PSEB के 8वीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए जरूरी खबर, परीक्षा को लेकर लिया गया ये फैसला

punjabkesari.in Wednesday, Aug 09, 2023 - 10:32 AM (IST)

मोहाली (नियामियां): पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड ने 8वीं कक्षा से संबंधित वार्षिक परीक्षाओं का पैटर्न बदल दिया है। अब आधे से ज्यादा काम स्कूल स्तर पर ही होगा। शैक्षणिक वर्ष 2023-24 में विषयवार पैटर्न को तीन श्रेणियों (ए, बी, सी) में बांटा गया है। ग्रुप ए और बी से संबंधित सभी 21 विषयों के प्रश्न पत्र स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा ही जारी किए जाएंगे। जो नया बदलाव किया गया है उसके अनुसार वार्षिक परीक्षा में हर छात्र को 9 विषयों में 600 अंकों की परीक्षा देनी होगी, जिसमें ग्रुप ए के सभी 6 विषयों में पास होना जरूरी है। इसी तरह ग्रुप बी के 15 विषयों में से कोई तीन विषयों का चुनाव करना होगा। नए आदेशों के अनुसार प्रेक्टिकल परीक्षा वाले विषयों में सिर्फ कंप्यूटर साइंस का मूल्यांकन ही बोर्ड द्वारा किया जाएगा जबकि शारीरिक शिक्षा सहित 12 विषयों का मूल्यांकन अब स्कूल स्तर पर ही होगा। नए पैमाने के अनुसार हर एक परीक्षार्थी को पास होने के लिए लिखित, प्रेक्टिकल और आंतरिक मूल्यांकन मिलाकर 33 प्रतिशत अंक प्राप्त करने होंगे। बेशक किसी विद्यार्थी ने लिखित परीक्षा में केवल 25 प्रतिशत अंक ही प्राप्त किए हों। 

तीसरे ग्रुप सी में सिर्फ 'स्वागत जिंदगी' विषय को जगह दी गई है, जिसे इस साल लिखित परीक्षा की श्रेणी से बाहर कर दिया गया है। बोर्ड प्रबंधन ने बड़ा फैसला लेते हुए चालू शैक्षणिक वर्ष की वार्षिक परीक्षाओं में विशेष योग्यता वाले विद्यार्थियों की परीक्षा एवं मूल्यांकन स्कूल स्तर पर ही लेने का फैसला लिया है। इनके अंक स्कूल प्रमुख बोर्ड को भेजेंगे। आदेशों के अनुसार ग्रुप-ए के सभी 6 विषयों में से प्रति विषय 80 अंक लिखित और 20 अंक आंतरिक मूल्यांकन के लिए रखे गए हैं। इसी तरह ग्रुप बी के विषयों में कंप्यूटर साइंस में 100 अंकों में 40 अंकों का प्रेक्टिकल और 20 अंक आंतरिक मूल्यांकन के तय किए गए हैं। भाव इस विषय में केवल 40 अंकों का लिखित पेपर देना होगा बाकी अंक आंतरिक मूल्यांकन और प्रेक्टिकल के लिए जाएंगे। 

अगर किसी विषय की लिखित परीक्षा के 40 अंकों में से 10 अंक को परीक्षार्थी प्राप्त कर लेता है तो वह प्रेक्टिकल और आंतरिक मूल्यांकन के अंक प्राप्त करने के योग्य हो जाएगा। इसी तरह स्वास्थ्य एवं शारीरिक शिक्षा विषय की प्रायोगिक परीक्षा 50 जबकि कृषि एवं गृह विज्ञान विषय में 40-40 अंक की प्रायोगिक परीक्षा तय कर दी गई है। यह भी फैसला लिया गया है कि अगर किसी परीक्षार्थी ने पंजाबी, हिंदी, उर्दू को प्रथम भाषा के रूप में चुना है तो वह उसी विषय को दूसरी भाषा के रूप में नहीं चुन सकेगा। माना जा रहा है कि  बोर्ड के इस फैसले के बाद छात्रों के लिए पास होना आसान और स्कूल स्तर के काम बढ़ जाएंगे। 

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News Editor

Kalash