PSEB वार्षिक परीक्षा के नाम पर ले चुका लगभग 83 करोड़ की राशि, परंतु नहीं ली परीक्षा

punjabkesari.in Wednesday, Apr 28, 2021 - 04:04 PM (IST)

मोगा (संदीप शर्मा): पिछले लगभग डेढ़ वर्षों से कोरोना महामारी (Corona Epidemic) के चलते जहां लोगों का हर तरह से कारोबार ठप्प होने के चलते आर्थिक तौर पर बुरा हाल हो चुका है, वहीं अपने बच्चों के भविष्य के लिए और उनकी पढ़ाई को निरंतर जारी रखने के लिए अभिभावकों की तरफ से बोर्ड से संबंधित होने वाली परीक्षाओं की दाखिला राशि का बहुत ही कठिनाई से जुगाड़ कर भुगतान किया गया था। लेकिन कोरोना के हालातों के चलते वर्ष 2020 व इस बार वर्ष 2021 में पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड की ओर से बिना परीक्षा लिए ही आठवीं, दसवीं व बाहरवीं कक्षा के सभी विद्यार्थियों को पास कर दिया गया था।

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वहीं, बता दें कि पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा विद्यार्थियों की बिना परीक्षा दिए ही लगभग 83 करोड़ रुपए कमा लिए गए हैं। शायद यह पहला उदाहरण है कि बच्चों ने पेपर भी नहीं दिए, लेकिन उनसे परीक्षा शुल्क के नाम पर लिए गए पैसे को लेकर पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड करोड़पति बन बैठा है। प्रदेश में दसवीं की कक्षा के विद्यार्थियों से 1100 रुपए प्रति विद्यार्थी के हिसाब से 36 करोड़ रुपए से अधिक की राशि एकत्रित की गई।

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इसी तरह 12वीं के विद्यार्थियों से 15-15 सौ रुपए प्रति विद्यार्थी के हिसाब से 47 करोड़ से अधिक की राशि एकत्रित की गई है, जो कुल मिलाकर 83 करोड़ से अधिक की बनती है। इस राशि में से बच्चों को पेपर प्रिंट करवाकर देने के अलावा परीक्षा केन्द्रों में ड्यूटी देने वाले अध्यापकों का खर्च, उनकी मार्कींग कर नतीजा बनाने वाले स्टाफ का खर्च किया जाना था। कोरोना वायरस के चलते जब पेपर ही नहीं हुए और बोर्ड का कोई भी खर्च नहीं हुआ।

ऐसे में सवाल यह पैदा होता है कि क्या अब विद्यार्थियों के पैसे बोर्ड वापस करेगा। अगर नहीं करेगा तो फिर वह 83 करोड़ रुपया कहां व किस फंड में जाएगा। ऐसा लगता है कि कोरोना वायरस (Corona Virus ) तो शिक्षा बोर्ड के लिए कमाऊ साधन बनकर आ गया है। बोर्ड ने पिछले साल भी विद्यार्थियों की परीक्षा नहीं ली थी। सिर्फ कुछ पेपर ही हुए थे। मार्कींग तथा शिक्षकों को दिया जाने वाला शुल्क भी बचा लिया लगता है। कोरोना के चलते बोर्ड अब अमीर हो गया है। बोर्ड के अधिकारी गरीब बच्चों के पैसे वापस करने के बारे में अपना मुंह नहीं खोल रहे हैं, लेकिन अगर कोई बच्चा देरी से परीक्षा शुल्क देता है, तो उससे भारी-भरकम जुर्माना वसूल किया जाता है। प्रदेश की कांग्रेस सरकार इस दिशा में क्या कदम उठाएगी तथा बड़ी-बड़ी बातें करने वाले शिक्षा मंत्री क्या कदम उठाएंगे। यह तो अगले जन्म में देखने वाली बात होगी।

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Content Writer

Tania pathak

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