पंजाब की सड़कों पर गुंडा पर्ची से करोड़ों की कमाई, कटघरे में कैप्टन सरकार की ईमानदारी

punjabkesari.in Wednesday, Nov 06, 2019 - 01:15 PM (IST)

श्री आनंदपुर साहिब(शमशेर सिंह डूमेवाल): पंजाब सरकार के राज में करीब 150 खड्डों से निकलने वाले कच्चा माइनिंग मैटीरियल पर रॉयल्टी लगाने का ठेका एक ऐसे माफिया को दिया गया है जिसमें भारत के एक बहुचर्चित एवं व्यापारी घराने के अलावा प्रांत के चोटी के सियासी महारथी हिस्सेदार हैं। पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश व माइनिंग विभाग के नियमों और रॉयल्टी वसूलने के जरूरी नियमों को ताक पर रखकर उक्त माफिया गत काफी समय से पंजाब में सरेआम गुंडा पर्ची से रोजाना करोड़ों रुपए कमा कर सरकारी राजस्व को चूना लगा रहा है। जरूरी शर्तें पूरी न होने के चलते अभी तक इस माफिया के पास पर्ची काटने का कोई अधिकार नहीं है लेकिन सरकारी बोली अपने नाम होने का झूठा दावा कर सड़कों पर रोजाना माइनिंग मैटीरियल के बहाने करोड़ों रुपए एकत्रित किए जा रहे हैं जिसने कैप्टन सरकार की ईमानदारी को कटघरे में ला दिया है।

क्या है काले धंधे का सफेद सच
माइनिंग विभाग के विधान तहत खड्डों की नीलामी करने के मौके पर प्रदेश सरकार की मंजूरी ठेकेदार को उसके नाम पर बोली हो जाने पर दी जाती है जबकि उसकी खड्ड से निकलने वाले मैटीरियल पर रॉयल्टी लगाने का अधिकार कनसैंट-टू-ऑप्रेट राइट सरकार द्वारा मंजूरी दिए जाने उपरांत प्राप्त होता है। इसके अलावा निर्धारित स्थल पर माइनिंग के लिए मंजूरशुदा रकबे की डी-मार्केशन करवानी जरूरी है लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि गुंडा टैक्स माफिया बिना किसी उपरोक्त स्वीकृति व नियमों का पालन करते हुए रोजाना करोड़ों रुपए का काला धन एकत्रित कर पंजाब को बर्बाद कर रहा है। गुंडा टैक्स की दूसरी तस्वीर यह है कि विभागीय मंजूरी संबंधी पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के स्पष्ट आदेश हैं कि यदि रॉयल्टी लागू करनी भी हो तो वह सिर्फ सरकार द्वारा स्वीकृत बोली युक्त खड्ड पर ही लगाई जा सकती है और उसे लगाने के लिए खड्ड के बाहर ही कांटा लगाकर वजन वाइज रॉयल्टी ली जा सकती है परंतु उपरोक्त मामले में माफिया मिलीभगत से पंजाब की सड़कों पर अवैध नाके लगाकर गुंडा टैक्स वसूल रहा है। 

विरोध करने वालों को करवा दिया जाता है चुप
इस लूट-खसोट के जमीनी स्तर पर हो रहे व्यापक विरोध को रोकने के लिए उक्त माफिया द्वारा कथित मिलीभगत से प्रत्येक जायज व अवैध तरीके से कार्य किया जा रहा है। जो क्रशर मालिक गुंडा पर्ची का विरोध करते हैं उन्हें चुप करवा दिया जाता है। पी.डब्ल्यू.डी. विभाग के ठेकेदार जोकि हिमाचल से रेत-बजरी लेकर पंजाब आते हैं और उनके पास पक्के बिल होने के बावजूद उनसे भी गुंडा पर्ची वसूली जाती है। यदि वे इसका विरोध करते हैं तो उन्हें सरकारी विभागों से कार्रवाई का हिस्सा बना दिया जाता है। यही नहीं गुंडा टैक्स माफिया द्वारा किसी भी जमींदार द्वारा अपने ही खेत से ट्राली से लाई जा रही मिट्टी पर 400 रुपए प्रति सैंकड़ा वसूली की जाती है। जिन लोकल ठेकेदारों द्वारा गत समय में एक नंबर में बोली देकर खड्ड ली गई थी उनसे भी गुंडा माफिया जबरन टैक्स वसूली कर रहा है। 

रूपनगर से रोजाना 30 लाख रुपए की वसूली
पंजाब के माइङ्क्षनग ग्रस्त जिले रूपनगर, पठानकोट, मोहाली, होशियारपुर, फिरोजपुर, मोगा व जालंधर से प्रतिदिन 2 करोड़ की अवैध गुंडा पर्ची वसूली की रिपोर्ट प्राप्त हुई है। इस कड़ी तहत रूपनगर से रोजाना 30 लाख रुपए और पठानकोट से 60 लाख रुपए प्रतिदिन वसूलने के आंकड़े मिले हैं। वर्णनीय है कि हर दिन सड़कों पर लाखों-करोड़ों रुपए की वसूली के बावजूद पुलिस, संबंधित विभाग व सरकारी तंत्र आंखें मूंद कर बैठा है। सरकारी खजाने में इस भारी लूट का एक भी पैसा नहीं जा रहा और न ही किसी भी जमीन मालिक एवं संबंधित पंचायत को बनता मालिकाना हक प्राप्त हो रहा है।

ऐसा पहली बार हो रहा है कि खड्ड की नीलामी किसी के नाम पर व टैक्स कोई और वसूल रहा। मिसाल के तौर पर गांव मंगूपुर दिवाड़ी (रूपनगर) की 1 लाख मीट्रिक टन मात्रा की बोली 30 अक्तूबर, 2017 को उनके नाम पर दर्ज हुई थी, जिसकी 27 नवम्बर, 2017 को प्रदेश सरकार की ओर से अस्थाई स्वीकृति दी गई थी परंतु इसके बावजूद हम सरकारी आज्ञा न होने के कारण उक्त खड्ड से निकासी नहीं करवा सके। मगर गुंडा टैक्स माफिया द्वारा उनकी खड्ड से निकासी करवाई जा रही है। हमारी शिकायतों के बावजूद निकासी जारी है और हमारी कोई सुनवाई नहीं हो रही। 
- बलविन्द्र सिंह, ठेकेदार माइनिंग रूपनगर व पठानकोट। 

रॉयल्टी या किसी भी तरह की अवैध वसूली के विरोध में विभाग हमेशा कार्रवाई के लिए प्रयत्नशील रहता है, कई स्थानों पर हमने कार्रवाई को यकीनी भी बनाया है। जहां कहीं से भी हमें ऐसी गतिविधियों की रिपोर्ट मिली है हमने बनती कार्रवाई की है। इसलिए पुलिस को भी अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए। -संजीव गुप्ता, सचिव-कम-डायरैक्टर, माइन्स व जूलोजी विभाग, पंजाब


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Vaneet

Recommended News

Related News