फौज में करवाता था फर्जी भर्तियां, 3 से 5 लाख रखा था रेट

punjabkesari.in Saturday, Jan 19, 2019 - 06:36 PM (IST)

रूपनगर(विजय): रूपनगर सिटी पुलिस ने भारतीय सेना में एक बड़े भर्ती घोटाले का पर्दाफाश किया है। जिसमें दो दर्जन से अधिक लोगों को जाली दस्तावेज के आधार पर सेना में भर्ती करवाया गया है। पुलिस ने इस घोटाले के सरगना समेत पांच व्यक्तियों को गिरफ्तार कर लिया है। उनसे 48 व्यक्तियों के नकली दस्तावेज, भिन्न-भिन्न अधिकारियों की 63 मोहरें, जिनमें डिप्टी कमिश्नर, एसएसपी, तहसीलदार, म्यूनिसिपल कौंसलर आदि की जाली रबड़ स्टैंप शामिल हैं। पुलिस ने इनके कब्जे से लगभग 8 लाख रुपए और एक कार बरामद की है। 

हरियाणा निवासियों को पंजाब में भर्ती करवाया जाता था
जिला पुलिस प्रमुख स्वप्न शर्मा ने एक प्रेस कांफ्रैंस को संबोधित करते हुए बताया कि यह भर्ती घोटाला वर्ष 2014 से चल रहा है। उन्होंने बताया कि इस गिरोह का सरगना योगेश निवासी सलेम तबरी लुधियाना है, जिसके पिता एक पूर्व सैनिक हैं। यह पहले सैनिकों के संपर्क में आया और उनसे छोटे-मोटे काम करवाता था। जैसे ड्राइविंग लाइसैंस बनाना, राशन कार्ड आदि। इसके बाद इसका संपर्क भर्ती करने वाले अधिकारियों व क्लर्कों से हुआ। योगेश विशेष तौर पर हरियाणा निवासियों को पंजाब में भर्ती करवाता था। इसका संबंध शहर जिंद में फौजी भर्ती की ट्रेनिंग की एक अकादमी चलाने वाले मनजीत व सुनील के साथ था। 

3 से 5 लाख रुपए प्रति उम्मीदवार लेते थे
उन्होंने लगभग 150 व्यक्तियों को भर्ती हेतू इसके पास भेजा और यह सैनिक भर्ती केंद्र लुधियाना के कुछ कर्मचारियों के साथ मिलीभगत कर रहा था। इन्होंने रूपनगर को इसलिए चुना कि रूपनगर एक अद्र्ध नीम पहाड़ी क्षेत्र है और यहां के युवकों को फौज में भर्ती के लिए 5 सैंटीमीटर तक लंबाई में छूट मिलती है। यह गिरोह भर्ती होने वाले उम्मीदवारों के लिए रूपनगर क्षेत्र से जाली निवास पत्र बनाते थे और जाति सर्टिफिकेट भी जाली तैयार करते थे और फिर यह उन्हें भर्ती करने वाले क्लर्कों की मिलीभगत से भर्ती करवा देते थे। जिसके लिए यह 3 से 5 लाख रुपए प्रति उम्मीदवार लेते थे। ?

बोल-चाल के कारण हुआ पर्दाफश
बताया जाता है कि बोल-चाल के कारण इस गिरोह का पर्दाफाश हुआ। योगेश कुछ उम्मीदवारों की पुलिस वैरीफिकेशन के लिए सांझ केंद्र सिटी थाना रूपनगर में आया तो वहां बैठे अधिकारियों को इसकी बोल-चाल के कारण इस पर शक हुआ क्योंकि यह हरियाणवी बोलता था और रूपनगर के क्षेत्रों के नाम सही से नहीं बता रहा था। फिर सांझ केंद्र के अधिकारियों ने अपने स्तर पर इसकी जांच की तो उम्मीदवारों के पते गलत अथवा जाली पाए गए। जिसके पश्चात सांझ केंद्र के अधिकारियों ने एसएचओ सिटी और पुलिस अधिकारियों को सूचित किया। जिसके पश्चात घोटाले का पर्दाफाश हुआ। 

ऐस काम करता था गिरोह
एसएसपी ने बताया कि फिरोजपुर निवासी मनोज एवं अमित जिला फाजिल्का, मोगा, फरीदकोट और फिरोजपुर जिलों के नौजवानों को भर्ती के लिए योगेश के पास भेजते थे। गिरोह की पूछताछ के बाद लुधियाना, ग्वालियर, फिरोजपुर और भुवनेश्वर में तैनात फौजी एनसीओ के नाम सामने आए हैं जो भर्ती अथॉरटीज और फौज में शामिल होने के लिए चार उम्मीदवारों में कड़ी का कार्य करते थे। जिला पुलिस प्रमुख स्वप्न शर्मा ने बताया कि इस घोटाले के संबंध में इसके सरगना योगेश तथा इसके साथी जिंद निवासी मनजीत, सुनील, फिरोजपुर निवासी मनोज व अमित को धारा 420,467, 468, 471 और 320-बी के अंतर्गत गिरफ्तार करके अगली जांच शुरू कर दी गई है। 

Vaneet