19 मार्च 2018 से पहले विकसित अवैध कॉलोनियां होंगी रेगुलर

punjabkesari.in Wednesday, Oct 03, 2018 - 07:32 PM (IST)

जालन्धर(धवन): मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह की मंजूरी के बाद राज्य में 19 मार्च 2018 से पहले विकसित हुई अवैध कालोनियों, अवैध प्लाटो व इमारतों को रैगुलर करने का महत्वपूर्ण फैसला राज्य सरकार द्वारा ले लिया गया है। पंजाब कैबिनेट ने भी इस पर अपनी मोहर लगा दी है। 

सरकारी हलकों से पता चला है कि काफी समय से अवैध कालोनियों व प्लाटों का मामला लटका पड़ा था। अब कैप्टन सरकार द्वारा अवैध कालोनियों को रैगुलर कर देने के बाद अब राज्य में सभी जिलों में संबंधित प्लाट धारकों को एन.ओ.सी. मिलने का रास्ता साफ हो गया है। सरकारी फैसले के बाद रजिस्ट्रयां होने का जो कार्य बीच में लटका पड़ा था उस कार्य में भी अब तेजी आ जाएगी। राज्य के कोलोनाइजर व प्लाट धारक काफी देर से नई नीति का इंतजार कर रहे थे। 

सरकारी हलकों ने बताया कि मुख्यमंत्री ने संबंधित विभागों को निर्देश दिए हैं कि 19 मार्च 2018 के बाद बनने वाली अवैध कालोनियों व अवैध प्लाटधारकों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाए तथा भविष्य में सरकारी मंजूरी के बाद कोई भी अवैध कालोनी काटी न जाए। इसलिए अब कोलोनाइजरों को सरकार के पास आवेदन करके कालोनियों को रैगुलर करवाना पड़ेगा। मुख्यमंत्री कार्यालय के सूत्रों ने बताया कि अब इन कालोनियों में रहने वाले लोगों को आधारभूत नागरिक सुविधाएं जैसे वाटर सप्लाई, सीवरेज, बिजली व सड़क को नैक्टिविटी आदि मिल सकेंगी।

बताया जाता है कि मुख्यमंत्री ने यह निर्देश दिए हैं कि अवैध कालोनियों को तुरन्त रैगुलर बनाने के लिए अधिकारियों की कमेटी गठित की जाए। रैजीडैंट वैल्फेयर एसोसिएशन भी कालोनी को रैगुलर करने के लिए आवेदन कर सकेंगे। जिन कालोनियों में उनका स्वामित्व कोलोनाइजर के हाथों में नहीं होगा वहां रैजीडैंट वैल्फेयर एसोसिएशन के आवेदन को अनिवार्य माना जाएगा।सरकारी कार्रवाई करने के बाद कालोनियों का स्वामित्व वैल्फेयर एसोसिएशनों के हवाले कर दिया जाएगा। इन अवैध कालोनियों में सड़कों व पार्कों के लिए रखा गया क्षेत्र लोकल अथॉरिटी के नाम पर ट्रांसफर कर दिया जाएगा तथा बाद में यह क्षेत्र विकसित करने के बाद रैजीडैंट वैल्फेयर एसोसिएशनों को सौंप दिया जाएगा। तब तक इन क्षेत्रों को विकसित करने की जिम्मेदारी कोलोनाइजरों के कंधों पर होगी।

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