Chandigarh में 44 प्रतिशत महिलाएं मोटापे का शिकार, पढ़े पूरी खबर
punjabkesari.in Saturday, Mar 01, 2025 - 12:23 PM (IST)
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चंडीगढ़: मौजूदा जीवन शैली नॉन कम्युनिकेबल डिजीज में बड़ी वजह बन रही है। समय रहते बीमारियों का डायग्नोज होना बहुत जरूरी है, ताकि शुरूआती समय में इलाज शुरू हो सके। डायबटीज, दिल की बीमारियां, हाई ब्लड प्रैशर और कैंसर नॉन कम्यूनिके बल डिजीज (एन.सी.डी.) में सबसे ऊपर है। एन. सी. डी. की रोक थाम और नियंत्रण के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम के तहत, डायबटीज, हाई ब्लड प्रेशर, ओरल कैंसर, ब्रैस्ट कैंसर और गर्भाशय कैंसर की जांच हैल्थ विभाग कर रहा है।
एन.सी.डी. बीमारियों को देखते हुए राष्ट्रीय पोषण संस्थान ने आहार पर नए दिशा-निर्देश दिए हैं, जिसमें अनुमान लगाया गया है कि 56.4 प्रतिशत भारत में कुल बीमारियों का बोझ गलत खान पान के कारण है। पी.जी.आई. में स्कूल ऑफ पब्लिक की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. पूनम खन्ना कहती हैं कि उनके आंकड़ों के अनुसार चंडीगढ़ में 44 प्रतिशत महिलाएं मोटापे से ग्रस्त हैं, जिसका कारण खराब जीवनशैली है। डॉ. खन्ना कहती हैं कि पुरुषों में मोटापा 34 प्रतिशत है, जबकि पांच साल से कम उम्र के 1.9 प्रतिशत बच्चे अधिक वजन वाले हैं। हम राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण 5 को देखें, तो एन.सी.डी. का बोझ बढ़ रहा है और यह महिलाओं में अधिक है, क्योंकि वे अपने स्वास्थ्य को अनदेखा करती हैं।अब तक 30 साल से ऊपर के 70 प्रतिशत लोगों की स्क्रीनिंगः हैल्थ निदेशक डॉ सुमन सिंह की मानें तो प्रोग्राम के तहत 30 साल से ऊपर के लोगों की यह स्क्रीनिंग कर रहे हैं। 31 मार्च तक हमारा लक्ष्य 30 साल से ऊपर के लोगों को कवर है। अब तक 70 प्रतिशत आबादी को कवर कर चुके हैं। इस अभियान में चंडीगढ़ के सभी हैल्थ एंड वैलनेस सेंटर्स में एन. सी. डी. स्क्रीनिंग की जा रही है। डॉ. सिंह ने कहा कि एन.सी.डी. स्क्रीनिंग के लिए लोगों की बड़ी संख्या देखी जा रही है। सभी स्क्रीनिंग किए गए लोगों के लिए निःशुल्क टैस्ट, दवाएं और फॉलो अप सुनिश्चित किया गया है। एन.सी.डी. के अलावा टी. बी. और एच. आई.वी. टैस्टिंग पर भी ध्यान दे रहे हैं। इस अभियान में आ रहे परिणामों को एन.सी. डी. पोर्टल पर रोजाना अपडेट किया जाता है और सभी डायग्नोज किए गए मरीजों को इलाज दिया जाता है। यह अभियान लोगों में जागरूकता बढ़ाएगा, जिसमें कवरेज बढ़ाने के लिए फ्रंट लाइन कार्यकर्ताओं का घर-घर जाना शामिल है।
10 प्रतिशत वजन कम कर की जा सकती है एन.सी.डी. की रोकथाम
डायटैटिक्स विभाग की हैड डॉ. जैसी साहनी के मुताबिक मोटापा एक बड़ा कारण है, जिस वजह से डायबटीज, हाई ब्लड प्रैशर, दिल की बीमारियां और कैसर इजाफा होता है। 5 से 10 प्रतिशत वजन कम करने से कई तरह की नॉन कम्युनिकेबल बीमारियों की रोकथाम की जा सकती है या उनमें देरी की जा सकती है। डॉ. साहनी कहती है कि मोटापा बांझपन और फैटी लीवर का बड़ा कारण है। सेंट्रल ओबिसिटी यानी पेट के बीच का मोटापा ज्यादा खतरनाक है, क्योंकि आंतरिक वसा अंगों को घेरे रहती है। कार्बोहाइड्रेट, वसा और प्रोटीन का संतुलित खाने में जरूरी है। हैल्दी और अच्छे खान पान से कई बीमारियों से बचा जा सकता है।