वन निगम की प्रोमोशन्स से मेरा कोई लेना-देना नहीं: धर्मसोत

punjabkesari.in Wednesday, Sep 02, 2020 - 01:17 PM (IST)

चंडीगढ़/खन्ना  (अश्वनी, कमल): पंजाब के वन मंत्री साधु सिंह धर्मसोत ने कहा कि वन निगम में प्रोमोशन घोटाले से उनका कोई लेना-देना नहीं है, क्योंकि वह वन निगम की प्रोमोशन नहीं करते। उन्होंने कहा कि पंजाब राज्य वन विकास निगम लिमिटेड के मैनेजिंग डायरैक्टर की नियुक्ति मुख्यमंत्री अमरेंद्र सिंह के स्तर पर की जाती है और वन निगम में प्रोजैक्ट अफसर और निचले स्टाफ की  पदोन्नतियों  और बदलियों के लिए मैनेजिंग डायरैक्टर वन निगम सक्षम अधिकारी हैं।

धर्मसोत ने कहा कि मैनेजिंग डायरैक्टर की तरफ से वन निगम के काम को सुचारू ढंग से चलाने के लिए अपने स्तर पर केवल योग्य कर्मचारियों की पदोन्नतियां और बदलियां की जाती हैं। उन्होंने कहा कि वन निगम की तरक्कियों में वन मंत्री की कोई भूमिका नहीं है।  उन्होंने  स्पष्ट  करते  हुए बताया कि वन निगम के चेयरमैन साधु सिंह संधू हैं, इसलिए हमनाम होने की वजह से प्रोमोशन्स में उनका नाम बिना वजह उछाला गया है। बता दें कि पंजाब राज्य वन विकास निगम लिमिटेड की विभागीय तरक्की कमेटी ने 19 अगस्त 2020 को बैठक की थी, जिसमें महज वरिष्ठता के आधार पर ही फील्ड सुपरवाइजर को सीधे प्रोजैक्ट अफसर तैनात करने को हरी झंडी दिखाई गई। इसी आधार पर निगम के मैनेजिंग डायरैक्टर हरिंद्र सिंह ग्रेवाल ने 25 अगस्त को फील्ड सुपरवाइजर्स को सीधे प्रोजैक्ट अफसर बनाने का पत्र जारी कर दिया।

‘आप’ नेताओं को बेबुनियाद बयानबाजी करने की आदत
मंत्री साधु सिंह धर्मसोत ने वन निगम में प्रोमोशन घोटाले को लेकर आम आदमी पार्टी की तरफ से की जा रही बयानबाजी को आधारहीन, बेबुनियाद और दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। धर्मसोत ने स्पष्ट किया कि ‘आप’ के नेता विभाग की कार्यप्रणाली से वाकिफ नहीं हैं, क्योंकि पंजाब राज जंगलात विकास निगम लिमिटेड के मैनेजिंग डायरैक्टर की नियुक्ति मुख्यमंत्री के स्तर पर की जाती है। उन्होंने कहा कि ‘आप’ प्रशासनिक तजुर्बे को नहीं समझ सकेगी क्योंकि उसका दफ्तरी कार्यों में कोई तजुर्बा नहीं है।


कैसे और क्यों की गईं वन विभाग में प्रमोशन्स 
पंजाब वन विभाग के मैनेजिंग डायरैक्टर हरिन्द्र सिंह ग्रेवाल ने बताया कि वन निगम में पिछले 4 सालों से प्रोजैक्ट अफसर और डिप्टी प्रोजैक्ट अफसर की कोई प्रोमोशन नहीं हुई थी। काफी समय से वन निगम में प्रोजैक्ट अफसरों और डिप्टी प्रोजैक्ट अफसरों के खाली पड़े पदों से इन कर्मचारियों से अस्थायी तौर पर काम लिया जा रहा था। प्रोजैक्ट अफसर और डिप्टी प्रोजैक्ट अफसर को प्रोमोट करने संबंधी कार्रवाई विभागीय तरक्की समिति के पास लगभग जून 2020 से विचाराधीन थी। विभागीय तरक्की समिति की तरफ से प्रोजैक्ट अफसरों का रिकॉर्ड विचारा गया है और तरक्कियों का फैसला किया गया है। विभागीय तरक्की समिति की तरफ से 30 सितम्बर, 2020 और 30 नवम्बर, 2020 से खाली होने वाले पद पर वरिष्ठता के अनुसार बनते कर्मचारियों का रिकॉर्ड विचारा गया था। वन निगम के कामकाज को मुख्य रखते हुए और निगम के काम को सुचारू ढंग से चलाने के लिए उपरोक्त तारीखों से खाली हो रहे पदों पर विभागीय तरक्की समिति की तरफ से ही योग्य पाए गए कर्मचारियों को प्रोमोट किया गया है।

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