बादल परिवार की इंडो-कैनेडियन बसों को लेकर हाईकोर्ट ने दिए ये आदेश

punjabkesari.in Saturday, Feb 11, 2023 - 09:28 AM (IST)

चंडीगढ़(हांडा): पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब स्टेट ट्रांसपोर्ट एपीलैंट ट्रिब्यूनल के आदेश के विपरीत इंडो-कैनेडियन ट्रांसपोर्ट कंपनी के 3 परमिट को बहाल करने के आदेश दिए हैं। इंडो-कैनेडियन ट्रांसपोर्ट कंपनी बादल परिवार से संबंधित है और इनकी बसें अमृतसर से इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा नई दिल्ली तक जाती हैं। 

जस्टिस राज मोहन सिंह की बैंच ने मोटर वाहन अधिनियम 1988 और उसके तहत बनाए गए नियमों के तहत परमिट के साथ-साथ फर्म को दिए गए परमिट के आधार पर ट्रांसपोर्ट फर्म की याचिका को स्वीकार कर लिया। एडवोकेट विभव जैन और उदय अग्निहोत्री के साथ सीनियर एडवोकेट पुनीत बाली के माध्यम से परिवहन कंपनी ने हाईकोर्ट के समक्ष दलील दी कि 18 दिसम्बर-2021 को पंजाब के तत्कालीन परिवहन मंत्री ने आर.टी.ए., पटियाला और प्रवर्तन कर्मचारियों के साथ 3 बसों को इस आधार पर रोका कि वाहन स्टेज कैरिज के रूप में चलाए जा रहे थे। याचिकाकत्र्ता को 23 दिसम्बर 2021 को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि इंडो-कैनेडियन बसों को अनुबंध कैरिज/पर्यटक बसों के रूप में पंजीकृत किया गया था लेकिन उन्हें स्टेज कैरिज बसों के रूप में चलाया जा रहा था। कारण बताओ नोटिस में बिना किसी सहायक दस्तावेज के केवल आरोप शामिल थे।

इसके बाद 31 दिसम्बर-2021 को पंजाब सरकार को एक ई-मेल लिखकर सभी दस्तावेज उपलब्ध करवाने का अनुरोध किया गया था, जिसके आधार पर कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था लेकिन याचिकाकत्र्ता को कोई दस्तावेज उपलब्ध नहीं करवाया गया, जिसके कारण ट्रांसपोर्ट फर्म कारण बताओ नोटिस का जवाब दाखिल नहीं कर सकी। याचिकाकत्र्ता ने आरोप लगाए कि उनकी तरफ से जवाब दिए बिना राज्य परिवहन प्राधिकरण ने एकपक्षीय कार्रवाई की। नियमों और शर्तों के उल्लंघन के कारण मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 86 के तहत परमिट रद्द करने के लिए 7 जनवरी, 2022 को विवादित आदेश पारित किया। बैंच ने इस मामले की सुनवाई के बाद कहा कि याचिकाकत्र्ता अपनी बसों को स्टेज कैरिज के रूप में नहीं चला रहा, बल्कि यात्रा के चरणों में यात्रियों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक नहीं ले जाता है। सभी यात्रियों को निर्धारित गंतव्य पर पहुंचाया जा रहा है।

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Vatika