पंजाब में रेलवे टिकट बुकिंग रैकेट हुआ ब्रेक, कर रहे थे इस App का इस्तेमाल

punjabkesari.in Thursday, Jan 21, 2021 - 12:14 PM (IST)

लुधियाना(गौतम): अलग-अलग फर्जी आर्ड.डी. बना कर अवैध रूप से आई.आर.सी.टी.सी. की वैब साइट से टिकट बुक करवाने के आरोप में रेलवे सुरक्षा बल (आर.पी.एफ.) की टीम ने गिरोह का पर्दाफाश करने का दावा किया है। पुलिस ने इस गिरोह की सहायता करने के आरोप में 2 रेलवे मुलाजिमों को भी नामजद किया है। आरोपियों के खिलाफ स्पैशल रेलवे एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है। आरोपियों को कोर्ट में पेश कर पुलिस रिमांड पर लिया गया है।

पुलिस ने गिरोह के लोगों की पहचान 2 रेलवे मुलाजिमों समेत राम कुमार, हरीश, ललित व बब्बू के रूप में की है, जोकि अलग-अलग स्थानों पर अपनी अवैध रूप से एजैंसियां चला रहे थे। पुलिस ने आरोपियों से विभिन्न स्थानों के लिए बुक किए गए 1.5 लाख रुपए मूल्य के 84 टिकट बरामद किए हैं। इसके अलावा आरोपियों से लैपटॉप, कम्प्यूटर, प्रिंटर, मोबाइल व अन्य सामान भी बरामद किया है। जांच के दौरान आरोपियों से कई सुराग मिले हैं। कमाडैंट अफसर अनिल कुमार ने बताया कि अभी मामले की जांच की जा रही है, इससे कई अन्य सुराग मिलने की संभावना है। आरोपियों के अन्य साथियों को लेकर भी तलाश की जा रही है।

लॉकडाऊन के बाद हुए थे सक्रिय
सूत्रों के अनुसार चारों आरोपियों ने लॉकडाऊन खत्म होने के बाद जब रेल विभाग की तरफ से स्पैशल ट्रेनें चलाई गई तो अपना गौरखधंधा शुरू कर दिया। आरोपी ढंडारी, फिल्लौर व जगराओं स्टेशनों पर रिजर्वेशन सैंटर पर तैनात रेलवे मुलाजिमों से सांठगाठ कर लेते थे। रिजर्वेशन सैंटर पर बुकिंग के लिए आने वाले लोगों को यह रेलवे मुलाजिम इन लोगों का मोबाइल नंबर देकर उनके पास भेज देते थे। गिरोह के सदस्य तत्काल में टिकट बुकिंग करने के एक सीट के लिए 300 से 500 रुपए तक लेते थे और उसमें से रेलवे मुलाजिमों को भी पैसे देते थे। तत्काल बुकिंग के अलावा यह लोग स्पैशल ट्रेनों की टिकट भी बुक करते थे। जांच के दौरान टीम को पता चला कि आरोपी पिछले समय में 10 लाख रुपए से अधिक की टिकटों की बुकिंग करवा चुके हैं। आरोपियों ने दर्जन से अधिक फर्जी आई.डी. बना कर रखी हुई थी।

साइबर सैल की टीम से मिले इनपुट, एप से करते थे बुकिंग
सूत्रों के अनुसार टीम को दिल्ली हैड आफिस में तैनात साइबर सैल की टीम से इनपुट मिले, जिसकी जांच को आगे बढ़ाते हुए आर.पी.एफ. की टीम उन तक पहुंच गई। स्थानीय टीम ने मुखबिर की सूचना के आधार पर भी पहले कई आरोपियों को गिरफ्तार किया था। जिनकी जांच से पता चला था कि तत्काल स्पार्क, रियल मैंगों, तत्काल प्लस के अलावा अन्य मोबाइल एप की सहायता से अवैध टिकट बुक करवाने का धंधा करते थे। आरोपी बेंगलुरू, बंगाल व विदेशियों को दोबारा बनाए गए इन मोबाइल एप को खरीद कर अपने गौरख धंधे में प्रयोग करते थे। 

स्थानीय टीम ने पहले भी लॉकडाऊन खुलने के बाद अलग-अलग स्थानों से 13 अवैध रूप से टिकट बुक करने वाले लोगों को पकड़ा था, जिनसे पुलिस ने करीब 3 लाख रुपए के 230 बुक टिकट बरामद की थी। इन आरोपियों में गगन, रोहित, संजय, सुमन, मोहम्मद वसीद, मोहम्मद शहनाज, शामिद आलम, पंकज, विशाल, जतिंदर, सन्नी, चंदन, रंजन इत्यादि शामिल थे। जिनके खिलाफ भी पुलिस ने स्पैशल रेलवे एक्ट के अधीन मामला दर्ज किया था। जिन्हें बाद में ज्यूडिशियल रिमांड पर भेजने के बाद जमानत पर छोड़ दिया गया है।

एप से बढ़ाते है स्पीड
साइबर विशेषज्ञों के अनुसार आई.आर.सी.टी.सी. की वैबसाइट से सुबह जनरल व ए.सी. के लिए तत्काल बुकिंग खुलती है तो पूरे देश में एकदम बुकिंग शुरू हो जाती है। जिस कारण साइट धीरे-धीरे काम करती है, लेकिन यह तकनीकी तौर पर एप से जोड़ कर इसकी स्पीड बढ़ा लेते थे और जल्द से जल्द टिकट बुक करते थे।


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Sunita sarangal

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