सरकारी कार्यालयों में बढ़ा भ्रष्टाचार: अमन अरोड़ा

punjabkesari.in Friday, May 18, 2018 - 04:53 PM (IST)

चंडीगढ़ः पंजाब सरकार लोगों को सरकारी सेवाएं प्रदान करने में पूरी तरह विफल रही है जिसके चलते कार्यालयों में भ्रष्टाचार बढ़ता जा रहा है। पार्टी के वरिष्ठ नेता अमन अरोड़ा ने सूचना अधिकार एक्ट (आरटीआई) के आंकड़ों तथा लंबित पड़े लाखों निवेदन पत्रों का हवाला देते हुए यहां कहा कि घंटों में होने वाला काम जब सालों तक नहीं होता तो सरकारी दफ्तरों में भ्रष्ट बाबू और दलाल लोगों को पैसे देकर काम करवाने के लिए मजबूर करते हैं। 

अरोड़ा ने कहा कि सिटीजन पोर्टल और सेवा केन्द्रों में अॉनलाइन एप्लीकेशन सिस्टम द्वारा मिलने वाली समयबद्ध सेवाओं के अलावा भी सेवा अधिकार कानून (आरटीआई) के तहत विभिन्न विभागों से संबन्धित 351 सेवाएं ऐसीं हैं जो एक दिन से लेकर 60 दिनों के भीतर निवेदनकर्ता को मुहैया करवानी होती हैं, लेकिन सरकार के जन विरोधी रवैये के कारण कार्यालयों में लोगों को ये सेवाएं महीनों तथा वर्षों में नहीं मिल रही।  

अरोड़ा ने वर्ष 2015 से 2018 तक के सनसनीखेज आंकड़े पेश करते हुए बताया कि सन् 2015 में बुढापा, विधवा पेंशनों के लिए आए कुल 23,382 मामलों में से 3,732 गरीबों और जरूरतमंदों के निवेदन पत्र अभी तक लंबित पडें हैं, जबकि इन मामलों के निपटारे के लिए ज्यादा से ज्यादा 32 दिन लगने थे। सन् 2016 में जन्म और मौत के प्रमाणपत्रों में संशोधन आदि के लिए कुल 10,9,902 निवेदनपत्रों में से 14,150 निवेदनपत्र संबन्धित दफ्तरों में आज तक लटक रहे हैं। उन्होंने बताया कि सेवा अधिकार कानून के अंतर्गत कुल 351 सेवाओं में आनलाइन मिल रही 43 सेवाओं की जानकारी आरटीआई से मिली है जिससे पिछली अकाली-भाजपा और मौजूदा कांग्रेस सरकार की पोल भी खुली है कि निवेदनकर्ताओं से करोड़ों रुपए लेकर भी समय पर उन्हें सेवा नहीं दी है। 

कुल 43.62 लाख निवेदनकर्ताओं से सन् 2015 से मार्च 2018 तक सरकार और सेवा कंपनी ने सुविधा फीस के तौर पर क्रमवार 58.70 करोड़ और 83 करोड़ रुपए वसूले हैं, लेकिन 3.45 लाख निवेदनकर्ता अभी तक भटक रहे हैं। दफ्तरों में काम को लेकर लोगों का सरकार से भरोसा उठ गया है। इसी कारण सेवा केंद्र फेल हो गए हैं और सरकारी दफ्तरों में रिश्वतखोरी काबू से बाहर हो चुकी है। 


 

Vaneet