तस्कर देव ने पूछताछ में तीन बड़े तस्करों के नाम बताए

punjabkesari.in Thursday, Jun 21, 2018 - 01:27 AM (IST)

जालंधर(वरुण): कनाडा में ड्रग्स भेजने के केस में पकड़े गए दविंदर उर्फ देव के तार अन्य राज्यों के बड़े तस्करों से जुड़े निकले हैं। देव ईडी से लेकर नार्कोटिक्स क्राइम ब्यूरो को वांटेड था लेकिन हर बार वह पुलिस को चकमा देकर फरार होता रहा। देव ने पूछताछ में तीन बड़े तस्करों के नाम बताए हैं जिन्हें पकडऩे के लिए काउंटर इंटेलीजेंस यूपी, एमपी, कलकता व पश्चिम बंगाल की पुलिस के संपर्क में है। 

रिमांड पर लिए गए दविंदर देव (कनेडियन सिटीजन) खिलाफ उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश व कलकता में भी केस दर्ज है। देव बड़े पैमाने पर वहां के तस्करों साथ मिल कर ड्रग्स विदेशों में भेजा करता था। उसके टोरंटों के कमलजीत के अलावा भी विदेशी तस्करों साथ संबंध होने की बात सामने आई है।

दविंदर उर्फ निर्मल उर्फ देव एमपी, यूपी व कलकत्ता की पुलिस को वांटेंड है। उसकी तलाश ईडी व नार्कोटिक्स क्राइम ब्यूरो को भी थी। देव को ईडी में दर्ज एक केस में सीबीआई की स्पैशल कोर्ट ने 6 जून 2017 को पीओ घोषित किया था जबकि नार्कोटिक्स क्राइम बयूरो के एक केस में वह 9 सितंबर 2017 से भगौड़ा है। देव की पूछताछ में अलफास, घनशाम व बिलाल नाम के बड़े तस्करों के नाम सामने आए हैं जिनसे संपर्क करके वह ड्रग्स खरीदा करता था। इन तीनों तस्करों की तलाश के लिए पंजाब पुलिस वहां की पुलिस से लगातार संपर्क मेें है। मामला विदेश से जुड़े होने के कारण पुलिस अन्य राज्यों की पुलिस से संपर्क करके इन तस्करों की तलाश कर रही है।

आने वाले दिनों में काउंटर इंटेलीजेंस की टीमें एमपी, यूपी, पश्चिम बंगाल में रेड भी कर सकती है। देव ने अभी तक की पूछताछ में बताया कि उसी ने अजीत सिंह को ट्रक में कलकता भेजा था, जहां से वह बिलाल से 15 किलो अफीम का सौदा करके आया था। सारी पेमेंट होने के बाद उन्होंने पंजाब आकर 15 किलो अफीम बांट ली थी। 28 मई को त्रिलोचन व गुरबक्श ने शेखा बाजार स्थित एसआर कोरियर के यहां सुरिंदर सिंह पुत्र श्रवण सिंह निवासी सिंगरीवाली के नाम का नकली वोटर कार्ड देकर कोरियर करवाया जिसके लिए उन्होंने 75 हजार रुपए खर्च किए लेकिन बाद में कोरियर कैंसल कर दिया।

उसी कोरियर में भेजी गई कड़ाहियो में ड्रग्स था जिसे कैंसल करवाने के बाद उन्हें 75 हजार में से 50 हजार वापिस मिले। देव के बड़े तस्करों से संपर्क होने की बात सामने आने के बाद भारत की खुफिया एजैंसियों भी देव से पूछताछ कर सकती है। सारे रैकेट को ब्रेक करने के लिए पंजाब पुलिस अन्य राज्यों की पुलिस के संपर्क में है।

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