पुलिस रेंजों में आई.जी. तैनात करने के बिल पर मोहर

punjabkesari.in Thursday, Mar 29, 2018 - 10:05 AM (IST)

चंडीगढ़ःपंजाब विधानसभा के बजट सत्र के आखिरी दिन पंजाब पुलिस (संशोधन) बिल, 2018 पर विधानसभा ने मोहर लगा दी। इससे राज्य में पुलिस रेंज स्तर पर आई.जी. स्तर के अधिकारियों को तैनात करने और साथ ही पंजाब पुलिस में स्पैशल ऑप्रेशंस ग्रुप तैयार करने का प्रावधान किया गया है। सदन में बिल पेश करते हुए कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने कहा कि इस बिल के जरिए पंजाब पुलिस में ढांचागत स्तर पर बदलाव किया जाएगा। 


बिल पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए ‘आप’ विधायक रूपिंद्र रूबी ने कहा कि जिला पुलिस में भर्ती कई वर्षों से बंद है जबकि पी.ए.पी. और आई.आर.बी. में ही भर्ती चलती रही है। इससे पंजाब के नौजवानों को अपने घर-परिवारों से दूर रहकर ही ड्यूटी करनी पड़ती है। कोई ऐसा प्रावधान किया जाना चाहिए कि उन्हें भी अपने जिलों की पुलिस में जाने का मौका मिले। रूबी ने कहा कि पुलिस को इस महंगाई के समय में भी 200 रुपए राशन मनी के तौर पर देना उचित नहीं है, इसमें भी बढ़ौतरी होनी चाहिए। 

‘आप’ विधायक एच.एस. फूलका ने कहा कि पुलिस मुलाजिमों के ड्यूटी घंटे तय करने चाहिएं। पुलिस के राजनीतिकरण के मामले पर कैप्टन अमरेंद्र को उनका वायदा याद दिलाते हुए फूलका ने कहा कि पुलिस थानों में पिछली सरकार की ही तरह विपक्षी विधायकों की नहीं बल्कि हलका इंचार्जों की ही चलती है।


नेता विपक्ष सुखपाल सिंह खैहरा ने कहा कि जो मेरे साथी एच.एस. फूलका ने बात उठाई है शायद इस बिल का मकसद वही है कि पिछली अकाली सरकार द्वारा विधानसभा पर आधारित थानों के इलाके में किए बदलाव को पुराने सिस्टम पर लाया जाना है। खैहरा ने सी.एम. से मुखातिब होते हुए कहा कि लोगों को आपसे बहुत उम्मीदें हैं जो कि बादलों के बारे में नहीं कहा जा सकता। यदि आपने भी पुलिस का मिस्यूज करना है तो कैसे चलेगा क्योंकि हो सकता है कि आपके पास सूचनाएं न पहुंचती हों लेकिन निचले स्तर पर पुलिस का इस्तेमाल पहले की ही तरह चल रहा है। 


इस पर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने कहा कि साथी विधायकों को एक बात समझनी चाहिए कि यह बिल किस मकसद से है और उनकी बात किसकी है। कैप्टन ने कहा कि यह बिल पुलिस प्रबंधन में आर्गेनाइजेशनल मुद्दे से जुड़ा है जबकि विधायक जो बात कर रहे हैं वह एग्जीक्यूशन से संबंधित है। इसके बाद स्पीकर राणा के.पी. सिंह द्वारा सदन की कार्रवाई आगे बढ़ाते हुए विधायकों की सहमति से उक्त बिल को पास कर दिया गया।
 

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