अगर हो रही है Heart Beat ऊपर-नीचे तो सावधान! करें ये काम
punjabkesari.in Thursday, Sep 11, 2025 - 10:46 PM (IST)

लुधियाना (सहगल): युवा ही नहीं बढ़ती आयु के लोगों में भी अनियमित धड़कन एक आम विकार पाया जा रहा है। अधिकतर मामलों में इसे पेट से जुड़े रोगों अपच, बदहजमी आदि से जोड़कर भी देखा जाता है। परंतु जब कई दिनों तक दिल की धड़कन नियमित न हो तो इसकी जांच करानी चाहिए, क्योंकि यह दिल के रोगों का संकेत भी हो सकता है।
यह जानकारी देते हुए हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. हरसिमरन सिंह ने बताया कि प्राथमिक स्तर पर आवश्यक टेस्ट करवा कर यह पता लगाया जा सकता है कि अनियमित धड़कन का कारण दिल के विकारों के अलावा हार्ट वाल्व में कोई दिक्कत तो नहीं है।
उन्होंने आगे बताया कि अनियमित दिल की धड़कन का अर्थ है कि आपका दिल बहुत तेज, बहुत धीमी गति से या असामान्य लय के साथ धड़क रहा है। यह हृदय के विद्युत संकेतों में गड़बड़ी के कारण होता है, जो इसकी पंपिंग क्रिया को नियंत्रित करते हैं। कुछ अनियमित धड़कन हानिरहित होती हैं, लेकिन अन्य गंभीर हो सकती हैं और स्ट्रोक या दिल की विफलता जैसी जटिलताओं को रोकने के लिए चिकित्सा उपचार की आवश्यकता हो सकती है।
डॉक्टर से कब मिलें
डा. हरसिमरन सिंह के अनुसार कुछ अनियमित दिल की धड़कनें सामान्य हैं (जैसे व्यायाम के दौरान), खेलों में भाग लेना, ज्यादा दूरी तक तेज कदमों से चलने पर सांस फूल जाना, धड़कन का तेज होना, ज्यादा पसीना आना बार-बार होने वाले लक्षणों के लिए चिकित्सकीय जांच जरूरी है। अगर आपको चक्कर आना, छाती पर भार महसूस होना, बेहोशी, सांस लेने में तकलीफ़, दिल की धड़कन तेज होना (धड़कन बहुत तेज होना या धड़कन रुकने का एहसास) जैसे लक्षण दिखाई दें तो चिकित्सकीय सहायता लें।
कैसे होती है जांच
प्रारंभिक स्तर पर कुछ ब्लड टेस्ट, ईसीजी, ईकोकार्डियोग्राफी तथा हॉल्टर मॉनिटर लगाकर जांच की जाती है। इसमें एक छोटी सी डिवाइस को 24 घंटे के लिए मरीज के शरीर पर लगाया जाता है, जिससे व्यक्ति की धड़कन को लगातार मॉनिटर किया जाता है। बाद में इसका आकलन विशेषज्ञों द्वारा किया जाता है।
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