किसान आंदोलन का असर: कई भाजपा नेता अब निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में लड़ रहे चुनाव

punjabkesari.in Thursday, Feb 04, 2021 - 10:59 AM (IST)

पंजाब: पंजाब में 14 फरवरी को होने वाले नगर-निगम चुनाव सियासत में गर्म मुद्दा बनते जा रहे है। सभी राजनितिक पार्टियां पूरे जोरो शोरों से इसकी तैयारियों में लगी हुई है। कही उम्मीदवारों के नाम घोषित हो रहे है वही बीजेपी को इस बार संकट से गुजरना पड़ रहा है। किसान आंदोलन के कारण चुनावों का समीकरण इस बार बदल गया है। क्योंकि किसान संघर्ष के चलते अब बीजेपी नेता भाजपा के चुनाव चिह्न पर लड़ने से कतरा रहे है। इसकी बजाय उनका ध्यान अब आजाद उम्मीदवार के तौर पर खड़े होने का हो रहा है।   

अभी भी पूरे उम्मीदवार नहीं उतारे 
दोआबा में 22 शहरी स्थानीय निकायों में से जालंधर, होशियारपुर, कपूरथला और शहीद भगत सिंह नगर में भाजपा18 यूएलबी में सभी सीटों पर उम्मीदवार नहीं उतार पाई है। वहीं भाजपा के कपूरथला के जिला अध्यक्ष राकेश दुग्गल ने कहा कि उन्होंने 50 में से 38 वार्डों में अपने उम्मीदवार खड़े किए। इतना ही नहीं किसान आंदोलन के चलते अधिकतर पूर्व पार्षद भी इन दिनों अपना चुनाव प्रचार बिना पार्टी के चुनाव चिन्ह और नेता के फोटो के बिना कर रहे हैं। जिसको लेकर पंजाब भाजपा के अध्यक्ष अश्वनी कुमार शर्मा ने कड़ा नोटिस लिया है। 

ये लोग निर्दलीय चुनाव लड़ने का कर चुके है ऐलान
भाजपा के बठिंडा जिले के अध्यक्ष विनोद कुमार बिंटा, भुच्चो मंडी नगरपालिका से निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं। आनंदपुर साहिब के 3 प्रत्याशी जिनमें वार्ड नंबर 5 से प्रवीन कौशल, वार्ड नंबर 6 से दलजीत सिंह कैंथ और वार्ड नंबर 7 से सोनिका मेहता ने भाजपा के चुनाव चिह्न से चुनाव लड़ने पर मना किया है इसी के साथ उन्होंने आजाद चुनाव लड़ने की घोषणा की है।

गौरतलब है कि पंजाब में किसान आंदोलन के चलते भाजपा को संकट के दौर से गुजरना पड़ रहा है। किसानों द्वारा तीखी आलोचना के साथ-साथ भाजपा नेताओं का घेराव किया जा रहा है। 
 

Tania pathak