टैक्स माफिया नेक्सेस टूटे तो... शराब से अधिक मिल सकता है पंजाब को रैवेन्यू

punjabkesari.in Saturday, Jun 20, 2020 - 12:15 PM (IST)

अमृतसर(इन्द्रजीत): पंजाब सरकार रैवेन्यू के तौर पर शराब को एक बहुत बड़ा व्यवसाय पंजाब की आमदन के लिए समझ रही है इसमें सरकार को 5400 करोड़ रुपए प्रतिवर्ष लाभ होता है, लेकिन पंजाब सरकार शायद इस बात को कम अनुमानित कर रही है कि लोहे के व्यापार से शराब से कहीं अधिक लाभ एक साल में हो सकता है। लंबे समय से लोहे के व्यापार पर टैक्स माफिया की पकड़ है, जिसके कारण अभी तक सरकार को इसका लाभ प्राप्त हो ही नहीं सका। यदि केंद्र सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार देखा जाए तो पंजाब को प्रति वर्ष नए लोहे से 3 हजार करोड़ रुपए का लाभ होना चाहिए। यदि इसके साथ-साथ लोहे के बने उत्पाद पर देखा जाए तो टैक्स वसूली का आंकड़ा 3 गुणा से भी अधिक निकल जाता है। लोहे का रॉ-मैटेरियल, जिसमें सरिया, स्टील, देग आदि आते हैं, केवल इन चीजों पर ही सरकार को तीन हजार करोड़  मिल जाते हैं। यदि सरकार इस पर होने वाली टैक्स की चोरी को रोक ले तो अभूतपूर्व मुनाफा लोहे से पंजाब सरकार को मिल सकता है, जबकि स्क्रैप से होने वाली आमदन का आंकड़ा अभी अलग है। 

पिछले लंबे समय से लोहे का व्यापार टैक्स माफिया के हाथ में है, पूरे पंजाब में 300 के करीब ट्रक लोहे के भरकर पूरे पंजाब में फैल जाते हैं, लोहे का एक औसत सरिए का ट्रक 8 से 10 लाख रुपए का होता है। इसमें यदि 18 प्रतिशत जी.एस.टी. की धारा को जोड़ा जाए तो एक ही ट्रक से डेढ़ लाख रुपया टैक्स बन जाता है और एक ही दिन में पूरे पंजाब में 4.5 करोड़ का टैक्स सरकार को मिलना चाहिए, जो एक साल में साढ़े 16 सौ करोड़ रुपया बन जाता है। इसमें मटेरियल से यदि मोटा-मोटा सामान बनाया हुआ अंकित किया जाए तो भी इसकी प्राथमिक प्रोसैसिंग अढ़ाई गुना बढ़ जाती है, जिसमें सरकार को लगभग 5 हजार करोड़ रुपए टैक्स आसानी से मिल सकता है, जबकि लोहे के कई उत्पाद ऐसे हैं, जिसकी कीमत रा-मेटेरियल से 20 से 100 गुणा ’यादा होती है, जिनसे अतिरिक्त तौर पर बहुत बड़ा टैक्स भी सरकार को मिल सकता है। उपरोक्त आंकड़े माॢकट से लिए गए हैं। पंजाब में केवल 2 महीने के अंदर ही रोड चैकिंग न होने के कारण एक हजार करोड़ की टैक्स चोरी केवल लोहे से हो चुकी है, जबकि पंजाब की सैकड़ों चीजों पर इसका अलग असर है।

एक समान है केंद्र के सरकारी और चोर बाजार के आंकड़े
इसमें यदि दूसरी ओर सरकारी आंकड़ों का मिलान किया जाए तो केंद्र सरकार के मुताबिक 72 किलो लोहा प्रति व्यक्ति खप्त है। पंजाब की & करोड़ 4 लाख की आबादी को यदि अंकित किया जाए तो 1 साल में पंजाब के अंदर 220 करोड़ किलोग्राम लोहे के रा मटेरियल की खप्त होती है और यदि 40 रुपए किलो अनुमानित कीमत गिनी जाए सरकार को रा मैटेरियल से 16 सौ करोड़ के करीब टैक्स मिलना चाहिए और यदि पहली प्रोसैसिंग को जमा किया जाए तो अढ़ाई गुणा के साथ लगभग 48 सौ करोड़ रुपए पंजाब सरकार के टैक्स का आंकड़ा पार करता है। यदि पंजाब के अंदर टैक्स चोरों के ट्रकों की गिनती भी मिलान की जाए और केंद्र सरकार के आंकड़ों का दोनों तरफ से मिलान किया जाए तो दोनों ही तरफ से पंजाब को 5 हजार करोड़ लोहे का प्रति वर्ष टैक्स मिलना ही चाहिए। चोर बाजार और केंद्र सरकार के आंकड़े दोनों ही शीशे की तरह सामने है। एक तरफ 72 किलो प्रति व्यक्ति खप्त दूसरी ओर 300 ट्रक प्रतिदिन का दो नंबरी टैक्स माफिया आंकड़ा एक ही स्वर में रैवेन्यू बता रहा है, लेकिन हैरानी का विषय है कि पंजाब सरकार के अधिकारी वर्ग को यह आंकड़े क्यों नहीं दिखाई दे रहे।


पंजाब में औसत से अधिक है लोहे की खप्त
यदि पंजाब की जमीन स्तर को देखा जाए तो पंजाब में लोहे की खप्त केंद्र सरकार के आंकड़ों से अधिक है, क्योंकि पंजाब में आम प्रदेशों की अपेक्षा अधिक लोहे का सामान बनता है, इसमें लोहा के उत्पाद से बने हुए नट-बोल्ट, सक्रियू, स्टील के बर्तन, गियर पार्ट्स, ऑटो पार्ट्स, मोटर पार्ट्स, ट्रैक्टर पार्ट्स हार्डवेयर सहित लोहे के सामान की बड़ी औद्योगिक इकाइयां हैं और यहां से यह माल दूसरे देशों को निर्यात भी होता है। पंजाब की मंडी गोविंदगढ़, लुधियाना, अमृतसर, लोहे के गढ़ माने जाते हैं, जहां से दूसरे प्रदेशों में भी माल बनकर जाता है, जबकि यहां की फर्नेस  मिलो को कई प्रदेशों का माल आता और जाता रहता है।


नई टीम से है पंजाब को रैवेन्यू की उम्मीद 
पंजाब में नवनियुक्त वित्त सचिव ए. वेनू प्रसाद, एक्साइज एंड टैक्सेशन कमिश्नर नीलकंठ और एक्साइज के कमिश्नर रजत अग्रवाल (तीनों आई.ए.एस) से विभाग को काफी उम्मीद है कि इनके आने से टैक्स माफिया का नैक्सेस टूटेगा। सर्वविदित है कि पिछले वर्षों में कुछ अधिकारियों के आशीर्वाद से टैक्स माफिया का गठन हुआ था। हालांकि कालांतर में उनकी बदली के बाद टैक्स माफिया अनाथ हो गए थे, लेकिन प्रदेश में पहले से उनकी गठित हुई टीम ने टैक्स माफिया को गिरते-गिरते थाम लिया था और फिर काम करने का मौका दे दिया था। इनका गठबंधन आज भी जिंदा है, जिसके कारण टैक्स माफिया को किसी का खौफ नहीं है, जबकि उपरोक्त तीन अधिकारियों के आने पर टैक्स माफिया का अस्तित्व  फिर खतरे में आता दिखाई दे रहा है, जिससे पंजाब के रेवेन्यू पर काफी बेहतर असर होगा।


कुल जी.एस.टी. में लोहे का हिस्सा
पंजाब को प्रति महीने लगभग 1100 करोड़ रुपए का जी.एस.टी. मिलता है, लेकिन यदि लोहे के व्यापार पर टैक्स माफिया को रोका जाए तो अकेले नए लोहे से ही पंजाब के कुल जी.एस.टी. को 40 परसैंट सपोर्ट मिल सकती है, लेकिन शायद पंजाब के रैवेन्यू में लोहे का 10 प्रतिशत भी योगदान नहीं है, जबकि बाकी का सब कुछ टैक्स माफिया हजम कर जाता है।


सहायक कमिश्नर ने प्रश्न पूछने पर तुरंत फोन काटा 
संबंधित मामले में मंडी गोविंदगढ़ की सहायक कमिश्नर मैडम बत्तरा से संपर्क करने पर जैसे ही उनसे प्रश्न पूछा गया तो उन्होंने प्रश्न को सुनते ही तुरंत फोन काट दिया, बाद में कई बार कॉल करने पर उन्होंने फोन नहीं उठाया।

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