कैसे कम होगा कोरोना, मकसूदां मंडी में प्रशासन का सोशल डिस्टैंस मिशन फेल

punjabkesari.in Thursday, Apr 23, 2020 - 03:17 PM (IST)

जालंधर(शैली): कोविड-19 के केसों में दिन प्रतिदिन बढ़ौतरी होने के बावजूद मकसूदां नई सब्जी मंडी में कारोबारियों की भीड़ थमने का नाम नहीं ले रही। वही सौशल डिस्टेंस बनाने के जिला प्रशासन के सभी प्रयास भी विफल हो गए है। जिला प्रशासन द्वारा मंडी में सोशल डिस्टेंस बनाने के लिए 100 के करीब पुलिस कर्मियों की तैनाती से एंट्री गेट से धीरे-धीरे रिटेल ग्राहकों की एंट्री करवाई जाती है व सभी को सब्जी खरीद कर एक घंटे में मंडी से बाहर जाने के लिए कहा जाता है लेकिन कोई भी रिटेलर 2 घंटे से पहले वापस नहीं निकलता व पुलिस द्वारा करवाई जा रही एंट्री जारी रहने के कारण भीड़ जमा हो जाती है।जिला प्रशासन व पंजाब मंडी बोर्ड के आपसी मतभेदों के कारण सौशल डिस्टस मिशन फेला होता प्रतीत हो रहा है जिसका मुख्य कारण यह है कि होलसेलर व रिटेलर की पहचान केवल मंडी अधिकारी कर सकते हैं लेकिन मार्कीट कमेटी इस कार्य में सख्ती नहीं कर रही व मंडी में तैनात पुलिस कर्मी फड़ों पर कार्रवाई नहीं कर सकते जिसका पूर्ण लाभ मंडी कारोबारी उठा रहे है।
 

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कर्फ्यू में गली-मोहल्लों में घूम रही गन्ने के जूस की रेहड़ियां
जिला प्रशासन कोविड-19 से नागरिकों को बचाने में जुटा है वही कुछ लोग कोरोना को न्यौता देने में लगे है व कर्फ्यू के बावजूद गली मोहल्लों में गन्ने के जूस व फरूट चाट की रेहड़िया घूम रही है। उक्त कारोबारी विन गलब्ज के कारोबार कर रहे है व लोग भी बड़े चाव से इनका इस्तेमाल कर रहे है। इसके अतिरिक्त गली मोहल्लों में रिक्शा रेहड़ियों से सब्जी खरीदने बाली गृहणियां भी बिना मास्क, बिना गलब्ज के सब्जियां खरीदती है व सब्जियों को अपनी इच्छा अनुसार रेहड़ियों से खुद उठाती है जबकि प्रशासन पल-पल नागरिकों को जागृत करने में डटा हुआ है लेकिन लोग इसे गंभीरता से नहीं ले रहे जिसके परिणाम घातक सिद्ध हो सकते हैं।

होलसेलरों ने जिला प्रशासन के फसल की उड़ाई धज्जिया
जिला प्रशासन ने ड्रा के तहत मंडी के 77 होलसेलर सब्जी आढतियों को 50-50 फीट जगह अलाट की थी व सभी को फड़ों के मध्य सोशल डिस्टस के मद्देनजर खाली जगह रखी थी जिससे सभी कारोबारियों में पर्सनल स्पेस कायम रहे लेकिन आढ़तियों की मनमानी ने अधिकारियों के फैसलों को दरकिनार करते हुए अपनी मनपसंद जगह पर ही कब्जे जमा लिए व गोभी रखने को जो जगह पीछे दी गई थी वह भी अब आगे बिकने लगी है। इसके अतिरिक्त होलसेलरों के फड़ों के मध्य सौशल डिस्टैंस के लिए छोड़ी गई जगह पर रिटेलरों ने कब्जे जमा लिए है व वह होलसेलरों की आड़ में जमकर अपने कारोबार कर रहे है। पुलिस प्रशासन भी यह चैक नहीं कर पाता कि फड़ो पर होलसेलर कारोबार कर रहे है या रिटेलर डटे हुऐ है। मंडी में होलसेलर व रिटेलर की पहचान केवल मंडी सुपरवाइजर ही कर सकते है जबकि कुछ पुलिस वाले भी एक हाथ में डंडा व एक हाथ में सब्जी इक्ट्ठी करते आम देखे जा सकते है। मंडी में हर तरफ रिटेलर फड़ी वाले आम सब्जी बेचते देखे जा सकते है व यह लोग रात 2 बजे ही मंडी की फड़ो पर आकर कब्जा जमा लेते है। मंडी में चोर रास्ते बनाने के लिए रिटेलरों द्वारा नित्य चारदीवारी तोड़ी जा रही है व विभाग रोज उसे बंद करवाने में जुटा रहता है।

एंट्री गेट पर मैडीकल जांच से बचने के लिए रिटेलर खाने लगे पैरासीटामोल टैबलेट
मंडी एंट्री के दौरान 22 मार्च से हुए लॉकडाऊन के कारण जिला प्रशासन द्वारा शहरवासियों को कोरोना से बचाने के लिए मंडी से सब्जी लेकर गली-मोहल्लों में रिक्शा रेहड़ी पर बेचने वाले रिटेलरो की एंट्री गेट पर मैडीकल जांच हेतू आई.एम.ए. का सहयोग लेकर मैडीकल जांच टीम तैनात की गई व रोजाना बहुत से केस फीवर के निकल रहे थे व सभी मरीजों को जांच के लिए सिविल अस्पताल भेजा जाता था लेकिन रिटेलरों ने इस जांच प्रक्रिया में अपने बाडी तापमान कम शो करने के लिए अब पैरासीटामोल टैबलेट का सेवन शुरू कर दिया है जिससे उनका तापमान नार्मल शो हो व वह सिविल अस्पताल जाने से बच सके। कुछ रिटेलरों को मंडी एट्री से पहले उक्त टैबलेट का सेवन करते भी देखा गया। बुधवार सुबह भी 2 रिटेलर ही फीवर के निकले जिनको सिविल अस्पताल भेजने के लिए माकीट कमेटी कर्मचारियों को काफी जद्दोजहद करनी पड़ी।


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