यदि बादल विरोध दर्ज करवाना चाहते हैं तो हरसिमरत से इस्तीफा दिलवाएं: रंधावा

punjabkesari.in Monday, Feb 17, 2020 - 10:22 AM (IST)

चंडीगढ़(अश्वनी): पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और अकाली दल के पैटर्न प्रकाश सिंह बादल द्वारा नागरिकता संशोधन कानून (सी.ए.ए.) के बुरे प्रभावों पर देरी से नींद खुलने पर कांग्रेस ने चुटकी लेते हुए इसको अकाली दल का दोगला किरदार बताया है। 

पंजाब के कैबिनेट मंत्री सुखजिंद्र सिंह रंधावा ने कहा कि यह हैरानी की बात है कि अकाली दल ने पहले सरेआम संसद के दोनों सदनों में सी.ए.ए. के हक में वोट डाली और अब बड़े बादल यह कोलाहल डाल रहे हैं कि नागरिकता लेने का हक सभी धर्मों के लोगों को मिलना चाहिए। कांग्रेसी नेता ने कहा कि यह बादलों की देरी से आई जागरूकता नहीं है, क्योंकि यह तो उनमें बहुत देर से ही मर गई है, बल्कि यह वास्तव में सुविधा के लिए दिया बयान है जब उनकी पार्टी को भाजपा ने पूरी तरह अनदेखा करते हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव में आइना दिखा दिया। अब बादलों ने भाजपा का अपनी तरफ ध्यान आकॢषत करने के लिए सी.ए.ए. का सहारा लिया है। 

रंधावा ने प्रकाश सिंह बादल को चुनौती देते हुए कहा कि अगर वह और उनकी पार्टी सचमुच गंभीर है और सी.ए.ए. जैसे विभाजनकारी कानून पर विरोध दर्ज करवाना चाहते हैं तो पहले अपनी बहू (हरसिमरत बादल) से केंद्रीय कैबिनेट से इस्तीफा दिलवाओ। उन्होंने कहा कि सत्ता के भूखे बादल परिवार द्वारा अगर इस्तीफा नहीं दिलवाया जाता तो फिर सी.ए.ए. की असंवैधानिक प्रकृति पर प्रश्न चिन्ह लगाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विरोध पत्र ही लिख दें। अगर आप इस मुद्दे पर गंभीरता नहीं जाहिर करोगे तो समझा जाएगा कि आप ऐसे बयान सिर्फ भाजपा के साथ राजनीतिक सौदेबाजी के लिए दे रहे हो। 

रंधावा ने कहा कि बादलों ने सी.ए.ए. पर अपना स्टैंड समय-समय पर स्थितियों को देखते हुए बदला है। जब उनको अनुकूल लगा तो संसद में सी.ए.ए. के हक में वोटेंं डाल दीं और फिर जब इसका विरोध करना सही लगा तो दबी आवाज में विरोध शुरू कर दिया। उन्होंने अकाली नेताओं को सलाह दी कि वह भारतीय लोकतंत्र की धर्म निष्पक्ष विचारधारा की हिमायत में ऐसे संवदेनशील मुद्दे पर स्टैंड पक्का करें और इसके विरोध में मजबूत कदम उठाएं। 

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