताया कि गुरुवार की शाम वह भारत सरकार की मदद के साथ यूक्रेन से जैट एरिया इंडिया फ्लाइट के साथ मुबंई पहुंचा है जिसका किराया भारत सरकार की तरफ से अदा किया गया। फिर वह अपने किराए पर जहाज के द्वारा चंडीगढ़ पहुंचकर अपनी बहन और अन्य रिश्तेदारों को मिलकर तपा के लिए रवाना हुए। 

उसने बताया कि वह बहुत मुश्किल हालात में से गुजरे हैं। यूक्रेन में हो रहे बम धमाके और मिसाइल के हमलों के साथ वह डरे हुए थे। एक हफ्ते का समय उन्होंने बहुत मुश्किल के साथ गुजारा। उसने बताया कि उसका खारकीव नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी में पांचवां साल चल रहा था। उन्होंने बताया कि जिस ढंग के साथ रूस और यूक्रेन में जंग लगने के हालात बने तो भारत सरकार की तरफ से किसी तरह की एडवाइजरी जारी नहीं की गई। बच्चों के घर आने पर उनके परिवार में खुशी का माहौल देखने को मिल रहा है। अपनी जन्म भूमि पर पैर रखते ही चैन की सांस मिली है। 

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उसने बताया कि गत दिनों जब वह मुंबई एयरपोर्ट पर पहुंचे तो भाजपा केंद्रीय मंत्री मुख्त्यार अबास नकवी ने उनका स्वागत किया और सभी को खुशी के साथ मिले। मंडी का एक अन्य विद्यार्थी हर्षित बांसल, जो युक्रेन में फंसा हुआ था, आज शाम तक अपने जद्दी शहर पहुंच रहा है। उन्होंने भारत सरकार से मांग की है कि यूक्रेन में फंसे बाकी विद्यार्थियों को भी जल्दी से जल्दी भारत लाया जाए क्योंकि उनके माता-पिता चिंतित हैं। 

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News Editor

Urmila

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