सियासत के साथ मंहगा शौक, अमेरिका से बादल खरीद लाए 5 करोड़ का घोड़ा

punjabkesari.in Thursday, Jan 17, 2019 - 04:44 PM (IST)

फिरोजपुर, चंडीगढ़। भले ही शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष और पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखबीर बादल के सियासी मोहरे (टकसाली नेता) उनसे छिटक कर आजकल पंजाब में उनके खिलाफ महागठबंधन खड़ा करने जा रहे हैं, पर बादल साहब आजकल घोड़ों पर दाव लगा रहे हैं। हैरान न हो यहां हम उनके सियासी घोड़ों की बात नहीं कर रहे हैं। आपको बताने जा रहे हैं कि सुखबीर बादल को मंहगी नस्ल के घोड़े पालने का बहुत ही ज्यादा शौक है। कुछ दिन पहले ही उन्होंने अमरीका से पांच करोड़ रुपए का एक घोड़ा खरीदा है। इस बात का खुलासा मुक्तसर में माघी मेले में लगी घोड़ों की प्रदर्शनी में हुआ है।

घोड़े बिकाऊ नहीं हैं, "साहब ने शौक के लिए पाले हैं"...

हाल ही में श्री मुक्तसर साहिब में लगी माघी मेले की घोड़ा मंडी में सुखबीर बादल के 20 घोड़ों की प्रदर्शनी लगाई गई। घोड़ों की देखभाल करने वाले महेंद्र सिंह व जसवंत सिंह का कहना है कि यह घोड़े बिकाऊ नहीं हैं, साहब ने बस शौक के लिए पाल रखे हैं। प्रदर्शनी में शामिल किए गए इन घोड़ों में अधिकांश विदेशी नस्ल के हैं। बादल साहब के अस्तबल की शान इन घोड़ों को मेले में सिर्फ दिखाने के लिए लाया गया है।

घोड़ों की कीमत ढाई और पांच करोड़...

घोड़ों के दोनों सेवक बताते हैं कि पिछले ही सप्ताह शिअद के प्रधान ने अमरीका में पांच करोड़ का घोड़ा खरीदा है। इसका कद आम नस्ल के घोड़ों से थोड़ा सा ज्यादा है। घोड़े की ऊंचाई 72 इंच के करीब है। पशु मेले में इंग्लैंड से मंगवाए गए कम ऊंचाई के मिस्र पौनी नस्ल के घोड़े भी हैं। इन पर छोटे बच्चे घुड़सवारी का पूरा लुत्फ उठा सकते हैं। घुड़ सेवक बताते हैं कि इंग्लैंड से मंगवाए गए 8 साल के सफेद घोड़े की कीमत ढाई करोड़ है।

घोड़ों की सुरक्षा के भी थे पुख्ता इंतजाम...

बादल साहब के इन घोड़ों को देखने के लिए खासी भीड़ प्रदर्शनी में दिखी। घोड़ों को प्रदर्शित करने के लिए अच्छे खासे टैंट की व्यवस्था भी देखते ही बनती थी। मंहगी नस्ल के घोड़ों की सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम थे। माघी के मेले पर लगने वाली यह घोड़ा मंडी पूरे देश में मशहूर है। मंडी में करोड़ों रुपए का कारोबार होता है। यहां पर देसी और विदेशी नस्ल के घोड़े लाए जाते हैं। इस मंडी में पहली बार सुखबीर बादल के घोड़ों को प्रदर्शनी के लिए लाया गया। घोड़ा मंडी के ठेकेदार जीएस भौण की माने तो बादल के ये घोड़े बिकाऊ नहीं थे, उन्हें सिर्फ दिखाने के लिए ही यहां लाया गया था।

Suraj Thakur