धड़ल्ले से सतलुज में चल रही अवैध माइनिंग, जरूरत से ज्यादा निकाली जा रही रेत
punjabkesari.in Sunday, Jun 27, 2021 - 11:25 AM (IST)
फिल्लौर (भाखड़ी): हर वर्ष बरसात के मौसम में सतलुज दरिया उफान होता है और दरिया के कई बांध टूट कर दरिया के किनारों पर बसे लोगों के लिए आफत का काम करता है। कई दिनों तक लोग अपने बच्चों औऱ पशुओं को बचाने की खातिर इधर से उधर भटकते हैं लेकिन प्रशासन हर वर्ष की गल्तियों से कोई सबक नहीं सीखता। सतलुज दरिया पर धड़ल्ले से अवैध माईनिंग का कारोबार चल रहा है। दरिया पर सफाई के नाम पर रेत निकाल कर बेचा जा रहा है। नियमों के अनुसार रेत निकालने के लिए 10 फुट तक खुदाई की जा सकती है ठेकेदार के लोगों ने 20 फुट से भी ज्यादा गहरे खढ्ढे खोद दिए है।
बांध को पड़ गया खतरा
नियमों के मुताबिक दरिया से रेत निकालते वक्त 10 फुट तक खड्डा खोदा जा सकता है जबकि वहां 20 फुट से भी ज्यादा गहरे खड्डे खोद दिए गए हैं जिसके कारण दरिया के किनारों पर बने बांध टूटने का खतरा पैदा हो गया है। अधिक गहराई पर रेत निकालने के कारण पानी बांध के आसपास की जमीन को नर्म कर देता है जिसके कारण बांध के टूटने की संभावना बढ़ जाती है। हर वर्ष ऐसा होता है लेकिन प्रशासन माईनिंग करने वालों पर सख्ती नहीं कर पाता जिसका खमियाजा दरिया के किनारे रहने वालों को भुगतना पड़ता है।
प्रशासन ने नहीं सीखा कोई सबक
सतलुज दरिया के नजदीक लगते गांव सेलकीयाना में खुलेआम अवैध माईनिंग का काम चल रहा है। सरकार द्वारा इन खड्डों की निलामी करते वक्त कुछ नियम और शर्तें रखी जाती है। लेकिन ठेकेदार द्वारा किसी भी नियम कानून की कोई पालना नहीं की जा रही। पहली बात तो यह है कि दरिया में से जो रेत निकालना होता है वह दरिया के बीच से निकाला जाना होता है। जिस से बांध को कोई नुकसान ना पहुंचे। उसके उल्ट ठेकेदार द्वारा बिल्कुल किनारे और बांध के नजदीक से रेत निकाला जा रहा है। जिस से अगर पीछे से बरसातों में ज्यादा पानी छोड़ा गया बांध इतना कमजोर पड़ चुका है और बाढ़ आने जैसे हालात पैदा हो सकते है। गत वर्ष आई बाढ़ से भी प्रशासन ने कोई सबक नहीं सीखा। दरिया का बांध टुटने से 100 से ज्यादा गांव बाढ़ के पानी में डूब गए थे।
शिकायतों पर अधिकारी खामोश
गांववासी प्रीतम सिंह, तेजिंदरपाल, हरपाल सिंह, बिल्ला राम और समाजसेवी बलबीर राम ने बताया कि सेलकीयाना और दरिया के साथ लगते कुछ अन्य गांव जहां से ठेकेदार के लोग अवैध रूप से रेत निकाल रहे है उस से उनके गांव जो जाने वाले रास्ते पूरी तरह से तबाह हो चुके है। उनके खेतों को जाने वाले रास्ते का आलम तो यह हो चुका है कि वहां ट्रैक्टर पर भी नहीं पहुंचा जा सकता। दरिया पर चल रही अवैध माईनिंग की कई बार शिकायतें कर चुके है। कुछ दिन पहले भी वहां अधिकारी आकर दौरा कर चुके है। मात्र खानापूर्ति के सिवाए कोई नतीजा नहीं निकला, अवैध माईनिंग का काम जस का तस चल रहा है।
कमेटी जल्द सौंपेगी रिपोर्टः एस.डी.एम.
इस संबंध में जब एस.डी.एम. डा. विनीत शर्मा से बात की तो उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि डी.सी. जालंधर द्वारा मिलने वाली शिकायतों को लेकर एक कमेटी गठित की गई है। जिसमें चार विभागों के अधिकारी लगाए गए है जो जल्द अपनी रिपोर्ट उन्हें सौंप देंगे। फिक्स रेट से दोगुणे से भी ज्यादा रुपये वसूली पर उन्होंने स्पष्ट किया की रेत बेचने का सरकारी रेट 9 रुपये फुट है अगर ठेकेदार ज्यादा रेट वसूल रहा है तो इसकी जांच करवाई जाएगी। अगर उन्हें ऐसी कोई शिकायत भी मिलती है तो तुरंत कारवाई की जाएगी। उन्होंने कहा बरसातों के मौसम को देखते हुए दरिया का निरक्षिण करवाया जा रहा है जिस से बाढ़ आने जैसे कोई हालात पैदा ना हो सके।
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